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ग्वाडा-निगेटिव... दुनिया का सबसे नया और दुर्लभ ब्लड ग्रुप मिला, ग्वाडेलूप की महिला में 48वां रक्त समूह

ग्वाडा नेगेटिव दुनिया का सबसे दुर्लभ और नया ब्लड ग्रुप है. यह ग्वाडेलूप की एक महिला में पाया गया. यह 48वां मान्यता प्राप्त ब्लड ग्रुप है. अन्य रक्त समूहों में ABO, Rh, Kell, Duffy आदि शामिल हैं, जो ब्लड ट्रांसफ्यूजन और रोग प्रतिरोधक क्षमता में महत्वपूर्ण हैं.

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ग्वाडेलूप की एक महिला में ग्वाडा-निगेटिव ब्लड ग्रुप मिला है.
ग्वाडेलूप की एक महिला में ग्वाडा-निगेटिव ब्लड ग्रुप मिला है.

फ्रांसीसी वैज्ञानिकों ने एक ऐसी खोज की है, जिसने मेडिकल वर्ल्ड हैरान है. एक सामान्य रक्त जांच के दौरान, ग्वाडेलूप (Guadeloupe) की एक 68 वर्षीय महिला में दुनिया का सबसे दुर्लभ रक्त समूह पाया गया, जिसे "ग्वाडा नेगेटिव" (Gwada Negative) नाम दिया गया. 

यह ब्लड ग्रुप इतना अनोखा है कि यह दुनिया में केवल एक व्यक्ति में पाया गया है. यह व्यक्ति किसी अन्य रक्त दाता से खून नहीं ले सकता, क्योंकि उसका ब्लड किसी भी अन्य रक्त समूह से मेल नहीं खाता. इस खोज को इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन (ISBT) ने जून 2025 में आधिकारिक तौर पर 48वें रक्त समूह के रूप में मान्यता दी.

ग्वाडा नेगेटिव रक्त समूह की खोज

यह कहानी 2011 में शुरू हुई, जब ग्वाडेलूप की एक 54 वर्षीय महिला, जो उस समय पेरिस में रह रही थी, सर्जरी से पहले नियमित रक्त जांच के लिए गई. जांच के दौरान डॉक्टरों ने उसके रक्त में एक असामान्य एंटीबॉडी (antibody) पाया, जो किसी भी ज्ञात रक्त समूह से मेल नहीं खाता था. उस समय की तकनीकी सीमाओं के कारण इस रहस्य को सुलझाना संभव नहीं था.

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2019 में नई पीढ़ी की डीएनए सीक्वेंसिंग तकनीक (Next Generation Sequencing) की मदद से वैज्ञानिकों ने इस महिला के रक्त का फिर से विश्लेषण किया. उन्होंने पाया कि महिला के रक्त में एक विशेष जीन, जिसे PIGZ जीन कहा जाता है, में एक उत्परिवर्तन (mutation) है. यह जीन एक एंजाइम बनाता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं की सतह पर एक विशेष प्रकार की शर्करा (sugar molecule) को जोड़ता है.

इस शर्करा की अनुपस्थिति के कारण महिला के रक्त में EMM एंटीजन (जो लगभग सभी मनुष्यों में पाया जाता है) नहीं था. इस अनोखे बदलाव ने एक नया रक्त समूह बनाया, जिसे EMM-नेगेटिव या ग्वाडा नेगेटिव नाम दिया गया.

 Gwada Negative Rarest Blood Type

ग्वाडा नेगेटिव की विशेषताएं

EMM एंटीजन की अनुपस्थिति: ग्वाडा नेगेटिव रक्त समूह की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें EMM एंटीजन नहीं होता, जो सामान्य रूप से सभी लोगों की रेड ब्लड सेल्स में मौजूद होता है. यह इसे अत्यंत दुर्लभ बनाता है.

कोई मैच नहीं: यह महिला दुनिया में एकमात्र व्यक्ति है, जिसका रक्त केवल उसके अपने रक्त से ही मेल खाता है. यदि उसे रक्त की आवश्यकता पड़ती है, तो कोई भी अन्य रक्त दाता उसकी मदद नहीं कर सकता, क्योंकि अन्य सभी रक्त EMM-पॉजिटिव होंगे, जो उसके शरीर में गंभीर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (immune reaction) पैदा कर सकता है.

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जेनेटिक म्यूटेशन : यह रक्त समूह महिला को अपने माता-पिता से विरासत में मिला, जिनमें से प्रत्येक के पास इस बदली हुई जीन की एक प्रति थी.

चिकित्सीय प्रभाव: इस महिला को हल्की बौद्धिक अक्षमता (mild intellectual disability) है. उसने दो बच्चों को जन्म के समय खो दिया. वैज्ञानिकों का मानना है कि ये समस्याएं PIGZ जीन में उत्परिवर्तन से संबंधित हो सकती हैं.

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खोज का महत्व

ग्वाडा नेगेटिव की खोज केवल एक वैज्ञानिक जिज्ञासा नहीं है; इसका चिकित्सा के क्षेत्र में व्यापक प्रभाव है. यह खोज हमें निम्नलिखित बातें सिखाती है...

ब्लड ट्रांसफ्यूजन में सुरक्षा: दुर्लभ रक्त समूहों की पहचान करना रक्त आधान (blood transfusion) को सुरक्षित बनाने के लिए महत्वपूर्ण है. यदि इस महिला को गलत रक्त चढ़ाया जाता है, तो उसका शरीर उसे विदेशी पदार्थ समझकर हमला कर सकता है, जिससे गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे कि रक्त कोशिकाओं का टूटना (hemolysis).

 Gwada Negative Rarest Blood Type

दुर्लभ रक्त दाता रजिस्ट्री: इस खोज ने अंतरराष्ट्रीय दुर्लभ रक्त दाता रजिस्ट्रियों (rare blood donor registries) के महत्व को रेखांकित किया है, जो आपातकाल में जीवन रक्षक सहायता प्रदान कर सकते हैं.

भविष्य की संभावनाएं: वैज्ञानिक अब स्टेम कोशिकाओं से लाल रक्त कोशिकाएं विकसित करने पर काम कर रहे हैं, जिन्हें जेनेटिक रूप से संशोधित करके दुर्लभ रक्त समूहों, जैसे ग्वाडा नेगेटिव से मेल खाने के लिए तैयार किया जा सकता है. 

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नामकरण

"ग्वाडा नेगेटिव" नाम ग्वाडेलूप द्वीप के स्थानीय नाम "ग्वाडा" से लिया गया है, जो इस महिला की उत्पत्ति को दर्शाता है. यह नाम वैज्ञानिकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ, क्योंकि यह सभी भाषाओं में आसानी से बोला जा सकता है.  

सभी मान्यता प्राप्त रक्त समूह और उनकी विशेषताएं

इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन (ISBT) ने अब तक 48 रक्त समूह प्रणालियों को मान्यता दी है. प्रत्येक रक्त समूह प्रणाली लाल रक्त कोशिकाओं पर मौजूद एंटीजन (antigens) के आधार पर परिभाषित की जाती है. ये एंटीजन प्रोटीन या शर्करा के अणु होते हैं, जो रक्त की संगतता (compatibility) को प्रभावित करते हैं. कुछ प्रमुख रक्त समूह प्रणालियों और उनकी विशेषताओं का विवरण है...

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ABO रक्त समूह प्रणाली

यह सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण रक्त समूह प्रणाली है, जिसे 1901 में कार्ल लैंडस्टीनर ने खोजा था. यह लाल रक्त कोशिकाओं पर A, B और H एंटीजन की उपस्थिति या अनुपस्थिति पर आधारित है.

Gwada Negative Rarest Blood Type

प्रकार

A: लाल रक्त कोशिकाओं पर A एंटीजन होता है.
B: लाल रक्त कोशिकाओं पर B एंटीजन होता है.
AB: दोनों A और B एंटीजन मौजूद होते हैं.
O: कोई A या B एंटीजन नहीं होता, केवल H एंटीजन होता है.

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विशेषता: O नेगेटिव को "यूनिवर्सल डोनर" कहा जाता है, क्योंकि इसे किसी भी रक्त समूह वाले व्यक्ति को दिया जा सकता है. AB पॉजिटिव "यूनिवर्सल रिसीवर" होता है, क्योंकि यह सभी रक्त समूहों से रक्त ले सकता है.

Rh रक्त समूह प्रणाली

यह दूसरी सबसे महत्वपूर्ण रक्त समूह प्रणाली है, जो Rh एंटीजन (D एंटीजन) की उपस्थिति या अनुपस्थिति पर आधारित है.

प्रकार

Rh पॉजिटिव (+): D एंटीजन मौजूद होता है.
Rh नेगेटिव (-): D एंटीजन अनुपस्थित होता है.

विशेषता: Rh नेगेटिव रक्त वाले लोगों को केवल Rh नेगेटिव रक्त ही दिया जा सकता है, अन्यथा प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया हो सकती है.

 Gwada Negative Rarest Blood Type

MNS रक्त समूह प्रणाली

विवरण: यह प्रणाली M, N, S, s, और U जैसे एंटीजन पर आधारित है.
विशेषता: यह प्रणाली मुख्य रूप से रक्त आधान और गर्भावस्था के दौरान संगतता के लिए महत्वपूर्ण है.

Kell रक्त समूह प्रणाली

विवरण: Kell एंटीजन पर आधारित, यह प्रणाली रक्त आधान और नवजात शिशुओं में हेमोलिटिक रोग (hemolytic disease) के जोखिम को प्रभावित करती है.
विशेषता: Kell नेगेटिव रक्त दुर्लभ होता है. इसे विशेष परिस्थितियों में प्राथमिकता दी जाती है.

Duffy रक्त समूह प्रणाली

विवरण: Duffy एंटीजन पर आधारित, यह प्रणाली मलेरिया जैसे संक्रामक रोगों के प्रति संवेदनशीलता को प्रभावित करती है.
विशेषता: Duffy नेगेटिव रक्त वाले लोग मलेरिया के कुछ प्रकारों के प्रति प्रतिरोधी हो सकते हैं.

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Kidd रक्त समूह प्रणाली

विवरण: Jka, Jkb, और Jk3 एंटीजन पर आधारित.
विशेषता: यह प्रणाली ब्लड ट्रांसफ्यूजन के दौरान देर से होने वाली प्रतिक्रियाओं (delayed transfusion reactions) का कारण बन सकती है.

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Diego रक्त समूह प्रणाली

विवरण: Diego एंटीजन पर आधारित, यह प्रणाली मुख्य रूप से कुछ एशियाई और दक्षिण अमेरिकी आबादी में पाई जाती है.
विशेषता: यह दुर्लभ रक्त समूहों में से एक है.

Er रक्त समूह प्रणाली

विवरण: 2022 में खोजा गया, यह 44वां रक्त समूह था.
विशेषता: यह भी एक दुर्लभ प्रणाली है, जो विशेष आनुवंशिक उत्परिवर्तनों से संबंधित है.

EMM-नेगेटिव (ग्वाडा नेगेटिव) रक्त समूह प्रणाली

विवरण: EMM एंटीजन की अनुपस्थिति पर आधारित, यह 48वां और सबसे हालिया खोजा गया रक्त समूह है.
विशेषता: यह दुनिया में केवल एक व्यक्ति में पाया गया है, जो इसे सबसे दुर्लभ बनाता है।

इनके अलावा, ISBT ने 48 रक्त समूह प्रणालियों को मान्यता दी है, जिनमें से कुछ अत्यंत दुर्लभ हैं. केवल विशिष्ट आबादी या व्यक्तियों में पाए जाते हैं. प्रत्येक प्रणाली में कई एंटीजन हो सकते हैं, जिसके कारण सैद्धांतिक रूप से लाखों रक्त प्रकार संभव हैं.

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Gwada Negative Rarest Blood Type

रक्त समूहों का महत्व

रक्त समूहों की समझ चिकित्सा में कई कारणों से महत्वपूर्ण है...

  • ब्लड ट्रांसफ्यूजन: असंगत रक्त चढ़ाने से गंभीर प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं, जैसे कि रक्त कोशिकाओं का टूटना या मृत्यु तक.
  • गर्भावस्था: मां और शिशु के रक्त समूहों में असंगतता नवजात शिशुओं में हेमोलिटिक रोग का कारण बन सकती है.
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता: कुछ रक्त समूह कुछ बीमारियों, जैसे मलेरिया या वायरल संक्रमण के प्रति अधिक या कम संवेदनशील हो सकते हैं.
  • अंग प्रत्यारोपण: रक्त समूहों की संगतता अंग प्रत्यारोपण में भी महत्वपूर्ण है.

भविष्य की संभावनाएं

ग्वाडा नेगेटिव की खोज ने रक्त विज्ञान में एक नया अध्याय जोड़ा है. वैज्ञानिक अब ग्वाडेलूप और अन्य क्षेत्रों में और अधिक लोगों की जांच कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या अन्य लोग भी इस दुर्लभ रक्त समूह के वाहक हैं.

इसके अलावा, भविष्य में लैब में रक्त कोशिकाओं को विकसित करने की तकनीक इस तरह के दुर्लभ रक्त समूहों के लिए एक क्रांतिकारी समाधान हो सकती है. वैज्ञानिक पहले से ही स्टेम कोशिकाओं से लाल रक्त कोशिकाएं बनाने पर काम कर रहे हैं, जिन्हें जेनेटिक रूप से संशोधित करके ग्वाडा नेगेटिव जैसे रक्त समूहों से मेल खाने के लिए तैयार किया जा सकता है.

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