MP News: दतिया के गोंदन थाने में पदस्थ एएसआई प्रमोद पावन ने अपने आवास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक एएसआई प्रमोद पावन ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है. साथ ही, मृत्यु से पहले का उनका एक वीडियो भी सामने आया है, जो 20 जुलाई का बताया जा रहा है.
इस वीडियो में एएसआई प्रमोद पावन ने गोंदन थाना प्रभारी अरविंद भदौरिया, थरेट थाना प्रभारी अफसुल हसन और दो अन्य लोगों पर गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगाए हैं.
वीडियो में प्रमोद ने कहा कि थाना प्रभारी अरविंद भदौरिया उन्हें जरूरी कार्य के लिए भी छुट्टी नहीं दे रहे थे. वे एसपी से शिकायत करने दतिया जाना चाहते थे, लेकिन थाना प्रभारी ने एसपी से मिलने की अनुमति भी नहीं दी.
आरोप लगाया कि थाना प्रभारी अरविंद भदौरिया का एक गुर्गा और रेत माफिया से जुड़ा बबलू यादव उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहा था. बबलू यादव ने कहा था कि वह उनके ऊपर ट्रैक्टर चढ़ा देगा और उसे दो थाना प्रभारियों का समर्थन है.
वीडियो में मृतक ने कहा कि यदि उनके साथ कोई घटना होती है, तो इसके लिए गोंदन थाना प्रभारी अरविंद भदौरिया, थरेट थाना प्रभारी अंफसुल हसन, पुलिस कर्मी रूप नारायण यादव और रेत माफिया बबलू यादव को जिम्मेदार माना जाए.
मृतक एएसआई का शिकायती पत्र भी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह पत्र उन्होंने 2 जुलाई को एसपी सूरज वर्मा को दिया था, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. अंत में हताश होकर एएसआई ने आत्महत्या कर ली.
अब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मामले को दबाने में जुट गए हैं. जब मीडियाकर्मियों ने एसपी सूरज वर्मा से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि आवेदन आया होगा, लेकिन उन्होंने इसे नहीं देखा.
मृत्यु-पूर्व कथन सामने आने के बाद कार्रवाई के सवाल पर एसपी सूरज वर्मा ने कहा कि थाना प्रभारी को हटाकर निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी. जबकि कानून के जानकारों का मानना है कि मृत्यु-पूर्व कथन से बड़ा कोई साक्ष्य नहीं होता और नियम के अनुसार तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए.
(रिपोर्ट: अशोक शर्मा)