Margshirsha Amavasya 2025: 20 नवंबर यानी कल मार्गशीर्ष अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन स्नान, दान और पितरों के तर्पण करने का विधान बताया गया है. साथ ही, इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है. हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इस दिन हर शुभ कार्य करने से पुण्य प्राप्त होता है. मार्गशीर्ष अमावस्या को अगहन अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि 19 नवंबर की सुबह 9 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर 20 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी. ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन पितृ दोष दूर करने के लिए पितरों से संबंधित कुछ करने चाहिए. वहीं, इस खास अमावस्या के दिन कुछ गलतियां करने से भी बचना चाहिए.
1. देर तक न सोएं- मार्गशीर्ष अमावस्या की सुबह देर तक बिस्तर पर ना रहें. परंपरा है कि इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर शरीर-मन को शुद्ध कर लेना चाहिए. यदि नदी में स्नान संभव न हो तो घर पर ही स्नान कर लें और उसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य अवश्य दें. स्नान से पहले तक मन को शांत भी रखें.
2. श्मशान के आसपास न जाएं- अमावस्या की रात बेहद अंधेरी होती है और मान्यता है कि इस समय नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय रहती हैं. इसलिए इस दिन श्मशान घाट, कब्रिस्तान या उनके आसपास नहीं जाना चाहिए.
3. घर में विवाद न होने दें- अमावस्या के दिन घर का माहौल शांत और सकारात्मक होना चाहिए. माना जाता है कि जिस घर में कलह-क्लेश रहता है, वहां पितरों की कृपा नहीं बनती.
4. लड़ाई-झगड़ों से दूर रहें- अमावस्या के दिन किसी भी तरह के वाद-विवाद या कटु वचन बोलने से बचें. अमावस्या पर वाणी और शांत व्यवहार को अत्यंत शुभ माना गया है.
5. मांस-मदिरा का सेवन न करें- अमावस्या के दिन मदिरा, मांस या किसी भी तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए. इस दिन हल्का भोजन करें और जितना संभव हो साधना व शांति का पालन करें.
6. ब्रह्मचर्य का करें पालन- गरुण पुराण में बताया गया है कि मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन ब्रह्मचर्य का पालन ना करने से बच्चों को जीवनभर सुख नहीं मिलता है. इसलिए इस दिन सिर्फ पूजा पाठ करना चाहिए.