मार्गशीर्ष अमावस्या (Margshirsha Amavasya) हिंदू पंचांग के मार्गशीर्ष मास की अंतिम तिथि होती है, जो आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र और फलदायी मानी जाती है. इस दिन को विशेष रूप से पितरों की शांति, दान-पुण्य और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए शुभ माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार, अमावस्या का दिन आत्मचिंतन, मन-शुद्धि और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति का प्रतीक है, जबकि मार्गशीर्ष मास स्वयं भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है. इसलिए इस अमावस्या का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है.
इस दिन श्रद्धालु स्नान-ध्यान करते हैं, पितरों के नाम तिलांजलि और पिंडदान किया जाता है. मंदिरों में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. माना जाता है कि इस दिन किए गए दान-पुण्य से पितृदोष में कमी आती है और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है. तेल के दीपक जलाकर मंदिरों तथा नदी किनारों पर प्रकाश करना भी शुभ माना जाता है.
योग, ध्यान और व्रत का भी इस दिन विशेष महत्व होता है, क्योंकि अमावस्या की ऊर्जा साधना को अधिक प्रभावी बनाती है. मार्गशीर्ष अमावस्या आध्यात्मिक उन्नति, परिवार की शांति और सकारात्मकता के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती है, इसलिए इसे अत्यंत श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जाता है.
Margashirsha Purnima 2025: मार्गशीर्ष (अग्रहायण) माह को स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने श्रेष्ठ बताया है. इसी महीने की अमावस्या तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या कहते है. यह तिथि पितृों के लिए, देवताओं की कृपा प्राप्त करने के लिए, कर्मों की शुद्धि, और कठिनाइयों को दूर करने के लिए विशेष फल देने वाली मानी गई है.
Margashirsha Amavasya 2025: आज मार्गशीर्ष अमावस्या है. ज्योतिषविदों का कहना है कि इस अमावस्या पर शाम के समय एक दिव्य उपाय करने से शनि और राहु से जुड़ा संकट दूर किया जा सकता है. और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ाया जा सकता है.
Margshirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या का दिन बहुत ही खास माना जाता है. यह दिन पितरों को याद करने और उनकी तृप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. यह दिन इतना पूजनीय होता है कि इस दिन शाम के वक्त भी पूजा-पाठ वगैरह किया जाता है.
Margshirsha Amavasya 2025: ज्योतिषियों के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने की अमावस्या का महत्व कार्तिक मास में पड़ने वाली अमावस्या से कम नहीं होता है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन बहुत ही खास होता है.
Margshirsha Amavasya 2025: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार अमावस्या तिथि का बड़ा महत्व बताया गया है. मार्गशीर्ष में आने वाली अमावस्या को अगहन अमावस्या कहा जाता है. यह अमावस्या कल मनाई जाएगी. ज्योतिषियों के अनुसार, मार्गशीर्ष अमवास्या के दिन कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए.
Margashirsha Amavasya: हिंदू कैलेंडर के मार्गशीर्ष माह को अगहन और अग्रहरण्य के नाम से भी जाना जाता है. इस महीने पड़ने वाली मार्गशीर्ष अमावस्या बेहद खास होती है. इस बार यह अमावस्या 19 नवंबर की सुबह से शुरू होकर 20 नवंबर को दोपहर में खत्म होगी.
Margshirsha Amavasya 2025: ज्योतिषियों के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या पर चंद्रमा मंगल की राशि में प्रवेश करने वाले हैं जिससे कुछ राशियों को सावधान रहने की सलाह दी जा रही है. आइए जानते हैं उन नकारात्मक राशियों के बारे में.