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पहलगाम हमलाः असदुद्दीन ओवैसी कैसे निकाल रहे पाकिस्तान के नापाक मंसूबे की हवा?

पहलगाम की आतंकी वारदात के बाद से ही असदुद्दीन ओवैसी पाकिस्तान पर हमलावर हैं. ओवैसी अपने तेवरों से किस तरह पाकिस्तान के नापाक मंसूबे की हवा निकाल रहे हैं?

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AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (फोटोः PTI)
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (फोटोः PTI)

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. आतंकियों ने जिस तरह से धर्म पूछकर गैर मुस्लिमों की हत्या की, ओवैसी ने उसकी आलोचना करते हुए पाकिस्तान की तुलना आतंकी संगठन आईएस (इस्लामिक स्टेट) से कर दी. ऐसे समय में जब कांग्रेस के कुछ नेताओं के बयान ग्रैंड ओल्ड पार्टी के लिए गले की हड्डी बन रहे हैं, ओवैसी के आक्रामक तेवर और हमले का अपना अंदाज ने पाकिस्तान के नापाक मंसूबों की हवा निकाल दी है.

मुस्लिम पॉलिटिक्स का बड़ा चेहरा असदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र के परभणी में नए वक्फ कानून के खिलाफ रैली में पाकिस्तान पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का मानक समय भारत से आधे घंटे पीछे है लेकिन वास्तव में यह देश भारत से आधी सदी पीछे है. पहलगाम हमला बताता है कि आप आईएस से कम नहीं हैं. ओवैसी ने कहा कि हमारा सैन्य बजट आपके कुल बजट से ज्यादा है. वह (पाकिस्तान) कहता है कि हमारे पास परमाणु बम है. याद रखना चाहिए कि किसी देश में जाकर मासूम लोगों को मारेंगे, तो कोई भी देश चुप नहीं रहेगा. हुकूमत किसी की भी हो.

ओवैसी का ये बयान उस दिन आया, जब अपने कुछ वरिष्ठ नेताओं के बयान की वजह से कांग्रेस आलोचकों के निशाने पर थी. पार्टी को अपने नेताओं को यह निर्देश देना पड़ा कि पहलगाम पर कोई भी पार्टी लाइन से अलग बयान ना दे. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने तो समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए यहां तक कह दिया कि पाकिस्तान अगर यह कहता है कि हमले में उसका हाथ नहीं है, तो हमें उसकी बात मान लेनी चाहिए. इन सब के बीच ओवैसी ने पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामक रुख दिखाते हुए भारत के मुस्लिमों से संबंधित मुद्दों और पाक प्रायोजित आतंकवाद, दोनों को एक फ्रेम में लाने के नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया है.

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ओवैसी का ऐसा रुख यह भी नहीं है कि कोई पहली बार सामने आया हो. वह खुलकर पाकिस्तान की आलोचना करते आए हैं. पहले भी ओवैसी टू नेशन थ्योरी को भी खारिज कर चुके हैं, जो पाकिस्तान बनाए जाने का आधार भी है. इसमें कहा गया था कि हिंदू और मुस्लिम, दो बहुत अलग लोग हैं. उन्होंने साल 2023 में कहा था कि ऐतिहासिक रूप से यह एक देश था और दुर्भाग्य से विभाजित हो गया. ओवैसी ने तब के सभी नेताओं को बंटवारे का जिम्मेदार बताते हुए कहा था  कि मौलाना अबुल कलाम आजाद ने अपनी किताब 'इंडिया विन्स फ़्रीडम' में लिखा है कि कांग्रेस के सभी नेताओं से कहा था कि देश का बंटवारा नहीं होना चाहिए. बंटवारे के बाद मुस्लिम लीग के नेता पाकिस्तान चले गए और मौलाना आजाद जैसे नेता ही मुस्लिमों के प्रतिनिधि के रूप में स्थापित हुए.

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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के हार्ड हिंदुत्व के जवाब में कांग्रेस ने सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पकड़ी तो ओवैसी ने मुस्लिमों के बीच पैठ मजबूत करने की कोशिशों में जुट गए. ओवैसी की पार्टी को वैसी चुनावी सफलता नहीं मिली और विपक्षी पार्टियां एआईएमआईएम को बीजेपी की बी टीम बता अल्पसंख्यक वोटों के बंटवारे का आरोप लगाती आई हैं. ओवैसी बाबरी विध्वंस से लेकर नागरिकता संशोधन कानून औौर वक्फ कानून के मुद्दे पर बीजेपी की मुखर आलोचना की, लेकिन भारतीय मुस्लिमों से संबंधित मुद्दों से हमेशा ही पाकिस्तान को दूर रखा. 

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ओवैसी विफल कर रहे पाक सेना प्रमुख का प्लान

पहलगाम हमले के दौरान आतंकियों ने सैलानियों से कलमा पढ़ने को कहा, जिससे वह यह पता लगा सकें कि वह मुस्लिम हैं या नहीं. आतंकियों ने गैर मुस्लिमों को गोली मारी. यह आतंकी वारदात पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के उस जहरीले भाषण के एक हफ्ते के भीतर हुई, जिसमें मुस्लिमों को हिंदुओं के खिलाफ भड़काया गया था. पहलगाम हमले में मजहब पूछकर लोगों को मारने को पाकिस्तानी सेना प्रमुख की हिंदू विरोधी टिप्पणी से ही जोड़कर देखा जा रहा है.

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असदुद्दीन ओवैसी ने इन सबके खिलाफ मोर्चा खोल पाकिस्तानी मंसूबों की हवा निकाल दी है. ओवैसी ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि आईएसआई (ISI) और पाकिस्तान के आतंकी संगठनों का मकसद भारत में हिंदू-मुस्लिम विवाद कराना है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में गैर मुस्लिमों को इसीलिए निशाना बनाया गया. उन्होंने लोगों से यह अपील भी की थी कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद देश को कमजोर करने की कोशिशें कामयाब न होने दें.

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