छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 2 जनवरी से शुरू होगा. सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं. इसके लिए बीजेपी ने विधानसभा को पहले ही सूचना भेज दी है. वैसे इस बार बीजेपी कर्मचारियों के नियमितिकरण समेत आरक्षण, धान खरीदी और कानून व्यवस्था के साथ पीएम आवास के मुद्दे पर सरकार को घेरेगी. वैसे आशंका है कि बीजेपी इसके लिए स्थगन प्रस्ताव भी ला सकती है.
राज्य के सरकारी विभागों, निगम मंडलों में करीब ढाई लाख कर्मचारी संविदा, दैनिक वेतन भोगी, ठेका, मानदेय और प्लेसमेंट के रूप में काम कर रहे हैं. पिछली सरकार के समय से ही ये नियमितिकरण की मांग कर रहे हैं.
बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस ने इन कर्मचारियों से नियमितिकरण का वादा किया था, लेकिन चार साल बाद भी इनका नियमितिकरण नहीं हो सका है. कर्मचारी लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार इन पर ध्यान नहीं दे रही है. इसी तरह कोविड के समय कई कर्मचारियों की मौत हो गई थी. उनके परिजन अनुकंपा नियुक्ति के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में इसे बीजेपी मुद्दा बनाएगी.
एक जनवरी को विधायक दल की बैठक
शीत सत्र शुरू होने से पहले 1 जनवरी को बीजेपी विधायक दल की बैठक बुला सकती है. चुनावी साल का पहला सत्र 5 दिन का है. ऐसे में बीजेपी हर दिन स्थगन प्रस्ताव लाने का निर्णय ले सकती है. बताया जा रहा कि सत्र के पहले दिन कर्मचारियों के नियमितिकरण के मुद्दे पर पार्टी स्थगन लाएगी.
कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर विफल
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल का कहना है कि कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर विफल है. हमारे पास बहुत से मुद्दे हैं जिस पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा. इसमें प्रमुख रूप से राज्य में बिगड़ते लॉ एंड ऑर्डर, धान खरीदी में अव्यवस्था के कारण किसानों को हो रही परेशानी, पीएम आवास योजना के तहत गरीबों को मकान न मिलना बड़ा मुद्दा है. हालांकि, स्थगन की सूचना के लिए अभी काफी वक्त है. सत्र से पहले विधायक दल की बैठक बुलाएंगे, उसमें ही मुद्दों पर विस्तार से चर्चा के बाद रणनीति तय की जाएगी.