सपा विधायक आजम खान की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है. सुनवाई के बाद जजों द्वारा फैसले को सुरक्षित रख लिया गया है. अभी उनकी जमानत पर कोई फैसला नहीं सुनाया गया है. अगर इस मामले में आजम खान को जमानत मिल जाती है तो वे जेल से रिहा हो जाएंगे.
जानकारी के लिए बता दें कि अब तक आजम खान को 71 मामलों में पहले ही जमानत दी जा चुकी है, ऐसे में इस आखिरी मामले में जमानत मिलने पर वे जेल से बाहर आ सकते हैं. लेकिन ढाई घंटे की सुनवाई के बाद भी सपा विधायक को अपनी जमानत के लिए और इंतजार करना पड़ेगा. जिस मामले में आजम खान को बेल नहीं मिल रही है वो वक्फ बोर्ड की संपत्ति गलत तरीके से कब्जा करने को लेकर है. इस मामले में आखिरी बार चार दिसंबर 2021 को सुनवाई हुई थी. तब भी फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था.
पिछले दो साल से आजम खान सीतापुर जेल में बंद हैं. उनकी जमानत को लेकर भी जमकर राजनीति होती दिख रही है. समाजवादी पार्टी के अंदर ही एक अलग लड़ाई शुरू हो गई है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण तब देखने को मिल गया जब आजम खान के मीडिया सलाहकार फसाहत अली ने अखिलेश यादव पर बड़ा आरोप लगा दिया. उन्होंने दावा कर दिया कि सपा प्रमुख नहीं चाहते कि आजम खान जेल से बाहर आएं. इस बयान के बाद सपा के अंदर ही सियासी हलचल तेज हो गई थी और कुछ मुस्लिम नेताओं ने अपना इस्तीफा भी दे दिया.
बाद में इस बात पर भी चर्चा रही कि आजम खान ने जेल में शिवपाल यादव से तो मुलाकात कर ली, लेकिन सपा प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिले. उनके उस अंदाज ने सवाल खड़े कर दिए कि कही आजम खान सपा से खफा तो नहीं? सपा प्रमुख ने इस मुद्दे पर कोई बात नहीं की है लेकिन शिवपाल यादव द्वारा जरूर आरोप लगाया गया कि अखिलेश, आजम खान के साथ नहीं खड़े हैं.