बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Election 2025) के लिए सभी 243 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए दो चरणों में चुनाव संपन्न हुआ. 6 नवंबर को पहला फेज और 11 नवंबर को दूसरे फेज का मतदान हुआ. 14 नवंबर को परिणाम घोषित किए गए. इस चुनाव में एनडीए ने भारी मतों से की जीत हासिल की . वहीं महागठबंधन को बड़ी हार का सामना करना पड़ा.
कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. 60 सीटों में कांग्रेस सिर्फ छह सीटें जीत पाई.
बिहार में इस बार कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए थे. इनमें से 76,801 केंद्र ग्रामीण इलाकों में, जबकि 13,911 शहरी क्षेत्रों में बनाए गए. प्रत्येक केंद्र पर औसतन 818 मतदाता पंजीकृत थए.
पिछले विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2020 में तीन चरणों में संपन्न हुए थे. उस चुनाव के बाद, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने राज्य में सरकार बनाई और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने. बाद में, अगस्त 2022 में, नीतीश कुमार ने जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) का एनडीए से गठबंधन तोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाले महागठबंधन के साथ सरकार बना ली. इसके बाद, जनवरी 2024 में, नीतीश कुमार ने फिर से राजद से गठबंधन तोड़कर भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ मिलकर सरकार बना ली.
नीतीश कुमार ने विधानसभा में 20 साल के शासन, शिक्षा-स्वास्थ्य सुधार, रोजगार, महिला सशक्तिकरण और भविष्य के विकास रोडमैप पर बड़ा बयान दिया.
बिहार चुनाव के नतीजे राजनीतिक स्टैंड और समीकरण सभी पर भारी पड़ रहे हैं. बिहार पहुंचकर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ SIR का विरोध कर चुके अखिलेश यादव अब यूपी में समाजवादी पार्टी नेताओं को फार्म भरवाने की हिदायत दे रहे हैं, और चेतावनी दी गई है कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
बिहार चुनाव के बाद बीजेपी का जोश सातवें आसमान पर है. विजय के अहंकार से बचने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह तो यही कहती है. लेकिन, गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ के भाषण से साफ है कि बीजेपी आने वाले यूपी चुनाव में बिहार जैसी ही रणनीति अपना सकती है.
बिहार विधानसभा के नए स्पीकर के लिए बीजेपी के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने सोमवार को विधानसभा सचिवालय में अपना नामांकन दाखिल कर दिया. उनके नामांकन के साथ ही 18वीं बिहार विधानसभा के स्पीकर के रूप में उनका निर्विरोध चयन लगभग तय माना जा रहा है.
आज से बिहार विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो रहा है, जहां प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे. इसके बाद आज स्पीकर पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी. आज से शुरू होने वाला ये विशेष सत्र 5 दिसंबर तक चलेगा.
बिहार विधानसभा का पहला सत्र 1 दिसंबर से शुरू होगा. 243 विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी और 2 दिसंबर को नए स्पीकर का चुनाव होगा. NDA के जीतने की संभावना.
RBI के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने हर मुफ्त चीज को राजनीतिक विफलता की स्वीकृति बताया. उन्होंने कहा कि Freebies शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी उन चीजों में निवेश को रोकता है, जो आजीविका में स्थायी रूप से सुधार के लिए जरूरी हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस अब ‘वोट चोरी’ को बड़ा मुद्दा बनाकर एनडीए सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है. इसी सिलसिले में पार्टी ने 1 दिसंबर को पटना के सदाकत आश्रम में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजेश राम की अध्यक्षता में सभी जिलाध्यक्षों व प्रमुख नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है.
बिहार कांग्रेस 1 दिसंबर को पटना में बड़ी बैठक करेगी. वोट चोरी मुद्दे पर एनडीए को घेरने और दिल्ली रैली की तैयारी होगी.
बिहार विधानसभा का नया सत्र 1 दिसंबर से शुरू होगा. पहले दिन प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव सभी 243 नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे. उसी दिन स्पीकर पद के लिए नामांकन होगा और नाम वापसी होगी. अगले दिन यानी 2 दिसंबर को नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा.
बिहार में नीतीश कुमार सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार दिसंबर में संभावित है. वर्तमान में कैबिनेट में 9 पद रिक्त हैं. जेडीयू अपने कोटे के 6 और भाजपा 3 मंत्री पद भरने की तैयारी में हैं. जेडीयू कुशवाहा एवं अति-पिछड़ा वर्ग के विधायकों को प्राथमिकता दे सकती है.
नीतीश कुमार को लेकर चुनावों से पहले खूब सवाल उठाए जा रहे थे, अब वो उनका जवाब एक्शन से देने लगे हैं. कानून-व्यवस्था से लेकर सरकारी योजनाओं तक. बिहार सचिवालय का औचक निरीक्षण कर नीतीश कुमार ने अपना इरादा भी जाहिर कर दिया है कि आगे वो क्या क्या करने वाले हैं.
बिहार चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी ने दिल्ली में चिंतन बैठक की. इस बैठक में बिहार के वरिष्ठ नेताओं ने हार की मुख्य वजह वोट चोरी बताई और इसे लोकतंत्र पर हमला बताया. कांग्रेस अध्यक्ष और अन्य नेता बोले कि वोट चोरी कानूनी तरीके से की गई और चुनाव आयोग की मदद से फाइनेंशियल सहायता देकर प्रचार प्रभावित किया गया.
कांग्रेस की बिहार में हार की समीक्षा में बहुत सारे कारण सामने आए हैं, और एक बड़ा कारण आरजेडी के साथ चुनावी गठबंधन भी माना जा रहा है. आरजेडी के भी हारे हुए उम्मीदवारों ने कांग्रेस पर ही सवाल उठाए हैं - तो क्या महागठबंधन खुद अपनी हार के लिए जिम्मेदार है?
बिहार चुनाव में आरजेडी की हार की समीक्षा शुरू हो चुकी है. तेजस्वी यादव खुद भी समीक्षा कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं. हारे हुए उम्मीदवारों के फीडबैक के आधार पर हार के लिए जिम्मेदार नेताओं की भूमिका समझने के प्रयास चल रहे हैं - और पार्टी विरोधी काम का पता चलने पर सख्त एक्शन भी हो सकता है.
बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की समीक्षा के लिए क्षेत्रीय नेतृत्व से लेकर स्थानीय उम्मीदवारों तक, सभी दिल्ली तलब किए गए हैं. सभी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है, उम्मीदवारों से भी - क्या जवाबदेही सिर्फ उनकी ही बनती है?
West Bengal में SIR पर बढ़ी सियासत. ममता बनर्जी vs BJP की तकरार से 2026 चुनावों में बड़ा बदलाव संभव। क्या TMC को होगा नुकसान?
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
बिहार में विधानसभा स्पीकर पद पर BJP और JDU आमने-सामने। सत्ता संतुलन, बार्गेनिंग पावर और नई सरकार की रणनीति पर बड़ी राजनीतिक हलचल.
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को बिहार चुनाव में जीरो सीटें और सिर्फ 3.4% वोट मिले. ऐसे में अब असली सवाल है कि क्या प्रशांत किशोर चुनावी राजनीति की इस भागदौड़ में टिक नहीं पाए या उन्हें अभी नजरअंदाज करना जल्दबाजी होगी?
प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव में जन सुराज की करारी हार पर कहा कि नतीजे जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाते और चुनाव में गड़बड़ी लगती है, हालांकि उनके पास सबूत नहीं है. उन्होंने NDA पर महिलाओं को 10,000 रुपये बांटने और 'जंगल राज' के डर को बड़ा कारण बताया. आलोचना पर PK ने कहा कि उनकी कहानी खत्म नहीं हुई.