पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने सिंधु नदी को लेकर हाल ही में भड़काऊ बयान दिया था. पहलगाम अटैक के बाद भारत की ओर से सिंधु नदी समझौता स्थगित करने के बाद बिलावल ने चेतावनी दी थी. अब उनके इस बयान पर असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी है.
ओवैसी ने कहा कि छोड़िए ना... बचपने की बातें नहीं करना. उनके नाना साहब के साथ क्या हुआ था, उन्हें नहीं मालूम? उनकी वालिदा से क्या हुआ था, उन्हें नहीं मालूम? उनकी वालिदा को दहशतगर्दों ने मार डाला था. कम से कम उन्हें तो इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए. आप किससे क्या बात कर रहे हैं? उन्हें कोई अंदाजा भी है क्या? जब तक अमेरिका आपको यहां से वहां हमें आंखें दिखा रहे हैं आप.
बिलावल ने सखर में सिंधु नदी के किनारे एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि मैं सिंधु दरिया के पास खड़े होकर साफ कहना चाहता हूं कि सिंधु नदी हमारी थी, है और हमारी ही रहेगी. या तो इस नदी से हमारा पानी बहेगा, या फिर उसका खून जो हमारी हिस्सेदारी छीनना चाहता है.
उन्होंने कहा कि सिर्फ इसलिए कि उनकी (भारत) आबादी अधिक है, वो ये नहीं तय कर सकते कि पानी किसका है. पाकिस्तान की अवाम बहादुर है, हम डटकर मुकाबला करेंगे, सरहदों पर हमारी फौज हर हमले का जवाब देने को तैयार है.
उन्होंने अपने बयान में सिंधु नदी को पूरे पाकिस्तान की साझी विरासत बताते हुए देश की जनता से एकजुटता की अपील करते हुए कहा था कि हमारा हर पाकिस्तानी सिंधु का पैगाम लेकर दुनिया को बताएगा कि दरिया पर डाका मंजूर नहीं. दुश्मन की नजरें हमारे पानी पर हैं, पूरे मुल्क को मिलकर इसका जवाब देना होगा.
बता दें कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी जबकि 17 घायल हुए थे. यह हमला पहलगाम की बैसारन घाटी में किया गया था, जिसमें आतंकियों ने चुन-चुनकर लोगों को निशाना बनाया गया था.
पहलगाम अटैक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) ने सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया था. यह पहली बार है जब भारत ने इतनी बड़ी और सख्त कार्रवाई की गई. भारत और पाकिस्तान के बीच तीन बड़ी जंग हो चुकी है लेकिन पहले कभी भी इस संधि को स्थगित नहीं किया गया.
कैबिनेट कमेटी की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया था कि 1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी गई. यह रोक तब तक रहेगी, जब तक पाकिस्तान क्रॉस बॉर्डर टेरेरिज्म को अपना समर्थन देना बंद नहीं करता.