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हादसे के 28 घंटे बाद Black Box बरामद, Boeing Dreamliner पर सख्त गाइडलाइंस... प्लेन क्रैश के बड़े अपडेट्स

एयर इंडिया विमान का ब्लैक बॉक्स हादसे के 28 घंटे बाद बरामद हो गया है. अब इसके डेटा को ऐनालिसिस किया जाएगा और ये पता लगाया जाएगा कि हादसे की वजह क्या थी. वहीं, DGCA ने भारतीय एयरलाइन कंपनियों को सेफ्टी जांच बढ़ाने के सख्त निर्देश जारी किए हैं. इनमें भी खासतौर से जिन एयरलाइन कंपनियों के पास बोइंग 787 हैं, उनको ज्यादा ध्यान देने के लिए कहा गया है.

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अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच तीन एजेंसियां कर रही हैं.
अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच तीन एजेंसियां कर रही हैं.

अहमदाबाद में एअर इंडिया के बोइंग 787 की दुर्घटना में अब तक 265 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. मरने वालों में 241 विमान यात्रियों के अलावा मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में मौजूद 24 छात्र भी हैं. इस हादसे ने सिर्फ भारत पर ही नहीं, पूरी दुनिया पर असर डाला है. दुनियाभर के एक्सपर्ट इस दुर्घटना के कारणों की तलाश कर रहे हैं. एविएशन एक्सपर्ट्स जानना चाहते हैं कि किन वजहों से एक ऐसा विमान क्रैश हो गया, जो आज तक कभी क्रैश नहीं हुआ था. इस दुर्घटना ने बोइंग की विश्वनीयता पर भी सवाल उठा दिए हैं. इसीलिए बोइंग कंपनी भी परेशान है. अब सभी की नजर इस विमान के ब्लैक बॉक्स पर है, जो इस हादसे हादसे की गुत्थी सुलझाएगा.

एयर इंडिया विमान का ब्लैक बॉक्स हादसे के 28 घंटे बाद बरामद हो गया है. अब इसके डेटा को ऐनालिसिस किया जाएगा और ये पता लगाया जाएगा कि हादसे की वजह क्या थी. दुनिया के किसी भी कोने में जब कोई विमान हादसा होता है, तो एक खास स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का पालन किया जाता है. अहमदाबाद विमान हादसे में उन देशों की संस्थाएं जांच करेंगी, जो किसी ना किसी तरीके से इस हादसे से जुड़ी हुई हैं.

DGCA ने जारी की गाइडलाइंस

अहमदाबाद में हुए हादसे को लेकर बोइंग 787 पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं और DGCA ने भारतीय एयरलाइन कंपनियों को सेफ्टी जांच बढ़ाने के सख्त निर्देश जारी किए हैं. इनमें भी खासतौर से जिन एयरलाइन कंपनियों के पास बोइंग 787 हैं, उनको ज्यादा ध्यान देने के लिए कहा गया है. DGCA के नए आदेश में कहा गया है कि हर फ्लाइट के डिपार्चर से पहले कुछ अनिवार्य जांच की जाएगी. जैसे फ्यूल पैरामीटर मॉनिटरिंग और उससे जुड़े हुए सिस्टम की जांच की जाएगी. इसके अलावा केबिन में हवा का दबाव, इंजन कंट्रोल सिस्टम से जुड़े टेस्ट करने होंगे. साथ ही हाइड्रोलिक सिस्टम और टेक ऑफ के मानकों की रोजाना समीक्षा करनी होगी. विमान हादसे के बाद बोइंग 787 पर DGCA की पैनी नजर है. इसीलिए सभी 787 ड्रीमलाइनर की जांच की तैयारी की जा रही है.

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 Ahmedabad plane crash

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विमान हादसे की जांच कितनी एजेंसियां करेंगी?


एअर इंडिया विमान हादसे की जांच भारत, ब्रिटेन और अमेरिका की संस्थाएं करेंगी. हादसा भारत में हुआ है इसीलिए भारत की तरफ से दो एजेंसियां DGCA यानी डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन और AAIB यानी एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट एन्वेस्टिगेशन ब्यूरो इसकी जांच करेंगी. ये हादसा 'बोइंग 787 ड्रीमलाइनर' में हुआ है और बोइंग एक अमेरिकी विमान कंपनी है, इसीलिए इस हादसे की जांच अमेरिका का नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड भी करेगा. विमान अहमदाबाद से ब्रिटेन के गैटविक जा रहा था और इसमें 53 ब्रिटिश नागरिक थे. इसलिए ब्रिटेन की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच भी हादसे की जांच करेगी.

प्लेन क्रैश की वजह बताएंगी एजेंसियां

विमान हादसों की जांच करने वाली संस्थाओं का पहला टारगेट हादसे के सही कारणों की तलाश करना होता है. ये संस्थाएं एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप नहीं करती हैं, बल्कि ये अपनी जांच रिपोर्ट में केवल हादसे की वजह बताती हैं, ताकि आने वाले समय में उन वजहों से अन्य हादसे ना हों. इसमें हादसे की जांच में ब्लैक बॉक्स के डेटा का पूरा विश्लेषण किया जाता है. इसमें वॉयस रिकॉर्डिंग में दर्ज आवाजों को डीकोड किया जाएगा, फिर FDR से मिले विमान के डेटा के साथ उसका मिलान करते हुए हादसे के कारण तलाशे जाएंगे. 

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Ahmedabad Air India plane crash

12 महीनों में देनी होगी फाइनल रिपोर्ट 

जांच एजेंसियां कई तरह की जानकारियां इकट्ठा करेंगी, जैसे विमान का राडार डेटा, ATC से हुई बातचीत, विमान की Trajectory... विमान के मेंटेनेंस का पूरा इतिहास, पायलट्स की काबिलियत और ट्रेनिंग से जुड़ी जानकारी और इसके अलावा एअर इंडिया के काम करने की पूरी प्रक्रिया का भी विश्लेषण किया जाएगा. यही नहीं जांच एजेंसियां विमान के मलबे की जांच करेंगी. एटीसी के अधिकारियों से पूछताछ होगी, विमान का मेंटेनेंस देखने वाले क्रू से पूछताछ होगी. ये पता लगाया जाएगा कि हादसे के वक्त अहमदाबाद का मौसम कैसा था, पायलट की सेहत कैसी थी, और सुरक्षा से जुड़े सीसीटीवी फुटेज का भी देखे जाएंगे. सारी प्रक्रिया के बाद विमान हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट 30 दिनों के अंदर दी जाएगी, और फिर फाइनल रिपोर्ट 12 महीने के अंदर पेश करनी होगी.

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Ahmedabad Air India plane crash

क्या है एविशन एक्सपर्ट्स का कहना?

एयर इंडिया विमान हादसे को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं. एविशन एक्सपर्ट्स ने बोइंग की खामियों और अहमदाबाद हादसे के वीडियोज़ के आधार पर अपने अलग-अलग आकलन दिए हैं. इस हादसे की तस्वीरों के आधार एअर इंडिया के पूर्व पायलट कैप्टन एन.के बेरी का मानना है कि हादसे की एक वजह फ्यूल का सही तरीके से इंजन तक ना पहुंचना हो सकता है. उनके मुताबिक इसी वजह से थ्रस्ट नहीं मिला होगा. कैप्टन एन.के बेरी 30 साल तक एअर इंडिया के साथ काम कर चुके हैं और उन्हें 20 हज़ार घंटे की उड़ान का अनुभव है.

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'लिफ्ट लॉस' से हुआ हादसा?

इसी तरह से एक पूर्व अमेरिकी पायलट कैप्टन स्टीव ने भी अपना आकलन बताया है. कैप्टन स्टीव को बोइंग 777 जैसे विमान उड़ाने का अनुभव है. उनके मुताबिक ये हादसा 'लिफ्ट लॉस' यानी ऊपर उठने में परेशानी की वजह से हुआ है. उन्होंने वीडियो विश्लेषण के आधार बताया कि टेकऑफ के वक्त विमान के विंग्स के फ्लैप्स ऊपर की ओर थे, जिससे लिफ्ट कम हो जाती है.

 Ahmedabad plane crash

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क्या होता है ब्लैक बॉक्स, कैसे करता है काम? 

- ब्लैक बॉक्स चमकदार नारंगी रंग का एक डिवाइस होता है, जिसमें विमान के कॉकपिट में होने वाली हर बातचीत रिकॉर्ड होती है. इसमें पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के बीच होने वाली बातचीत के अलावा, दोनों पायलटों के बीच होने वाली बातचीत भी रिकॉर्ड होती है.

- ये Black Box विमान के पिछले हिस्से में लगाया जाता है. यानी विमान की Tail के पास फिट किया जाता है. अहमदाबाद में क्रैश हुए विमान का पिछला हिस्सा, एक बिल्डिंग से फंसा हुआ दिखाई दिया था. इसी हिस्से के पास Black Box होता है. 

- Black Box विमान की सबसे मजबूत चीज होती है. ये 1100 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी झेल सकता है, पानी में लंबे समय तक खराब नहीं होता और इसमें टूट फूट नहीं होती. यही नहीं इसमें Under Water Beacon लगा होता है, ताकि समंदर में गिरने पर इसको ढूंढा जा सके. 

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- Black Box के अंदर कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) होता है. CVR में पायलट, को-पायलट, क्रू मेंबर्स और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर से हुई बातचीत रिकॉर्ड होती है. और FDR में विमान की गति, ऊंचाई, दिशा, इंजन का व्यवहार और विमान में फ्यूल के स्तर से जुड़ी जानकारी रिकॉर्ड होती है.

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