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The Bhootnii Review: हॉरर में लगा कॉमेडी का तड़का, संजय दत्त की 'द भूतनी' है देखने लायक

संजय दत्त और मौनी रॉय स्टारर फिल्म 'द भूतनी' सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. इस फिल्म को देखने का प्लान अगर आप बना रहे हैं तो पहले हमारे रिव्यू पढ़ लीजिए.

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फिल्म 'द भूतनी' में मौनी रॉय और संजय दत्त
फिल्म 'द भूतनी' में मौनी रॉय और संजय दत्त
फिल्म:द भूतनी
3/5
  • कलाकार : संजय दत्त, मौनी रॉय, पलक तिवारी
  • निर्देशक :सिद्धांत सचदेव

बॉलीवुड में हॉरर कॉमेडी फिल्मों की मानों लाइन लगी हुई है. 'स्त्री', 'मुंज्या' और 'भूल भुलैया 3' के बाद इस लिस्ट में एक और नाम जुड़ गया है. और ये नाम है फिल्म 'द भूतनी' का. दशकों से दर्शकों को रोमांस, इश्क, मोहब्बत सिखा रहे बॉलीवुड की इस फिल्म में भी सबको अपनी सच्ची मोहब्बत की तलाश है.

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क्या है फिल्म की कहानी?

कहानी है सेंट विन्सेंट कॉलेज की, जहां कैंपस में लगे एक 'वर्जिन ट्री' की पूजा की जाती है. इस पेड़ के नीच हर वैलेंटाइन डे के दिन सभी स्टूडेंट्स अपने प्यार की फोटो रखते हैं और उनके नाम लेटर लिखकर भी डालते हैं. इसके साथ ही आरती की थालियां सजाकर इसकी पूजा की जाती है. वर्जिन ट्री की पूजा से लोगों की मोहब्बत पूरी होती हो या न होती हो, लेकिन उन्हें भूत जरूर चिपट जाता है. 

असल में वर्जिन ट्री से एक ट्रैजिक कहानी भी जुड़ी है, जिसके चलते उसपर एक भूतनी (मौनी रॉय) रहती है. भूतनी के साथ क्या हुआ था? वो कैसे इस पेड़ से चिपटी और क्यों कॉलेज के लड़कों के खून की प्यासी है ये कोई नहीं जानता. किसी को ये भी नहीं पटा कि ये भूतनी असल में है कौन. एक दिन प्यार में धोखा खाया शांतनु (सनी सिंह) वर्जिन ट्री के सामने चिल्ला-चिल्लाकर अपनी सच्ची मोहब्बत मांगने लगता है. भूतनी की नजर उसपर पड़ती है और वो उसके पीछे लग जाती है.

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शांतनु के दोस्त साहिल (निक) और नासिर (आसिफ खान) उसके साथ बॉयज हॉस्टल में रहते हैं. ऐसे में जब शांतनु पर भूत-बाधा आती है, तो नासिर और साहिल की भी क्लास लग जाती है. वहीं शांतनु की एक फीमेल फ्रेंड भी है, जिसका नाम अनन्या (पलक तिवारी) है. अनन्या और शांतनु की दोस्ती से भी भूतनी को चिढ़ है. कॉलेज के बच्चे भूतनी से परेशान हैं लेकिन इसके डीन और बाकी लोगों को इसे बंद होने के बचाने की पड़ी है. ऐसे में भूतनी को भगाने के लिए कृष्णा उर्फ बाबा (संजय दत्त) को बुलाया जाता है. क्या भूतनी की असलियत पता चल पाएगी? क्या बाबा भूतनी से कॉलेज को मुक्ति दिला पाएंगे? और क्या शांतनु का पीछा भूतनी छोड़ देगी? इन सवालों का जवाब आपको फिल्म देखकर मिलेगा.

डायरेक्टर सिद्धांत सचदेव की बनाई 'द भूतनी' का स्क्रीनप्ले काफी उथल-पुथल है. फिल्म में मोहब्बत शब्द का इस्तेमाल इस कदर किया गया है कि आपको एक मोमेंट पर इससे इरिटेशन होने लगती है. फिल्म की शुरुआत थोड़ी हिली हुई होती है, इसका पहला हाफ कमजोर है. लेकिन दूसरे हाफ में आपको हंसने के ढेरों पल मिलते हैं. भूतनी के साथ शांतनु और उसके दोस्तों की बातचीत और भागदौड़ सही में मजेदार है. साथ ही पिक्चर के कुछ डायलॉग और पंच सही में काफी फनी हैं.

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आसिफ हैं फिल्म के रियल हीरो

संजय दत्त ने इस फिल्म में बहुत कुछ अलग नहीं किया, लेकिन फिर भी उनका काम अच्छा था. मौनी रॉय ने यहां भूतनी का किरदार निभाया है, जिसमें वो बढ़िया लगी हैं. बीच में उनपर एक नागिन जोक भी मारा गया, जिसपर उन्हें सफाई देनी पड़ी कि वो नागिन नहीं भूत हैं. हालांकि मौनी रॉय को किसी और नॉन भूत के रोल में देखने में भी मजा आ सकता है, अगर वो कभी कुछ अलग करना चाहें तो.

सनी सिंह, पलक तिवारी और निक का काम भी अच्छा है. आसिफ खान वो एक्टर हैं, जो फिल्म खत्म होने तक आपका दिल जीत लेते हैं. इससे पहले आप उन्हें 'पंचायत' सीरीज में दामाद जी के रोल में देख चुके हैं. आसिफ के किरदार की शुरुआत काफी ड्रामेटिक है, लेकिन फिल्म के हर मोड़ पर कुछ मजेदार डिलीवर करते हैं. पिक्चर के लगभग सारे बढ़िया डायलॉग आसिफ के मुंह से ही सुनने को मिलते हैं. जैसे एक सीन में नासिर को पता लगता है कि भूतनी कुछ दिन में शांतनु को मारने वाली है, ऐसे में उसकी दोस्त अनन्या को उससे दूर रहना चाहिए. लेकिन अनन्या समझने को तैयार नहीं. तब नासिर (आसिफ) उसे कहता है- मौत के कुएं में मोटरसाइकिल चलाने वाले को उंगली नहीं करते, बदतमीज आपा. ये डायलॉग जिस तरह से आसिफ खान डिलीवर करते हैं कि मजा आ जाता है. फिल्म का म्यूजिक बहुत खास नहीं है. भूतनी की कहानी भी काफी अच्छी है.

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