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'BKU में टूट के लिए सरकार जिम्मेदार', राकेश टिकैत बोले- राजेश चौहान को नोटिस ने डरा दिया

भारतीय किसान यूनियन में दो फाड़ होने के बाद राकेश टिकैत का बयान आया है. उनका कहना है कि संगठन में टूट के पीछे सरकार का हाथ है. सरकार के इशारे पर सब हो रहा है. 

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राकेश टिकैत फाइल फोटो
राकेश टिकैत फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'जिनकी आस्था नहीं वह जाने को स्वतंत्र'
  • 'सरकार की तरफ से बहुत दबाव'
  • 'सरकार ने नोटिस से डरा दिया'

भारतीय किसान यूनियन में दो फाड़ हो गया है. राकेश टिकैत वाले गुट से BKU के कई नेता अलग हो गए हैं. भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के बैनर तले नया संगठन काम करेगा. इस पर राकेश टिकैत का बयान भी सामने आया है. टिकैत का कहना है कि सब सरकार के इशारे पर हुआ है. इसके पीछे सरकार है. सरकार ने नोटिस से डरा दिया.

उन्होंने कहा, इन सब के पीछे सरकार है और उसी ने सब कुछ करवाया है. जिस तरीके से 26, 27 और 28 जनवरी 2021 को लोगों ने सरेंडर किया था, उसी तरीके से आज 15 मई को भी चंद लोगों ने सरकार के सामने सरेंडर कर दिया है. पहले भी हमारे संगठन से कई सारे लोग बाहर जा चुके हैं. उत्तर प्रदेश में ही भारतीय किसान यूनियन से टूटकर 8 से 10 संगठन बन चुके हैं.

सरकार की तरफ से नए संगठन के लोगों पर बहुत दबाव
टिकैत ने कहा, जिनकी आस्था नहीं है वह जाने को स्वतंत्र हैं. मैं कल लखनऊ गया था उनसे बात करने के लिए, लेकिन उन्होंने मुझे कहा कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं, लेकिन कोई बड़ी मजबूरी रही होगी तभी यह लोग छोड़ कर गए हैं. सरकार की तरफ से दबाव बहुत ज्यादा है.

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राकेश टिकैत ने कहा, हल्की फुल्की नाराजगी लोगों को रहती है, लेकिन यह सब चीजें एक संगठन में लगी रहती हैं. अब जिलों में जो संगठन है वहां से अगर कोई जाना चाहे तो चला जाए. हम फिर से संगठन को मजबूत कर लेंगे.

सरकार ने नोटिस से डरा दिया
लखनऊ में जो हमारा कार्यालय है वह वह अलॉटमेंट राजेश चौहान के नाम से है और किसी तरीके से उस पर एक से दो करोड़ रुपए का बिल बन गया था और लगता है सरकार ने नोटिस से डरा दिया. मैं किसी के खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगा, क्योंकि कई सारे लोगों के साथ मैंने 30 साल से काम किया है.

ये भी पढ़ें: BKU में टिकैत भाइयों के खिलाफ खुली बगावत, राजेश चौहान की अगुवाई में बना नया संगठन

क्या रही टूट की वजह?
भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के सदस्यों का कहना है कि टिकैत 2022 के चुनाव में एक पार्टी की तरफदारी करते रहे और एक विशेष पार्टी को टारगेट करते थे. इससे संगठन को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ.

राजेश चौहान नए अध्यक्ष
राजेश चौहान को नया अध्यक्ष बनाया गया है. चौहान ने कहा, हमारे नेता महात्मा टिकैत ने कहा था हम अराजनैतिक हैं. किसी भी राजनीतिक गतिविधि में हमारे नेता भाग नहीं लेंगे, लेकिन 13 महीने के आंदोलन के बाद जब 2022 का चुनाव आया तो हमारे नेता राकेश टिकैत जी ने एक दल विशेष का घूम कर प्रचार किया, और एक दल विशेष को टारगेट किया. जो हमारे सिद्धांतों के विपरीत था.

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राजनीति से कोई मतलब नही
यूपी, एमपी और उत्तराखंड के नाराज किसान नेताओं ने बैठक के बाद निर्णय लिया कि नया संगठन बनाया जाए. राजेश सिंह चौहान, राजेंद्र सिंह मलिक, बिंदु कुमार, कुंवर परमार सिंह, अनिल तालान, हरनाम सिंह वर्मा, नितिन सिरोही समेत तमाम नेता नए संगठन में शामिल हुए हैं. भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक का राजनीति से कोई मतलब नहीं होगा. किसान हितों के लिए यह संगठन काम करेगा. 

 

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