अयोध्या (श्रीराम जन्मभूमि)
अयोध्या (Ayodhya) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में सरयू नदी के तट पर स्थित एक प्राचीन धार्मिक नगर (Holy City) है. अयोध्या हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इसे मनु ने अयोध्या नाम से बसाया था जिसका अर्थ होता है जिसे युद्ध करके हासिल न किया जा सके. अथर्ववेद (Atharvaveda) इसका उल्लेख देवताओं के अजेय शहर के रूप में करता है. अयोध्या, जिसे साकेत (Saketa) के नाम से भी जाना जाता है, भगवान राम (God Rama) का जन्मस्थान (Birthplace) माना जाता है. रामायण में अयोध्या को प्राचीन कोसल (Kosala) साम्राज्य की राजधानी कहा गया है। इसलिए इसे कोसल भी कहा जाता था. आदि पुराण में कहा गया है कि अयोध्या अपनी समृद्धि और अच्छे कौशल के कारण सु-कोशल के रूप में प्रसिद्ध है. राम के जन्मस्थान के रूप में मान्यता के कारण, अयोध्या को हिंदुओं के लिए सात सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों (Mokshdayini Sapt Puris) में से एक माना गया है. ब्रह्माण्ड पुराण के एक श्लोक में अयोध्या का नाम सबसे पवित्र और सबसे महत्वपूर्ण नगरों में है. गरुड़ पुराण (Garuda Purana) में, अयोध्या को भारत में हिंदुओं के लिए सात सबसे पवित्र स्थानों में से एक कहा जाता है.
अयोध्या में कई उत्सव धूमधाम से मनाए जाते हैं, लेकिन इन सब में रामनवमी (Ram Navami) यहां का सबसे बड़ा त्योहार है जिसे मनाने के लिए दुनिया भर से लोग यहां इकट्ठा होते हैं. यहां कई प्रमुख मंदिर हैं जहां दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.
श्रीराम जन्मभूमि (Shri Ram Janmabhoomi)
यह अयोध्या के रामकोट में स्थित सबसे महत्वपूर्ण स्थल है. यहां राम लला यानी भगवान राम अपने बाल रूप में विराजमान हैं. यह भूमि कई सालों तक विवादों में रही थी जिसपर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विराम लग चुका है. अब यहां भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. 5 अगस्त 2020 को, भारत के प्रधान मंत्री, नरेंद्र मोदी ने एक नए मंदिर की औपचारिक आधारशिला रखी थी
हनुमान गढ़ी (Hanuman Garhi)
हनुमान गढ़ी अयोध्या शहर के केंद्र में स्थित है जहां 76 कदमों से पहुंचा जा सकता है. यहां अयोध्या का सबसे लोकप्रिय हनुमान मंदिर स्थित है किवदंती है कि हनुमान यहां एक गुफा में रहते थे और जन्मभूमि, या रामकोट की रक्षा करते थे. मुख्य मंदिर में मां अंजनी की मूर्ति है, जिनकी गोद में बाल हनुमान विराजमान हैं. मान्यता है कि मंदिर में दर्शन करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
कनक भवन (Kanak Bhawan)
कनक भवन एक मंदिर है जिसे राम की सौतेली मां कैकेयी ने सीता और राम को शादी के उपहार के रूप में दिया था. इस मंदिर में सीता और राम की सोने की मुकुट और आभूषण पहनी मूर्तियां स्थापित हैं.
नागेश्वरनाथ मंदिर (Nageshwarnath Temple)
नागेश्वरनाथ के मंदिर की स्थापना राम के पुत्र कुश ने की थी. किवदंती है कि सरयू में स्नान करते समय कुश ने अपना बाजूबंद खो दिया था, और इसे एक नाग-कन्या द्वारा प्राप्त किया गया था, जिससे उन्हें प्यार हो गया था. चूंकि वह शिव की भक्त थी, इसलिए कुश ने उसके लिए यह मंदिर बनवाया था.
पूर्व ASI अधिकारी केके मुहम्मद ने कहा कि अयोध्या, मथुरा और ज्ञानवापी पर समाधान होना चाहिए और दोनों समुदायों को नए दावों से बचना चाहिए.
रामलला के मंदिर में हुए ऐतिहासिक ध्वजारोहण के बाद देशभर के प्रमुख मंदिरों की ध्वजा परंपरा एक बार फिर सुर्खियों में है. हिंदू धर्म में ध्वज सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि देवता की उपस्थिति, आस्था, मनोकामना और पवित्र ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. हर मंदिर में ध्वज का रंग, आकार, सामग्री और चढ़ाने की विधि अलग होती है.
आजतक के ख़ास कार्यक्रम 'बहस बाजीगर' में इस बार का टॉपिक है- क्या अयोध्या राम मंदिर पर धर्मध्वजा से 'गुलाम सोच का DNA' बदलेगा? इसी सवाल पर तमाम पार्टियों के प्रवक्ताओं में वार-पलटवार देखने को मिला. सभी ने अपने-अपने तर्कों से एक-दूसरे पर जमकर निशाने साधे. देखें सबसे तीखी बहस.
दूरदर्शन पर शुरू होने वाली सीरीज 'जन जन में राम' का ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है. जिसमें नई तरह की रामायण देखने को मिल रही है. जानिए ये टीवी पर कब से आएगी.
राम मंदिर धर्म ध्वजा रोहण पर पाकिस्तान की टिप्पणी पर भारत ने जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हम पाकिस्तान की टिप्पणी को उस अवमानना के साथ अस्वीकार करते हैं जिसके वे हकदार हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान के पास दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक आधार नहीं है, पाखंडपूर्ण उपदेश देने के बजाय, पाकिस्तान को अपने स्वयं के खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड पर ध्यान देना चाहिए. बता दें पाकिस्तान ने अयोध्या के राम मंदिर में पीएम मोदी के ध्वजारोहण पर विरोध जताया था.
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हुआ है. मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां धर्म ध्वज की स्थापना मंदिर के शिखर पर की.
भारत अब चार दशक पुराना भारत नहीं है. अगर हम अपने देश को नया भारत कहते हैं तो हमें उसी अंदाज में चीन और पाकिस्तान को जवाब देना सीखना होगा. हम आज भी चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के साथ आक्रामक तरीके से बयानबाजी क्यों नहीं करते?
रामलला के मंदिर पर धर्म ध्वजारोहण को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि क्या हमारे प्रधानमंत्री किसी मस्जिद के ऊपर जाकर झंडा फहराएंगे. मस्जिद ही नहीं क्या कभी पीएम मोदी किसी चर्च या गुरुद्वारे का झंडा फहराएंगे. वो राम मंदिर का झंडा सिर्फ राजनीतिक फायदा उठाने के लिए फहरा रहे हैं.
अयोध्या में राम मंदिर धर्मध्वजा स्थापना समारोह के बाद राजनीति गरमा गई है. अनुराग भदौरिया ने ध्वजारोहण को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है. समाजवादी पार्टी प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने बीजेपी से पूछा कि आखिर अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद को इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में क्यों नहीं बुलाया गया.
Ayodhya Ram Mandir Dhwajarohan 2025: अयोध्या के श्री रामलला मंदिर के धर्म ध्वजा पर कोविदार वृक्ष का चिह्न भी बनाया गया है. पौराणिक ग्रंथों और आयुर्वेद में इसके गुणों का उल्लेख मिलता है, जो कि प्राचीन काल से औषधीय और सांस्कृतिक रूप से महत्व रखता है.
अयोध्या राम मंदिर के ध्वजारोहण 2025 में कोविदार वृक्ष के चिन्ह का विशेष महत्व. जानें भरत और लक्ष्मण की कथा, आयुर्वेदिक गुण और ऐतिहासिक संदर्भ.
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद शहर में आया बदलाव एक धार्मिक घटना नहीं, बल्कि एक बड़ा आर्थिक परिवर्तन है. रियल एस्टेट विशेषज्ञ अयोध्या को एक लंबी अवधि के निवेश और विकास की कहानी के रूप में देख रहे हैं.
राम मंदिर का निर्माण कार्य संपूर्ण होने के बाद मंदिर के मुख्य शिखर पर सूर्यवंश की पताका यानि धर्मध्वजा फहराने की. लगभग 500 साल बाद लाखों लोगों की ये आस पूरी हुई. और प्रधानमंत्री मोदी इस 'अविस्मरणीय' क्षण के गवाह बने. आज आपको प्रधानमंत्री मोदी का वो संबोधन भी सुनवाएंगे, जिसमें उन्होंने अंग्रेज अफसर मैकाले का भी ज़िक्र किया और ये कहा कि मैकाले ने भारत को मानसिक रूप से गुलाम बनाया और लोगों के दिमाग में ये बिठाया कि पश्चिमी संस्कृति और पश्चिमी देशों की पढ़ाई भारत की पारंपरिक शिक्षा नीति से बहुत आगे है.
प्राण प्रतिष्ठा के 673 दिनों बाद प्रधानमंत्री मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया. सुबह 11.50 बजे अभिजीत मुहूर्त में बटन दबाते ही भगवा धर्म ध्वजा 161 फीट ऊंचे शिखर पर फहराने लगी. सुबह रामायण की नगरी अयोध्या के बाद शाम को गीता की नगरी कुरक्षेत्र प्रधानमंत्री पहुंचे. जहां श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस पर नमन किया.
सैफई में एक शादी समारोह के दौरान सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने बताया कि उन्हें अयोध्या राम मंदिर ध्वजारोहण कार्यक्रम का कोई निमंत्रण नहीं मिला, जबकि वे दिन-रात इंतजार करते रहे. उन्होंने कहा कि उनके परिवार में पीढ़ियों से सभी के नाम ‘राम’ से जुड़े हैं, फिर भी उन्हें नहीं बुलाया गया. उनका बयान सियासत में चर्चा का विषय बन गया है. उन्होंने कहा कि राम के प्रति उनकी आस्था किसी निमंत्रण पर निर्भर नहीं.
अयोध्या का राम मंदिर आज संपूर्ण हो गया. प्राण प्रतिष्ठा के 673 दिनों बाद PM मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया. सुबह 11:50 बजे अभिजीत मुहूर्त में बटन दबाते ही 2 किलो की केसरिया ध्वजा 161 फीट ऊंचे शिखर पर फहराने लगी. PM भावविभोर हो गए. उन्होंने धर्मध्वजा को हाथ जोड़कर प्रणाम किया. ध्वजारोहण से पहले PM मोदी ने मोहन भागवत के साथ मंदिर की पहली मंजिल पर बने रामदरबार में पूजा और आरती की.
राम जन्म भूमि मंदिर का विपक्ष के नेता अब तक बॉयकॉट करते आए हैं. खुलेतौर पर न सही, लेकिन नजरंदाज तो किया ही है. हां, सभी तरफ से राम मंदिर को लेकर राजनीति जमकर हुई. लेकिन, आज मंगलवार को जिस तरह के संकेत अखिलेश के एक ट्वीट से मिले हैं, उससे लगता है कि यूपी में समाजवादी पार्टी की रणनीति बदल रही है.
अयोध्या का राम मंदिर आज संपूर्ण हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंदिर पर प्रभु श्री राम की धर्मध्वजा फहरा दी. प्रधानमंत्री ने इस धर्मध्वजा को भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का प्रतीक कहा. अयोध्या में हुआ ये विशेष ध्वजारोहण एक बार फिर अयोध्या की राजनीति को उभार दे गया है. खुद को नहीं बुलाए जाने पर अयोध्या के समाजवादी पार्टी सांसद अवधेश प्रसाद सवाल उठा रहे हैं, तो कांग्रेस के कुछ नेता और AIMIM प्रधानमंत्री द्वारा धर्मध्वजा के आरोहण पर सेक्युलरिज्म की दुहाई दे रही है.
अयोध्या में आज श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण सम्पन्न हो गया. पीएम मोदी, सीएम योगी और संघ प्रमुख की मौजूदगी में 22 फीट लंबा ध्वज श्रीराम मंदिर के शिखर पर स्थापित कर दिया गया. इस मौके को पीएम मोदी ने राष्ट्र की सांस्कृतिक चेतना का उत्कर्ष काल कहा. पीएम मोदी ने कहा कि सदियों की वेदना आज विराम पा रही है और अब राम से राष्ट्र की ओर विकसित भारत के लक्ष्य के साथ चलना है.
वारिस पठान का यह बयान उस दिन आया है जब अयोध्या में 'विवाह पंचमी' के शुभ अवसर पर राम मंदिर का ऐतिहासिक अनुष्ठान संपन्न हुआ. AIMIM नेता ने न केवल मंदिर-मस्जिद मुद्दे पर टिप्पणी की, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर भी निशाना साधा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के राम मंदिर प्रांगण से भारत के विकास का संकल्प दोहराया और गुलामी की मानसिकता से छुटकारा पाने की अपील की. अयोध्या पहुंचते ही पीएम मोदी ने सबसे पहले सप्त ऋषियों के पूजा स्थल का दर्शन किया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने देशवासियों को एक सशक्त एवं विकसित भारत के निर्माण के लिए एकजुट होने का संदेश दिया.