भारत ने मंगलवार को चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की उस आलोचना को सख्ती से खारिज कर दिया, जिसमें आगामी बॉलीवुड फिल्म 'बैटल ऑफ गलवान' पर सवाल उठाए गए थे. सरकार ने कहा कि भारत में फिल्म निर्माताओं को क्रिएटिव फ्रीडम हासिल है और ऐतिहासिक सैन्य घटनाओं पर फिल्में बनाना भारतीय सिनेमा की पुरानी परंपरा रही है.
सरकार ने 1962 के युद्ध पर बनी फिल्म 'हकीकत' और रेजांग ला की लड़ाई पर आधारित हालिया फिल्म '121' का हवाला देते हुए कहा कि भारत-चीन सीमा से जुड़े विषयों पर पहले भी फिल्में बनती रही हैं और इसमें कुछ नया नहीं है.
ग्लोबल टाइम्स के विवादित लेख में क्या?
यह प्रतिक्रिया ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित उस लेख के कुछ घंटे बाद आई, जिसमें 'बैटल ऑफ गलवान' के टीजर की आलोचना की गई थी. चीनी अखबार ने आरोप लगाया कि फिल्म में जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प की घटनाओं को गलत तरीके से दिखाया गया है.
रिपोर्ट में भारतीय सेना के अधिकारी कर्नल बिकुमल्ला संतोष बाबू की भूमिका को लेकर भी विवादित टिप्पणी की गई और उनकी भूमिका को 'तथाकथित' बताया गया. साथ ही दावा किया गया कि चीनी सोशल मीडिया पर इस फिल्म को लेकर नकारात्मक प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं और इसे 'बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया' बताया जा रहा है.
ग्लोबल टाइम्स ने एक बार फिर चीन के उस पुराने रुख को दोहराया, जिसमें भारत पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पार करने और हालात बिगाड़ने का आरोप लगाया गया था. रिपोर्ट में कहा गया कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय राय को प्रभावित करने के लिए हताहतों के आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया.
सिनेमा के जरिए राष्ट्रवादी भावनाएं भड़काने का आरोप
भारत ने आधिकारिक तौर पर करीब 20 सैनिकों की शहादत की पुष्टि की थी, जबकि चीन ने काफी समय बाद चार सैनिकों की मौत स्वीकार की थी. चीनी अखबार ने यह भी आरोप लगाया कि भारत सिनेमा के जरिए राष्ट्रवादी भावनाएं भड़का रहा है. अपूर्व लखिया के निर्देशन में बनी 'बैटल ऑफ गलवान' में सलमान खान और चित्रांगदा सिंह अहम भूमिकाओं में हैं और यह फिल्म अप्रैल 2026 में रिलीज होने वाली है.