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Type 3 diabetes: टाइप 1 और 2 से अधिक खतरनाक है टाइप 3 डायबिटीज, जानें क्या हैं शुरुआती लक्षण और इलाज

Type 3 diabetes: टाइप 3 डायबिटीज का इलाज डायबिटीज के बाकी वैरिएंट से काफी कठिन और चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि इसे पैंक्रियाज को होने वाले नुकसान के आधार पर करना होता है. इसका इलाज अगर समय पर नहीं होता है तो रोगी के शरीर के अंग भी खराब हो सकते हैं. कई मामलों में ये बीमारी जानलेवा तक साबित हो सकती है.

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टाइप 3 डायबिटीज से कैसे बचें
टाइप 3 डायबिटीज से कैसे बचें

आज के समय में डायबिटीज काफी कॉमन बीमारी हो चुकी है. हम सभी में ज्यादातर लोग टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज के बारे में जानते हैं. दुनिया में डायबिटीज से पीड़ित हर पांचवा व्यक्ति भारतीय है. लेकिन क्या आपको पता है कि लोगों के बीच टाइप 3 सी डायबिटीज भी धीरे-धीरे पैर पसार रही है. टाइप 3 सी डायबिटीज टाइप 1 और टाइप 2 से ज्यादा खतरनाक है और सबसे ज्यादा खतरे वाली बात यह है कि डॉक्टर भी इस बीमारी का जल्दी पता नहीं कर पाते हैं. यह कई बार इंसान को धीरे-धीरे खोखला कर देती है. इसकी पहचान तभी की जा सकती है जब रोगी में लगातार लक्षण दिखाई देते रहें और वो नियमित रूप से डॉक्टर के साथ संपर्क में रहे. 

टाइप 3 सी डायबिटीज क्या है?

टाइप 3 सी डायबिटीज पैंक्रियाज में गड़बड़ी की वजह से होती है. यह तब होती है जब आपके पैंक्रियाज को किसी तरह का नुकसान पहुंचा हो. जैसे सर्जरी हुई हो, पैंक्रियाज ट्यूमर हो या फिर उससे जुड़ी कोई बीमारी हो.

टाइप 3 सी डायब‍िटीज में इंसुल‍िन की मात्रा घट जाती है और आपके शरीर में पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं हो पाता है. इंसुलिन हमारे खून में मौजूद ग्लूकोज को हमारी कोशिकाओं में भेजने और हमारे शरीर को ऊर्जा देने का काम करता है. अगर आपको आपको टाइप 3 सी डायबिटीज होती है तो आपका पैंक्रियाज खाने को पचाने के लिए जरूरी एंजाइम का उत्पादन भी नहीं कर पाता है.

टाइप 3 सी डायब‍िटीज के लक्षण 

टाइप 3 सी अपने आप काफी रेयर होती है. कई मामलों में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते इसलिए वक्त पर इस बीमारी का पता लगाना और इलाज मुश्किल हो जाता है. हालांकि शरीर में होने वाले कुछ बदलावों के आधार पर इस बीमारी की पहचान की जा सकती है. जैसे कि अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और आपका वजन अचानक बिना किसी वजह के तेजी से कम होने लगे तो आप तुरंत डॉक्टर से चेकअप कराएं. इसके अलावा टाइप 3 सी डायबिटीज के रोगी में पेट में दर्द, जरूरत से ज्यादा थकान, दस्त, गैस और हाइपोग्लाइसीमिया (लो ब्लड शुगर) जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं.

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टाइप 3 सी डायबिटीज के कारण

टाइप 3 सी डायब‍िटीज के कई कारण हैं जिनमें ज्यादातर का संबंध पैंक्रियाज से जुड़ी बीमारियों से है. क्रॉनिक पैनक्रियाटिस से पीड़ित 80 प्रतिशत लोगों को टाइप 3 सी का खतरा होता है. इसके अलावा एक्यूट पैनक्रियाटिस, रिलैप्सिंग पैनक्रियाटिस, पैनक्रियाटिक कैंसर, सिस्टिक फाइब्रोसिस और हेमोक्रोमैटोसिस बीमारियों में भी रोगी टाइप 3 सी डायबिटीज से पीड़ित हो सकता है.

रिस्क फैक्टर, जो बनते हैं टाइप 3 सी डायबिटीज की वजह

इसकी सबसे बड़ी वजह पैनक्रिया में होने वाली बीमारी है. इसके अलावा ये डायबिटीज से पीड़ित मरीजों, मोटापे से ग्रसित और हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को भी हो सकती है. अगर किसी रोगी में लगातार लक्षण दिखाई दें तो बीमारी की पहचान की जा सकती है लेकिन अगर रोगी अपना इलाज ठीक से नहीं कराते या वो टाइप 2 डायबिटीज का ट्रीटमेंट लेते रहते हैं तो ऐसे में उनके अंग खराब होने का खतरा बढ़ जाता है.

टाइप 3 सी डायब‍िटीज के उपचार में अक्सर इंसुलिन मैनेजमेंट जरूरी होता है तो वहीं, टाइप-2 डायबिटीज का ट्रीटमेंट इंसुलिन रेसिस्टेंस (इंसुलिन प्रतिरोध तब होता है जब आपकी मांसपेशियां, फैट्स और लीवर की कोशिकाएं इंसुलिन के साथ ठीक से काम नहीं करती हैं और आपके ब्लड में मौजूद ग्लूकोज को अवशोषित नहीं कर पाती हैं) के लिए किया जाता है. आसान भाषा में कहें तो टाइप 2 डायब‍िटीज में आपका शरीर सही तरीके से इंसुल‍िन का इस्तेमाल नहीं कर पाता है.

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कैसे होता है इस बीमारी का इलाज

डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को अपने लक्षणों को डॉक्टर के साथ विस्तार से साझा करना और खासतौर पर पैंक्रियाज से जुड़ी किसी भी दिक्कत बताना महत्वपूर्ण है. टाइप 3 सी डायब‍िटीज के बारे में जागरूकता की कमी है जिससे कई बार आपको गलत सलाह या इलाज भी मिल सकती है.

ये बीमारी पैंक्रियाज (अग्नाशय) को बुरी तरह नुकसान पहुंचाती है. इसका इलाज भी डायबिटीज के बाकी वैरिएंट से काफी कठिन और चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि ये पैंक्रियाज को होने वाले नुकसान के आधार पर करना होता है. टाइप 3 सी मधुमेह के रोगियों को अपने ब्लड शुगर को मेंटेन रखने के लिए टाइप 2 डायब‍िटीज की तुलना में शुरुआती चरण में ही इंसुलिन की जरूरत पड़ने लगती है. इसमें रोगियों को डाइट और जीवनशैली भी सख्त करनी पड़ती है. अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, टाइप 3 सी डायबिटीज वास्तव में पहले की तुलना में अधिक आम हो गई है. डायबिटीज के सभी रोगियों में कम से कम आठ प्रतिशत लोगों को टाइप 3 सी डायब‍िटीज होने का खतरा होता है.

 

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