केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को 525 करोड़ रुपए के दो अलग-अलग बैंक धोखाधड़ी मामले में केस दर्ज किए हैं. सीबीआई ने पहला मामला करीब 452.62 करोड़ रुपये और दूसरा मामला 72 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का दर्ज किया है. सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि अहमदाबाद स्थित वारिया इंजीनियरिंग वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड, हिमांशु प्रफुल्लचंद वारिया, सेजल वारिया, कृष टेक-कॉन प्राइवेट लिमिटेड, अज्ञात सरकारी कर्मचारियों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक की एक शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है. बैंक ने उसके साथ 452.62 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले की शिकायत की थी.
एसबीआई ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि अहमदाबाद की कंपनी और उसके अधिकारियों ने बैंकों के संघ से 2013 से 2017 के बीच 452.62 करोड़ की धोखाधड़ी की है. अधिकारी के मुताबिक 2013 और 2017 के बीच अभियुक्त ने एसबीआई, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, पंजाब नेशनल बैंक और विजया बैंकों से विभिन्न ऋण सुविधाओं के मामले में धोखाधड़ी की गई.
एसबीआई ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने बुक्स ऑफ अकाउंट्स में हेरफेर किया और बैंकों के धन को डायवर्ट किया और बैंकों के कंसोर्टियम के साथ 452.62 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की. गुरुवार को अहमदाबाद में निजी कंपनी के आधिकारिक और आवासीय परिसरों और इसके निदेशकों सहित चार स्थानों पर तलाशी ली गई और गुप्त दस्तावेजों की बरामदगी हुई.
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दूसरे मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा की एक शिकायत पर गांधीनगर, गुजरात स्थित एक निजी कंपनी और उसके निदेशकों और अज्ञात लोक सेवकों और अज्ञात अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.
इस केस में 2017 से 2019 की अवधि के दौरान 72.55 करोड़ का हेरफेर हुआ. सीबीआई ने गोपाला पॉलीप्लास्ट लिमिटेड, मनीष महेंद्र सोमानी, मनोज महेंद्र सोमानी, किशोरीलाल सोंथालिया, अज्ञात लोक सेवक समेत अज्ञात अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है.