अमरनाथ यात्रा के लिए बुधवार सुबह श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना हो गया है. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू से झंडी दिखाई. करीब तीन हजार से ज्यादा श्रद्धालु कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुए हैं. ये यात्रा कोरोना संक्रमण की वजह से दो साल बाद हो रही है. इस बार अमरनाथ यात्रा को लेकर केंद्र सरकार ने फुल प्रूफ सुरक्षा का प्लान तैयार किया है. जानिए क्या हैं पूरी तैयारियां...
30 जून यानी कल से इन श्रद्धालुओं की अमरनाथ यात्रा शुरू हो जाएगी. ऐसे में सुरक्षा के साथ श्रद्धालुओं के ठहरने और यात्रा को आसान बनाने के लिए इस बार जम्मू कश्मीर प्रशासन ने काफी बेहतर इंतजाम किये हैं. तमाम आतंकी खतरों के बीच आज तक की टीम पंचतरनी के रास्ते पहुंची.
हवाई सेवा: दर्शन कर एक ही दिन में वापस आ सकते
बाबा बर्फानी के भक्तों के लिए अमरनाथ यात्रा सुगम बनाने में इस साल हवाई सेवा अहम होगी. पहली बार श्रीनगर से पंचतरणी तक हेलिकॉप्टर सेवा शुरू की जा रही है. इससे अमरनाथ यात्री एक ही दिन में बाबा बर्फानी के दर्शन कर श्रीनगर लौट सकेंगे. अब शिव भक्त हवाई सेवा के लिए श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर टिकट बुक करवा सकते हैं. पहली बार श्रद्धालु आसानी से श्रीनगर से पंचतरणी तक यात्रा कर सकेंगे.
हेलीकॉप्टर से प्रतिदिन 3 हजार यात्री दर्शन करने पहुंच सकते
हेलीकॉप्टर सेवा और पंचतरणी में हेलीपैड को मेंटेन करने वाली BSF के पायलट HD लोहानी ने आजतक को बताया कि इस साल अमरनाथ यात्रियों में बहुत उत्साह देखा जा रहा है. ऐसा अनुमान है कि प्रतिदिन हेलीकॉप्टर के जरिये करीब 3000 यात्री दर्शन करेंगे और 20000 यात्री प्रतिदिन पवित्र गुफा के दर्शन करने का अनुमान माना लगाया जा रहा है.
खतरा क्या है इस बार...
इस बार अमरनाथ यात्रा को लेकर खतरा बहुत ज्यादा है. सुरक्षा बलों की 400 से ज्यादा कंपनियां तैनात की गई हैं. CCTV कैमरा और ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है. खुफिया सूत्रों ने कुछ इनपुट्स दिए हैं.
1. आतंकी ग्रेनेड के जरिये यात्रियों को निशाना बना सकते हैं.
2. यात्रियों के कैंप पर आतंकी हमले की साजिश हो सकती है.
3. आईईडी धमाके के जरिये निशाना बनाया जा सकता है.
4. आतंकी ड्रोन से हथियार भेज सकते हैं.
5. कार में IED और स्टिकी बम का इस्तेमाल कर निशाना बना सकते हैं.
खतरे से निपटने के लिए खास तैयारी...
1. यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं और सुरक्षा बलों की गाड़ियों पर RFID टैग लगाया जाएगा. श्रद्धालुओं को खास तरीके का बार कोड दिया गया है. बार कोड से उनकी लोकेशन के बारे में जानकारी मिलेगी.
2. अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में लगाए गए जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना और सभी अर्ध सैनिक बलों को पूरी तरह मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं.
3. स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम (SOP) को और पुख्ता किया गया है. यात्रा के दौरान कम संख्या में काफिले में गाड़ियों को शामिल किया जाएगा. इस साल ज्यादा संख्या में बुलेट प्रूफ और एमपीवी गाड़ियों को शामिल किया जाएगा.
4. पहलगाम और बालटाल दोनों रूट पर ROP और Antisabotage टीम की संख्या पुख्ता होगी.
5. यात्रा रूट पर IED के खतरे को देखते हुए BDT टीम की संख्या बढ़ाई गई है.
6. BDT से जुड़े 2 दर्जन ऐसे नए एक्सपर्ट को लगाया जा रहा है जिन्होंने हाल ही में आईईडी से निपटने की खास ट्रेंनिग ली है.
7. यात्रा रूट पर CCTV कैमरा और ड्रोन से निगरानी की जाएगी.
8. एंटी ड्रोन सिस्टम और ड्रोन हंटिंग टीम तैनात रहेगी.
9. CRPF की बुलेट प्रूफ एंटीमाईन व्हीकल की संख्या इस साल यात्रा रूट पर तादात बढ़ा दी गई है.
10. यात्रा रूट के ऊंचाई वाले इलाकों में स्नाइपर तैनात किए गए हैं.
श्रद्धालुओं के लिए ऐहतियात बरतने के निर्देश दिए जा रहे हैं. कोरोना के चलते दो साल बाद यात्रा शुरू हो रही है इसलिए यात्रियों को किसी भी तरीके की दिक्कत ना हो इसलिए बालटाल रूट, पहलगाम रूट पर अस्पताल बनाये गए हैं. मगर यात्रा से पहले इन बातों को ध्यान में जरूर रखना होगा.
1. श्रद्धालुओं को किसी पंजीकृत चिकित्सक द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण-पत्र रजिस्ट्रेशन के समय ही लिया जाता है. मगर कोई मेडिकल समस्या है तो यात्रा से बचें. क्योंकि गुफा करीब 14000 फीट की ऊंचाई पर है. जहां ऑक्सीजन की काफी कमी है.
2. गुफा और यात्रा रूट का मौसम कभी भी बदल जाता है इसलिये यात्रा पर जाने से पहले ठंड से बचने के लिए उचित कपड़े रख लें. कई बार ऐसा होता है कि जिन्हें ठंड बर्दाश्त नहीं होती है उनके लिए समस्या खड़ी हो जाती है.
3. हाई एल्टीट्यूड का एरिया होने की वजह से चढ़ाई के दौरान ज्यादा सामान लेकर नहीं जा सकते हैं इसलिए चढ़ाई के दौरान ज्यादा सामान नहीं ले जाएं. सिर्फ जरूरत का सामान ही साथ में रखें. जरूरी सामान में एक हल्का कंबल, छाता, रेन कोट, वाटरप्रूफ जूते, छड़ी, टॉर्च आदि रखें. खाने के सामान में सूखे मेवे, टोस्ट, बिस्किट और पानी की बोतल जरूर रख लें. क्योंकि ऊंचाई पर प्यास नहीं लगती, पर पानी थोड़ा-थोड़ा जरूर पीते रहें.
4. यात्रा रूट काफा संकरा है इसलिए जब ट्रैक पर चलें तो सावधानी बरतें. इसके साथ ही घोड़ों/खच्चरों और पोर्टर के साथ ही रहें. पंजीकृत लेबर, खच्चर और पालकी वालों की ही सेवाएं लें.
5. अमरनाथ की यात्रा के मार्ग में कई लोगों का ऑक्सीजन की कमी महसूस होती है ऐसे में सावधानी बरतें. हालांकि श्राईन बोर्ड ने जगह-जगह अस्पताल खोले हैं. दिक्कत होने पर पूरी मेडिकल फैसिलिटी मिलेगी.
6. अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए 2 रास्ते हैं. एक पहलगाम होकर जाता है और दूसरा सोनमर्ग बालटाल से जाता है. यानी देशभर के किसी भी क्षेत्र से पहले पहलगाम या बालटाल पहुंचना होता है. इसके बाद की यात्रा पैदल की जाती है. मगर इस बार श्रीनगर से हेलीकॉप्टर सीधे पंचतरणी तक पहुंचा जा सकेगा.
7. खाली पेट यात्रा ना करें. यात्रा प्रारंभ होने के समय नाश्ता जरूर कर लें या खाने का समय होता खाना खाकर ही निकलें. ये न सोचे की रास्ते में किसी कैंप में खा लेंगे.
8. यात्रा के समय साथ में पहचान पत्र के तौर पर आधारकार्ड या दूसरा कुछ अवश्य रख लें और सभी प्रमुख लोगों के मोबाइल नंबर अपने पास रखें. मोबाइल के लिए बैट्री बैकअप जरूर रखें.