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'100 बार डंके की चोट पर I Love Muhammad कहूंगी...', अब उज्जैन में लगे पोस्टर पर कांग्रेस नेता नूरी खान का समर्थन

उज्जैन के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में लोहे के पुल पर ‘I Love Muhammad’ पोस्टर लगाने से विवाद पैदा हुआ. पुलिस और नगर निगम ने तुरंत पोस्टर हटाया. कांग्रेस नेता नूरी खान ने इसे समर्थन देते हुए कहा कि पैगंबर के नाम का सम्मान करना अपराध नहीं. मामला कानपुर से शुरू हुआ, प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाई और सभी समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील की.

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इस विवाद की शुरुआत उत्तर प्रदेश के कानपुर से हुई थी. (Photo: Screengrab)
इस विवाद की शुरुआत उत्तर प्रदेश के कानपुर से हुई थी. (Photo: Screengrab)

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में शनिवार को एक विवादित मामला सामने आया जब लोहे के पुल पर किसी ने ‘I Love Muhammad’ का पोस्टर लगाया. यह जगह सीधे मस्जिद के सामने थी, जिससे स्थानीय लोगों में चर्चा और तनाव फैल गया. मामला पुलिस तक पहुंचते ही महाकाल थाना की टीम और नगर निगम कर्मचारियों ने तुरंत पोस्टर को हटवाया. पुलिस ने यह पता लगाने की कोशिश की कि इसे किसने लगाया, लेकिन फिलहाल इस संबंध में कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई. पुलिस ने इलाके में सतर्कता बढ़ा दी है और सभी समुदायों से सौहार्द बनाए रखने की अपील की.

मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष और प्रदेश प्रवक्ता नूरी खान ने इस पोस्टर का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि अपने पैगंबर के नाम का सम्मान करना किसी अपराध के अंतर्गत नहीं आता. नूरी खान ने कहा, “अगर कोई ‘I Love Muhammad’ कहता है, तो यह उसकी आस्था का प्रतीक है. मैं भी 100 बार डंके की चोट पर कहूंगी कि आई लव मोहम्मद. जैसे कोई ‘I Love Mahakal’ कहता है, उसका भी सम्मान करना चाहिए. हर व्यक्ति का अपने धर्म और विश्वास के प्रति प्रेम है.”

उन्होंने यह भी कहा कि देश में कुछ लोग धर्म के नाम पर नफरत फैलाना चाहते हैं, लेकिन यह सभी की व्यक्तिगत आस्था का मामला है. नूरी खान ने स्पष्ट किया, 'अगर कोई सम्मान के साथ किसी नाम का उपयोग करता है, तो कोई ऐसा धर्म नहीं है जो उसे रोक सके. लेकिन अगर कोई जानबूझकर अपनी पहचान छुपाकर धर्म का गलत इस्तेमाल करता है, तो वह गलत है.'

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कहां से हुई विवाद की शुरुआत?
इस विवाद की शुरुआत उत्तर प्रदेश के कानपुर से हुई थी, जहां इसी तरह के ‘I Love Muhammad’ पोस्टर लगाए गए थे. इसके बाद देश के कई राज्यों में इस तरह के पोस्टर और बैनर लगाए गए और विरोध भी देखने को मिला. उज्जैन पुलिस ने इस मामले में कोई रिस्क नहीं लिया और पोस्टर को हटाने के साथ-साथ इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी.

मामले की जांच जारी है और प्रशासन ने सभी समुदायों से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की अफवाह से बचने का आग्रह किया है. इस घटना ने शहर में धार्मिक संवेदनशीलता और सांप्रदायिक सौहार्द के महत्व को फिर से उजागर किया है.

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