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तेजस्वी यादव के 2 वोटर ID कार्ड के दावे पर पुलिस में शिकायत, कार्रवाई की मांग

राजद नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नाम पर दो वोटर आईडी कार्ड होने के दावे को लेकर पटना के दीघा थाने में एक स्थानीय नागरिक ने शिकायत दर्ज कराई है.

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पटना के दीघा थाने में एक स्थानीय नागरिक ने शिकायत दर्ज कराई है. (Photo: PTI)
पटना के दीघा थाने में एक स्थानीय नागरिक ने शिकायत दर्ज कराई है. (Photo: PTI)

राजद नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नाम पर दो वोटर आईडी कार्ड होने के दावे को लेकर पटना के दीघा थाने में एक स्थानीय नागरिक ने शिकायत दर्ज कराई है. शिकायतकर्ता ने मामले की गहन जांच की मांग की है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि एक ही व्यक्ति के नाम पर दो EPIC नंबर कैसे हो सकते हैं.

कैसे चर्चा में आया मामला?
यह मामला तब चर्चा में आया जब तेजस्वी यादव ने हाल ही में दावा किया था कि चुनाव आयोग ने उनके EPIC नंबर को बदल दिया है और विशेष पुनरीक्षण के तहत प्रकाशित ड्राफ्ट मतदाता सूची में उनका नाम नहीं है. उन्होंने एक ऑनलाइन सर्च दिखाकर यह भी दावा किया कि उनके पुराने EPIC नंबर से जुड़ा नाम अब वोटर लिस्ट में नहीं दिख रहा.

चुनाव आयोग ने क्या कहा?
हालांकि, चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए साफ किया कि उनका EPIC नंबर 2020 के विधानसभा चुनाव में दाखिल हलफनामे में जो था, वही अभी भी कायम है. आयोग ने यह भी कहा कि तेजस्वी को जो अतिरिक्त वोटर आईडी मिला है, वह "आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया गया" प्रतीत होता है और उसे जांच के लिए सौंपने को कहा गया है.

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दीघा थाने के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शिकायत प्राप्त होते ही इसे जिला निर्वाचन कार्यालय को भेज दिया गया है, क्योंकि ऐसे मामलों में वही सक्षम प्राधिकारी होता है. यदि वहां से एफआईआर दर्ज करने का निर्देश मिलेगा, तो पुलिस उचित कार्रवाई करेगी.

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बेगूसराय में BLO सस्पेंड
इसी बीच, बेगूसराय जिले में एक बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को सस्पेंड कर दिया गया है क्योंकि एक व्यक्ति का नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में दो बार छप गया था. यह मामला सहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा है, जहां हाल में एक पत्रकार पर भी FIR दर्ज की गई थी. पत्रकार ने मतदाता सूची पुनरीक्षण में अनियमितताओं को उजागर करने वाली रिपोर्ट प्रकाशित की थी.

इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि बिहार में विशेष पुनरीक्षण अभियान के दौरान मतदाता सूची को लेकर लगातार विवाद और सवाल उठ रहे हैं, जिन्हें लेकर प्रशासन और चुनाव आयोग पूरी तरह सतर्क है.

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