पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दिल्ली में लगातार बैठकों का दौर जारी है और पाकिस्तान को सबक सिखाने की पूरी तैयारी हो रही है. दोनों देशों के बीच जंग जैसे हालात पैदा हो गए हैं और भारत की तैयारियों को देखकर पाकिस्तान को हमले का डर सता रहा है. ऐसे में दिल्ली में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में राजनीतिक मामलों पर कैबिनेट कमेटी (CCPA) की बैठक हुई, उससे पहले सुरक्षा मामले की कैबिनेट कमेटी की भी मीटिंग हो चुकी है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत कुछ बड़ा करने जा रहा है.
भारत में कई हमलों के लिए जिम्मेदार
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों के लिए सिरदर्द बन चुका है. भारत में पुलवामा, उरी, संसद हमला, मुंबई अटैक, कंधार हाईजैक जैसी कई आतंकी वारदातों में सीधे तौर पर पाकिस्तान का हाथ होने की बात सामने आई है. लेकिन अब भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए कमर कस चुका है. ऐसे में पाकिस्तान पर जल्द ही बड़ा एक्शन लेते हुए सख्त फैसला लिया जा सकता है. इसमें पाकिस्तान को 'आतंकी राष्ट्र' घोषित करना भी शामिल है.
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अमेरिका ने आतंकियों को पनाह देने वाले, हथियार मुहैया कराने वाले और आतंकवादियों को फंडिंग देने वाले कुछ देशों को स्टेट स्पॉन्सर्स ऑफ टेररिज्म' यानी आतंकवाद को पोषक देश (State sponsors of terrorism) घोषित कर रखा है. इनमें ईरान, क्यूबा, उत्तर कोरिया और सीरिया का नाम शामिल है. अमेरिकी सरकार के मुताबिक देश के विदेश मंत्रालय के यह तय किए जाने पर कि कौन से देश बार-बार अंतरराष्ट्रीय आतंकी वारदातों को समर्थन देते हैं, उन्हें तीन कानूनों के तहत नॉमिनेट किया जाता है और इस लिस्ट में डाला जाता है.
अमेरिका की लिस्ट में ऐसे 4 देश
अमेरिका की यह लिस्ट भी विवादों में रही है क्योंकि कुछ लोग आरोप लगाते हैं कि जिन देशों के साथ उसके तनावपूर्ण संबंध हैं, उन्हें अमेरिका इस लिस्ट में डाल देता है. ईरान और सीरिया को छोड़ दें तो उत्तर कोरिया और क्यूबा जैसे देशों का आतंकवाद को पोषित करने का इतिहास भी नहीं रहा है. लेकिन अमेरिका के साथ तनाव की वजह से इन देशों को भी प्रतिबंध झेलने पड़ रहे हैं.
इस लिस्ट में शामिल होने के बाद अमेरिका आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों पर चार तरह के प्रतिबंध लगाता है. इसमें अमेरिकी विदेशी सहायता पर प्रतिबंध, रक्षा निर्यात और बिक्री पर प्रतिबंध, दोहरे उपयोग की वस्तुओं के निर्यात पर कंट्रोल और वित्तीय प्रतिबंध शामिल हैं. अमेरिका ऐसे देशों को आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लेने या फिर किसी डील के तहत लिस्ट से बाहर कर सकता है. इस लिस्ट में सबसे ताजा क्यूबा (2021) को शामिल किया गया था. लेकिन क्या भारत में पाकिस्तान के साथ ऐसा कर सकता है?
क्या कहता है अंतरराष्ट्रीय कानून
अंतरराष्ट्रीय कानून किसी देश को 'आतंकी राष्ट्र' घोषित करने की इजाजत नहीं देते हैं. लेकिन संयुक्त राष्ट्र (UN) और अमेरिका जैसे देशों की नीतियों में ऐसे प्रावधान शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र चार्टर आतंकवाद को परिभाषित करता है. हालांकि, UN में किसी देश को 'आतंकी देश' घोषित करने की औपचारिक प्रक्रिया नहीं है, क्योंकि यह राजनीतिक रूप से काफी संवेदनशील है और स्थायी सदस्यों खासकर चीन और रूस के वीटो के कारण ऐसा होना नामुमकिन है.
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) आतंकी संगठनों या व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रस्ताव पारित कर सकती है, जैसे रेजोल्यूशन 1267, लेकिन यह किसी देश को सीधे आतंकी घोषित करने के लिए लागू नहीं होता. इस रेजोल्यूशन में ग्लोबल टेररिस्ट और वैश्विक आतंकी संगठनों के नाम शामिल होते हैं. इस लिस्ट में आने के बाद व्यक्ति या समूहों पर ट्रेवल बैन, संपत्ति सीज करना और हथियारों की सप्लाई जैसे प्रतिबंध लगाए जाते हैं.
PAK की 'इंटरनेशनल बेइज्जती'
अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार कमर आगा कहते हैं, 'पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित करना मुश्किल है, ऐसे में पाकिस्तानी आर्मी को आतंकी घोषित किया जाना चाहिए.' उन्होंने इसके पीछे तर्क देते हुए बताया, 'पाकिस्तान में सेना सबसे ज्यादा ताकतवर है और आतंकी संगठनों को भी सेना ही सीधे तौर पर मदद पहुंचाती है. जबकि पूरे देश को आतंकी घोषित करने में वहां के आम नागरिक भी जद में आएंगे, जो कि वैश्विक समुदाय को मान्य नहीं होगा.' इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय कानूनों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत अपने स्तर पर ऐसा कर सकता है, जैसा कि अमेरिका ने किया है.
कमर आगा ने कहा कि भारत इस बार कुछ बड़ा कदम उठा सकता है और दोनों देशों के बीच 'कोल्ड वॉर' जैसे हालात पैदा हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस कदम का वैश्विक स्तर पर भले ही बड़ा असर न हो लेकिन अगर भारत ऐसा करता है तो दुनियाभर में पाकिस्तान की छवि धूमिल होना तय है. इससे पाकिस्तान को अलग-थलग करने और आतंकवाद पर लगाम कसने में मदद मिल सकती है.
आतंकियों को अड्डा बना पाकिस्तान
आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश ए-मोहम्मद जैसे कई संगठनों को पाकिस्तान खुलआम समर्थन देता रहा है. इनके आका पाकिस्तान की सरजमीं पर खुलेआम घूमते भी नजर आते हैं. इसी वजह से पाकिस्तान को कई बार फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में भी डाला जा चुका है. क्योंकि वह आतंकियों की फंडिंग रोकने में नाकाम रहा है. बावूजद इसके भारत की पहल पर कई बार चीन जैसे देश UN में वीटो लगाकर सीधे तौर पर पाकिस्तान का बचाव करते आए हैं और इसका फायदा आतंकी भी उठा रहे हैं.
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भारत अपनी तरफ से अमेरिका की तरह किसी देश को आतंकी राष्ट्र घोषित कर सकता है. लेकिन वैश्विक समुदाय को भी इस फैसले के साथ एकमत होगा, यह कहना मुश्किल है. ऐसा करने के लिए भारत को पास पर्याप्त सबूत हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें मंजूरी मिलना भी जरूरी है. यह प्रक्रिया काफी जटिल है, क्योंकि कई देश इसे किसी राष्ट्र की संप्रभुता पर हमला मान सकते हैं. बाकी देश अगर इममें भारत का साथ देते हैं तो यह फैसला काफी असरदार साबित हो सकता है.
अगर अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित किया जाता है तो उस पर आर्थिक प्रतिबंध, व्यापार प्रतिबंध और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहायता में कटौती जैसे कदम उठाए जा सकते हैं. जैसा कि अमेरिका ने चार मुल्कों के साथ कर रखा है. हालांकि इससे पूरे क्षेत्र में तनाव पैदा होने का खतरा बढ़ जाएगा और पाकिस्तान के हालात और बिगड़ सकते हैं. साथ ही परमाणु देश होने की वजह से कोई भी यह नहीं चाहता कि अस्थिरता के बाद आतंकियों की पहुंच पाकिस्तान के परमाणु हथियारों तक हो और ये पूरी दुनिया के लिए खतरा हो सकता है.