तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल को दिल्ली हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. तेजपाल पर आरोप है कि उन्होंने 7 और 8 नवंबर को गोवा के एक होटल में अपनी इस सहकर्मी का यौन उत्पीड़न किया था.
जज सुनीता गुप्ता ने गोवा पुलिस के वकील को अपना जवाब दाखिल करने को भी कहा तथा तेजपाल की अग्रिम जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई निर्धारित की. इस बीच, दिल्ली पुलिस ने भी तेजपाल को किसी प्रकार की ट्रांजिट जमानत प्रदान करने की अपील का भी विरोध किया. तेजपाल ने इस मामले में प्राथमिकी को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताते हुए आरोप लगाया है कि गोवा के मुख्यमंत्री मामले में अनावश्यक दिलचस्पी ले रहे हैं.
गोवा पुलिस के वकील ने कहा, 'मैं आरोपी के खिलाफ आरोपों की गंभीरता को देखते हुए मामले का विरोध कर रहा हूं.' उन्होंने साथ ही कहा कि आरोपी पत्रकार की याचिका की प्रति उन्हें नहीं दी गयी है. तेजपाल का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी और गीता लुथरा ने कहा कि तहलका संपादक को बुधवार तक किसी भी प्रकार की गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की जाए. बुधवार को अदालत जमानत याचिका पर फिर से सुनवाई शुरू करेगी.
अंतरिम सुरक्षा प्रदान करने से इनकार करते हुए न्यायाधीश गुप्ता ने कहा, 'मेरे पास याचिका के साथ प्राथमिकी की प्रति तक नहीं है. उन्हें अपना जवाब दाखिल करने दीजिए, उसके बाद मैं देखूंगी.' तुलसी ने कहा, 'यह एक राजनीतिक लड़ाई बन चुका है.'
उन्होंने कहा, 'यह मामला धारा 354 का है (किसी महिला की गरिमा को आहत करना) और यह काल्पनिकता है कि इसे धारा 376 (बलात्कार) का मामला बना दिया गया है. यहां तक कि लड़की ने पुलिस को कोई बयान नहीं दिया है.'
मामले की सुनवाई शुरू होने पर गोवा पुलिस के वकील ने तेजपाल की याचिका पर जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा और उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ किसी भी प्रकार का अंतरिम संरक्षण प्रदान किए जाने की अपील का विरोध किया. तेजपाल ने अंतरिम जमानत या ट्रांजिट जमानत की अपील करते हुए हाई कोर्ट से संपर्क किया था, ताकि वह कानून के अनुसार राहत पाने के लिए उचित अदालत से संपर्क कर सकें.'
दो घटनाओं में से एक को 'केवल हल्का फुल्का हंसी मजाक' बताते हुए याचिका में कहा गया है, 'होटल हयात के सीसीटीवी फुटेज से आसानी से यह बताया जा सकता है कि वह मुलाकात कैसी थी, जिस तक गोवा पुलिस की पहुंच है और यह उसकी जानकारी में है, लेकिन इस बात की जांच एजेंसी ने घोर अनदेखी की.' 8 नवंबर 2013 को दोनों लोगों के बीच एक और मुलाकात हुई, लेकिन यह भी केवल कुछ सेकेंड की थी और इसमें ऐसी कोई घटना नहीं हुई जो किसी संज्ञेय अपराध का कारण बनती हो.'
तेजपाल ने कहा है कि उसकी महिला सहकर्मी पार्टी करती रही और गोवा में रहने के दौरान वह पूरी तरह सामान्य और मित्रवत थी. वह पूरे सम्मेलन में हर पार्टी और हर सामाजिक समारोह में थी और देर रात तक रूकी रहीं. पीड़िता की शिकायत को 'प्रेरित, झूठा और सोचा समझा' बताते हुए याचिका में कहा गया है कि यह शिकायत दस दिन बाद दाखिल की गई. याचिका में आरोपों का भी खंडन किया गया है.