पंजाब पुलिस ने खालिस्तानी समर्थक भगोड़ा अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. बता दें पुलिस को 36 दिन से अमृतपाल की तलाश थी. वो अजनाला कांड के बाद से फरार चल रहा था. पुलिस कई बार उसके करीब पहुंची, लेकिन अमृतपाल पुलिस को चकमा देकर बचता रहा.
पंजाब के होशियारपुर में एक बार सॉलिड इनपुट के बाद पंजाब पुलिस एक्शन में आई थी, लेकिन सामने से गाड़ी से कूदकर अपने सहयोगी के साथ अमृतपाल भाग निकला था. बताया जा रहा है कि अमृतपाल ने पंजाब से भागने के बाद 'लेडी नेटवर्क' का ज्यादा इस्तेमाल किया. सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल के करीबी पपलप्रीत की कई महिला दोस्त हैं, जो उसकी बेहद करीबी हैं. पंजाब से भागने के बाद अमृतपाल और पपलप्रीत ने सिर्फ 'लेडी नेटवर्क' का इस्तेमाल किया था.
बताया जा रहा है कि अमृतपाल सिंह और पपलप्रीत सबसे पहले 'लेडी नेटवर्क' का इस्तेमाल करते हुए पटियाला में रुके थे. पपलप्रीत ने हरियाणा में मौजूद अपनी करीबी दोस्त बलजीत कौर के घर पर शरण ली थी. यहां महिला और उसके भाई का फोन इस्तेमाल किया था और अमृतपाल और पपलप्रीत ने अपने करीबियों से बात की थी. यहीं पर यह भी रणनीति बनाई थी कि आगे कैसे भागना और बचना है.
दिल्ली में भी महिला दोस्त के घर पहुंचा था अमृतपाल
इसके अलावा दिल्ली में पपलप्रीत अमृतपाल को लेकर अपनी महिला दोस्त के पास पहुंचा था. पपलप्रीत की तकरीबन 10 से ज्यादा महिला दोस्त एजेंसियों के रडार पर थीं, इन सबका फोन और सोशल मीडिया अकाउंट सर्विलांस पर था. दिल्ली में 3 लड़कियां रडार पर थीं, जिनसे एजेंसी ने पूछताछ की थी. उनका फोन और सोशल मीडिया लगातार जांच में था.
एजेंसियों को कैसे दिया चकमा?
हरियाणा में जब पपलप्रीत की महिला दोस्त गिरफ्तार हुई थी, उसके बाद अमृतपाल और पपलप्रीत अलर्ट हो गए थे. दोनों ने रुकने और ठहरने का तरीका बदल दिया था. अमृतपाल और पपलप्रीत ने कभी खुद का फोन इस्तेमाल नहीं किया था, बल्कि जिनके यहां वो छिपते थे, उनका या राह चलते लोगों का फोन मांगकर इस्तेमाल करते थे. इन्हीं वजहों से दोनों लगातार एजेंसियों को चकमा देते रहे.

'वारिस पंजाब दे' संगठन का प्रमुख अमृतपाल जहां-जहां छिपता रहा, वहां-वहां पंजाब पुलिस के अलावा दिल्ली, हरियाणा की भी पुलिस पहुंची. एक बार यह भी कहा गया कि अमृतपाल ने अमृतसर में गोल्डन टेंपल में अकाल तख्त पर जाकर आत्मसमर्पण का प्लान बनाया है. इस खबर के बाद पंजाब पुलिस अलर्ट हो गई थी. गोल्डन टेंपल के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. सैकड़ों पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई थी.
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क्या जालंधर में आत्मसमर्पण करने वाला था अमृतपाल?
अमृतपाल सिंह एक इंटरनेशनल चैनल को इंटरव्यू देने के लिए जालंधर वापस जा रहा था. उसका प्लान था कि वह पहले इस पूरे मामले को लेकर बयान देगा और फिर पंजाब पुलिस के सामने सरेंडर कर देगा, लेकिन उस समय पुलिस को इसकी जानकारी हो गई थी और उसका प्लान धरा ही रह गया था.
कार को चालू हालत में छोड़कर पुलिस को ऐसे दिया था चकमा
एक बार पंजाब पुलिस की इंटेलिजेंस यूनिट अमृतपाल की पंजाब नंबर की इनोवा गाड़ी (PB 10 CK 0527) का फगवाड़ा से पीछा कर रही थी. ड्राइवर ने गाड़ी भगाकर होशियारपुर जिले के गांव मरनाईया के गुरुद्वारे में घुसा दी थी. इसके बाद कार को चालू हालत में छोड़कर गाड़ी में सवार दोनों कार सवार दीवार कूदकर भाग गए थे. अमृतपाल के साथ उसका सहयोगी पप्पलप्रीत और एक अन्य साथी भी था.
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कौन है अमृतपाल सिंह?
अमृतपाल 'वारिस पंजाब दे'संगठन का चीफ है. वह दुबई से लौटा था. वारिस पंजाब दे संगठन को पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू ने बनाया था. दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल ने इस पर कब्जा कर लिया था. उसने भारत आकर संगठन में लोगों को जोड़ना शुरू किया. अमृतपाल का ISI लिंक बताया जा रहा है.
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अमृतपाल सबसे पहले 23 फरवरी को चर्चा में आया था. उसने अजनाला में अपने करीबी को छुड़ाने के लिए हजारों समर्थकों के साथ थाने पर हमला बोल दिया था. इस हमले में 6 पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे. इसके बाद उसने कई टीवी चैनलों में दिए इंटरव्यू में अलग खालिस्तान की मांग की थी. अमृतपाल ने देश के गृह मंत्री अमित शाह को भी धमकी दी थी.
पंजाब पुलिस ने 18 मार्च को अमृतपाल पर लिया था एक्शन, तभी हुआ था फरार
पंजाब पुलिस ने 18 मार्च को अमृतपाल सिंह और उसके करीबियों पर एक्शन लिया था. इस दौरान उसके सैकड़ों समर्थक और करीबी गिरफ्तार किए गए थे, लेकिन इस दौरान अमृतपाल पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था. इसके बाद से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. अमृतपाल के चाचा समेत 7 करीबियों को असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है.
गुरुवार को अमृतपाल की पत्नी से की गई थी पूछताछ
बता दें कि अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर को गुरुवार को अमृतसर एयरपोर्ट पर रोक लिया गया था. वह लंदन जाने की फिराक में थी, लेकिन फ्लाइट पर बैठने से रोक लिया गया. अमृतपाल सिंह की पत्नी से पूछताछ की गई. किरणदीप कौर के खिलाफ देशभर में अभी कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं है.
किरणदीप कौर के यूके में रहते हुए बब्बर खालसा इंटरनेशनल के एक्टिव मेंबर होने के मामले को लेकर भी पंजाब पुलिस या केंद्रीय एजेंसियों के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है, न ही कोई मामला दर्ज हुआ है. हालांकि, अमृतपाल की पत्नी को उसी कानूनी प्रक्रिया के तहत रोका गया था, जिसके तहत फरार आरोपियों के परिवार और उसके जानने वालों से पूछताछ की जाती है.