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ISRO जासूसी केस: गिरफ्तार वैज्ञानिक को 50 लाख मुआवजे का आदेश

जासूसी कांड में दोषमुक्त हुए इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण को बड़ी राहत मिली है.सुप्रीम कोर्ट ने नंबी नारायण को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है.

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इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण
इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण

जासूसी कांड में दोषमुक्त किए गए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व वैज्ञानिक को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. नंबी नारायण को फंसाने के मामले में केरल के पुलिस अफसरों की भूमिका को लेकर न्यायिक कमेटी का गठन किया गया है.

कमेटी के लिए केंद्र और केरल राज्य सदस्य नियुक्त करेंगे. कमेटी की अध्यक्षता पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस डीके जैनस करेंगे. इससे पहले नंबी नारायण की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. नंबी नारायण ने अपनी अर्जी में केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यू और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

दरअसल सिबी मैथ्यू ने ही इस जासूसी कांड की जांच की थी. नंबी नारायण ने केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी.  हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि डीजीपी सिबी मैथ्यू और दो रिटायर्ड पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की कोई जरुरत नहीं है. इन अफसरों को सीबीआई ने नंबी नारायण की गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार बताया था.

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1998 में सुप्रीम कोर्ट ने जासूसी मामले में मुक्त होने के बाद नंबी नारायण को एक लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया था. बाद में नंबी नारायण ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया और राज्य सरकार से मुआवजे की मांग की. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मार्च 2001 में नंबी नारायण को दस लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया.

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