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AAP क्यों चाहती है कि केजरीवाल की तरह राहुल-सोनिया को भी जेल भेजा जाए?

दिल्ली चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल ने सवाल उठाया था कि राहुल गांधी और उनके परिवार के लोग नेशनल हेराल्ड केस में गिरफ्तार क्यों नहीं किये गये? और, एक बार फिर आम आदमी पार्टी की तरफ से वही सवाल उठाया जा रहा है - ऐसा होने की वजह आने वाला गुजरात चुनाव है या कुछ और?

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पंजाब और गुजरात चुनाव में भी अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी एक दूसरे के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले उछालेंगे, ताजा संकेत तो यही है.
पंजाब और गुजरात चुनाव में भी अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी एक दूसरे के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले उछालेंगे, ताजा संकेत तो यही है.

आम आदमी पार्टी की तरफ से सवाल तो वाजिब ही उठाये गये हैं. सवाल तो वैसे भी सवाल होते हैं, वाजिब हों या गैर वाजिब - जो सवाल दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल ने उठाये थे, वही सवाल अब आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता उठा रहे हैं. 

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वैसे दिल्ली चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल को ऐसे सवाल पूछने का मौका लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ही दिया था - अरविंद केजरीवाल ने बस पलटवार किया था. 

आम आदमी पार्टी की तरफ से नये सिरे से सवाल उठाने की वजह, असल में, प्रवर्तन निदेशालय का एक नया एक्शन है. नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जुड़ी संपत्तियों पर कब्जा करने की प्रक्रिया शुरू की है. ये एक्शन प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2013 के नियम 5 के तहत की जा रही है.

AAP का दावा रहा है कि राजनीतिक वजहों से ही अरविंद केजरीवाल और साथी नेताओं की भ्रष्टाचार के फर्जी मामले में जेल भेजा गया, लेकिन ऐसी कार्रवाई कांग्रेस नेताओं के खिलाफ क्यों नहीं हो रही है? जबकि नेशनल हेराल्ड केस भी तो भ्रष्टाचार का ही मामला है. 

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राहुल-सोनिया के लिए नई मुसीबत

नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने ईडी दफ्तर बुलाकर कई दिनों तक पूछताछ हो चुकी है, और ऐसी ही पूछताछ कांग्रेस के कुछ और भी नेताओं से हुई है. 

ईडी की ये जांच औपचारिक तौर पर 2021 में शुरू हुई थी. दरअसल, बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने 2014 में दिल्ली की एक अदालत में निजी तौर पर एक शिकायती याचिका दायर की थी. सुब्रह्मण्यन स्वामी ने अपनी शिकायत में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य सीनियर नेताओं पर आपराधिक साजिश करने और यंग इंडियन के जरिये महज 50 लाख रुपये में AJL की 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया था.

11 अप्रैल, 2025 को ED ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ के प्रॉपर्टी रजिस्ट्रारों को औपचारिक नोटिस जारी किया है. एजेएल यानी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्तियां इन सभी जगह हैं. ये संपत्तियां यंग इंडियन कंपनी के माध्यम से अधिग्रहित की गई थीं, जो सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जुड़ी हैं.

AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ नेशनल हेराल्ड मामले को 'ओपन एंड शट केस' बता रही हैं. अरविंद केजरीवाल की ही तरह प्रियंका कक्कड़ ने सवाल उठाया है कि कांग्रेस नेताओं को अभी तक मामले में गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?

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आम आदमी पार्टी ने बीजेपी और कांग्रेस में मिलीभगत का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सिर्फ चुनावों के दौरान ही ये मामले उठाये जाते हैं, और बाद में सब शांत हो जाता है. प्रियंका कक्कड़ इस बात पर भी सवाल उठा रही हैं कि केंद्र में 10 साल से बीजेपी की सरकार होने के बाद भी कोई एक्शन क्यों नहीं हुआ?

दिल्ली चुनाव जैसी तू-तू मैं-मैं आगे भी होनी है

दिल्ली चुनाव से पहले की बात करें तो कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और विपक्षी दलों के नेताओं एक साथ जंतर-मंतर पहुंचकर अरविंद केजरीवाल को जेल भेजे जाने का विरोध कर रहे थे, लेकिन दिल्ली चुनाव आते आते राहुल गांधी अरविंद केजरीवाल को ‘दिल्ली शराब घोटाले’ का सूत्रधार बताने लगे - और खुद राहुल गांधी ने भी तो लोकसभा में जिन दो मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी का जिक्र किया था, एक तो अरविंद केजरीवाल ही थे, नाम भले न लिया हो.

दिल्ली की चुनावी रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘... और एक बात समझ लीजिये... बाकी पार्टी वाले मोदी से डरते हैं या नहीं डरते हैं, मैं नहीं जानता... लेकिन केजरीवाल जरूर कांप जाते हैं.’

सोशल साइट X पर शेयर किये गये राहुल गांधी के इस भाषण को पोस्ट करते हुए अरविंद केजरीवाल ने पूछा था, अभी तक आप गिरफ्तार क्यों नहीं हुए. राहुल गांधी ने जब कहा कि अरविंद केजरीवाल 'शीशमहल' में रहते हैं, तो अरविंद केजरीवाल पूछ लिया, नेशनल हेराल्ड घोटाले में अब तक आप और आपका परिवार गिरफ्तार क्यों नहीं हुआ? देखा जाये तो, अरविंद केजरीवाल तो जेल भी हो आये हैं, जबकि राहुल गांधी और सोनिया गांधी से दफ्तर बुलाकर ईडी ने सिर्फ पूछताछ की है. 

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दिल्ली चुनाव के बाद तो अरविंद केजरीवाल की तरफ से ये सवाल नहीं उठाया गया. राहुल गांधी की तरफ से भी ऐसा नहीं हुआ - फिर अचानक आम आदमी पार्टी ये सवाल क्यों उठा रही है?

क्या ये सब 2027 में होने वाले पंजाब और गुजरात चुनाव की वजह से हो रहा है? पंजाब में भी आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस वैसे ही पेश आने वाली है, जैसे दिल्ली में आई थी. और गुजरात में कांग्रेस अधिवेशन के बाद तो राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं का तेवर हर कोई देख रहा है - भला आम आदमी पार्टी को ये सब कैसे बर्दाश्त हो सकता है?

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