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बाराबंकी: रैली की छूट, मुहर्रम पर पाबंदी! मौलाना कल्बे जवाद ने योगी सरकार पर उठाए सवाल

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने योगी सरकार के कोरोना प्रोटोकॉल पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने सरकार से सवाल किया है कि नेताओं को रैली करने की इजाजत है तो त्योहारों पर पाबंदी क्यों लगाई गई है.

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मौलाना कल्बे जव्वाद (फाइल फोटो)
मौलाना कल्बे जव्वाद (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोविड प्रोटोकॉल पर कल्बे जवाद नाराज
  • सियासी रैलियों को लेकर खड़े किए सवाल
  • मुहर्रम पर छूट देने की सरकार से उठाई मांग

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने मुहर्रम समेत अन्य धार्मिक कार्यक्रमों पर लगी पाबंदियों को लेकर योगी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. कल्बे जवाद ने कहा है कि सियासी पार्टियों को कोविड नियमों के तहत रैली और प्रदर्शन करने की इजाजत है लेकिन धार्मिक कार्यक्रम करने से कोरोना फैलने का खतरा क्यों बढ़ जाता है.

मौलाना कल्बे जवाद ने कोविड प्रोटोकॉल पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या सियासती लोगों पर कोविड हमला नहीं करता है? सिर्फ धार्मिक लोगों पर ही कोविड हमला करता है? उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि कोविड की सारी दोस्ती राजनीतिक पार्टियों से है और धार्मिक लोगों से इसकी दुश्मनी है. मुहर्रम में ताजिये रखने और कोविड नियमों के तहत उन्हें उठाने की मांग भी मौलाना ने की है.

आगामी विधानसभा चुनावों पर बोलते हुए मौलाना कल्बे जवाद ने इशारों ही इशारों में असदुद्दीन ओवैसी के मंसूबे पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि ओवैसी मुसलमानों के जज्बातों को उभारते हुए नुकसान पहुंचा रहे हैं. सारे मुस्लिम अगर एक भी हो गए तो सिर्फ 20 फीसदी ही रहेंगे. 

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असद्दुदीन औवैसी को घेरा

ओवैसी का नाम लिए बिना मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि मुझे यह बताएं कि वे साहब जो भड़का रहे हैं, सब मुस्लिम अगर एक हो गए तो रहेंगे सिर्फ 20 प्रतिशत. 40 प्रतिशत तो हो नहीं जाएंगे. इसका नुकसान यह होगा कि अपने खिलाफ सबको भड़का देंगे. इससे अच्छा है, आपस में प्यार-मोहब्बत से चुनाव लड़ना चाहिए. हम लोग ऐसे लोगों को चुनाव जिताएं जो हिन्दू-मुस्लिम एकता का ख्याल रखे.

हिन्दू-मुस्लिम शादियों को बताया गलत

वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने हिन्दू-मुस्लिम में होने वाली शादियों पर ऐतराज जताया है. मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि हमारे इस्लामिक कानून के हिसाब से सिर्फ मुस्लिम की शादी मुस्लिम से हो सकती है. इत्तेहाद (एकता ) का मतलब ये है कि हम एक दूसरे को बुरा भला न कहें. अब कोई कहीं शादी कर ले, इससे हमसे मतलब नहीं है लेकिन शरियत के हिसाब से शादी हिन्दू-मुस्लिम में नहीं हो सकती है.

मुहर्रम पर लगी पाबंदी पर जताया ऐतराज

शिया धर्मगुरु कल्बे जवाद ने मोहर्रम पर प्रदेश सरकार द्वारा कोविड नियमों के तहत पाबंदी लगाने पर कहा कि कोरोना नियमों के तहत सिर्फ धार्मिक आयोजनों पर पाबंदी है. वहीं अखिलेश यादव ने हजारों लोगो के साथ रैली निकाली और गृह मंत्री अमित शाह ने 50 हजार से ज्यादा लोगों के साथ रैली की. इन पर पाबंदी क्यों नहीं लगी?

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मौलाना ने कहा कि क्या सिर्फ मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर समेत हर धार्मिक कार्यक्रमों में पाबंदी रहेगी? सियासी रैलियों में पचास हजार लोग जमा हों तो इसका मतलब पॉलिटिकल लोगों से कोविड की दोस्ती है, दुश्मनी सारी धार्मिक लोगो से ही है.
 

 

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