scorecardresearch
 

मालदा दक्षिण लोकसभा चुनाव 2019: 80.25% मतदान दर्ज

पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल लोकसभा सीट मालदा दक्षिण पर रोमांचक मुकाबला है. कांग्रेस ने इस सीट से मौजूदा सांसद अबू हसम खान चौधरी को टिकट दिया है. तृणमूल कांग्रेस ने इस सीट से मोइज्जम हुसैन को टिकट दिया है. इनके मुकाबले के लिए बीजेपी ने श्रीरूपा मित्र चौधरी को टिकट दिया है. इस सीट से सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया अंगशुधर मंडल को टिकट दिया है.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक तस्वीर (फाइल फोटो-रॉयटर्स)
प्रतीकात्मक तस्वीर (फाइल फोटो-रॉयटर्स)

लोकसभा चुनाव 2019 के तहत पश्चिम बंगाल की कुल 21 लोकसभा सीटों में से 5 सीटों में पर 23 अप्रैल को वोट डाले गए. इन 5 संसदीय सीटों पर औसत मतदान 81.66 % दर्ज किया गया. इस चरण में शामिल प्रदेश की मालदा दक्षिण सीट पर 80.25% वोटिंग दर्ज की गई. वहीं, 2014 के आम चुनाव में यहां पर 81.09% वोटिंग दर्ज की गई थी.

पश्चिम बंगाल के इस मुस्लिम बहुल लोकसभा सीट पर रोमांचक मुकाबला है. कांग्रेस ने इस सीट से मौजूदा सांसद अबू हसम खान चौधरी को टिकट दिया है. तृणमूल कांग्रेस ने इस सीट से मोइज्जम हुसैन को टिकट दिया है. इनके मुकाबले के लिए बीजेपी ने श्रीरूपा मित्र चौधरी को टिकट दिया है. इस सीट से सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया अंगशुधर मंडल को टिकट दिया है.

Advertisement
बहुजन समाज पार्टी के फूलचंद मंडल इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. पार्टी फॉर डेमोक्रेटिक सोशलिज्म के नजमूल हक चुनाव लड़ रहे हैं. 2014 में इस सीट पर 80.56 फीसदी मतदान हुआ था. इस बार इस सीट पर निर्दलीय समेत 10 कैंडिडेट मैदान में हैं.

साल 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में मोदी लहर के बीच मालदा दक्षिण लोकसभा सीट ऐसी थी, जिसने मुस्लिम प्रतिनिधि को चुनकर संसद में भेजा था. 2014 को इसलिए भी याद किया जाता है, क्योंकि इस चुनाव में सबसे कम मुस्लिम उम्मीदवार लोकसभा चुनाव जीत सके थे. लेकिन मालदा उत्तर और मालदा दक्षिण लोकसभा सीटों से मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव जीतने में कामयाब रहे. मालदा जिले की दोनों लोकसभा सीटों और 12 में से 8 विधानसभा सीटों पर अभी कांग्रेस का कब्जा है. इसलिए यहां सेंधमारी के लिए लेफ्ट के साथ साथ बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस भी जोर लगा रही हैं.

मालदा दक्षिण लोकसभा सीट: कांग्रेस की सीट पर BJP ने गड़ाई की आंखें, TMC भी टक्कर में

राजनीतिक पृष्ठभूमि

साल 2009 में हुए परिसीमन में मालदा लोकसभा सीट दो हिस्सों में बंट गई. इनमें एक मालदा उत्तर लोकसभा सीट और दूसरी मालदा दक्षिण लोकसभा सीट बनीं. यह सीट ज्यादातर समय कांग्रेस का कब्जा रहा है. पहले लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक दो बार ही ऐसे मौके आए जब इस सीट पर माकपा के उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे. 1971 और 1977 के आम चुनावों माकपा के दिनेश चंद्र जोरदार लगातार चुनाव जीतते रहे.

Advertisement

पहले लोकसभा चुनाव 1951 में कांग्रेस के टिकट पर सुरेंद्र मोहन घोष चुनाव जीते थे. उनके बाद 1957 और 1962 के चुनावों में कांग्रेस से रेणुका राय चुनाव जीतीं. 1967 के चुनाव में कांग्रेस ने यू. रॉय को मैदान में उतारा जिन्होंने जीत हासिल की. 1971 और 1977 में कांग्रेस इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी. इसके बाद ए.बी.ए. घनी खान चौधरी 1980, 1984, 1989, 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 तक लगातार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतते रहे. वह यूपीए सरकार में मंत्री भी रहे. 2005 में उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस के अबु हसेम खान चौधरी ने जीत हासिल की थी. 

Maldaha Dakshin constituency: कांग्रेस के गढ़ पर BJP और तृणमूल की नजर 

2014 का जनादेश

बहरहाल, 2014 आम चुनावों में भी कांग्रेस के टिकट पर अबु हसम खान चौधरी 380,291 वोट यानी 34.81 प्रतिशत मतों के साथ जीत हासिल करने में सफल रहे. आम तौर पर माना जाता है कि मुस्लिम मतदाता भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को वोट नहीं देते हैं, लेकिन मुस्लिम बहुल वाले इस सीट पर वह पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रही. बीजेपी के उम्मीदवार विष्णुपाडा रॉय 216,181 वोट यानी 19.79 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. वहीं माकपा के उम्मीदवार अबु हसनत खान तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें 209,480 वोट मिले थे.

Advertisement

चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर

Advertisement
Advertisement