बिहार में साल 2025 में विधानसभा चुनाव होना है (Bihar Assembly Election 2025). सभी राजनीतिक पार्टियां अभी से ही तैयारी में जुट गई हैं. भारतीय स्वराज मोर्चा नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में विलय हो गया है. जिसमे मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि उज्ज्वल कुशवाहा समेत कई नेता शामिल थे. खबर है कि पूर्व विधायक अनंत सिंह 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. साथ ही, चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अगस्त 2024 में कहा था कि उनकी पार्टी, जन सुराज बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कम से कम 40 सीटों पर महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जाएगा.
राहुल गांधी ने दरभंगा में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के छात्रों से मुलाकात की थी. यह मुलाकात अंबेडकर हॉस्टल में हुई, जिसकी प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी. प्रशासन का दावा है कि छात्रावास में किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी गई थी, बावजूद इसके राहुल गांधी और उनके समर्थकों ने कार्यक्रम आयोजित किया.
राहुल गांधी का पिछले पांच महीनों में बिहार का चौथा दौरा था. बिहार एक महत्वपूर्ण राज्य है जहां अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. यह दौरा केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय जनगणना के साथ-साथ जाति आधारित जनगणना कराने की घोषणा के बाद हुआ. राहुल गांधी की लगातार बिहार यात्राएं यह स्पष्ट संकेत दे रही हैं कि इस बार कांग्रेस राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ मिलकर आक्रामक चुनावी रणनीति अपनाने जा रही है.
ये साफ है कि बीजेपी बिहार चुनाव में अपने परंपरागत राष्ट्रवाद के एजेंडे के साथ उतरने जा रही है, लेकिन राहुल गांधी के मिशन में कोई बदलाव नहीं आया है - कांग्रेस नेता का पूरा जोर जातीय राजनीति पर ही नजर आता है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी बिहार के दरभंगा पहुंचे हैं. शिक्षा न्याय संवाद के तहत दलित छात्रों से संवाद करने जा रहे राहुल गांधी के काफिले को आंबेडकर छात्रावास के पहले ही रोक दिया गया.
बिहार में अक्टूबर-नवंबर तक चुनाव होने हैं और इससे पहले चर्चा ऐसे नेताओं की भी होने लगी है, जो खुद को नीतीश कुमार की सीएम वाली कुर्सी का दावेदार मानते हैं या दावेदार माने जाते हैं.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आज एक दिन के दौरे पर बिहार में होंगे. राहुल गांधी के पटना दौरे पर सस्पेंस है. वहीं, दरभंगा में उनके कार्यक्रम की लोकेशन बदल गई है.
राहुल गांधी हर बिहार दौरे में तेजस्वी यादव के लिए मुश्किलें ही खड़ी करते हैं. कांग्रेस ने कहा तो यही है कि महागठबंधन में रह कर ही चुनाव लड़ेंगे, लेकिन राजनीति तो उसके खिलाफ ही जा रही है.
बिहार की राजनीति गठबंधनों और जातिगत समीकरणों के जटिल मायाजाल में लिपटी है. कुछ जानकारों का मानना है कि चिराग की महत्वाकांक्षा सीएम बनने की है. अगर एनडीए में रहते हुए यह महत्वाकांक्षा पूरी नहीं होती है तो वह अलग रास्ते पर चल सकते हैं. अगर ऐसा चिराग करते हैं तो इस फैसले से न केवल एनडीए, बल्कि महागठबंधन और अन्य छोटे दलों के समीकरण भी प्रभावित हो सकते हैं.
महिलाओं के लिए डायरेक्ट कैश बेनिफिट चुनाव विजयी फॉर्मूला बनकर उभरा है. बिहार में विपक्षी आरजेडी ने यह दांव चल भी दिया है. सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, हर कोई महिला मतदाताओं को लुभाने, अपने पाले में लाने की कोशिश में जुटा है. लेकिन नीतीश कुमार के कोर वोटबैंक में सेंध आसान नहीं है. क्यों?
बिहार में कई ऐसी पार्टियां हैं, जिनका बेस वोटबैंक सिंगल डिजिट में है. छोटे वोट बेस वाली ये पार्टियां दोनों ही गठबंधनों के लिहाज से अहम मानी जाती हैं. ऐसे दलों की लिस्ट में चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से लेकर मुकेश सहनी की वीआईपी तक, कई पार्टियों के नाम हैं.
देश का सबसे युवा राज्य बिहार विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ा है. चुनावी मौसम में हर दल का फोकस सूबे की कुल आबादी में आधे से अधिक की हिस्सेदारी रखने वाले युवाओं पर है. पलायन पर हर दल के दावे अनेक हैं.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार आ रहे हैं। वह रोहतास में एक चुनावी रैली करेंगे. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी बिहार आ रहे हैं. वह गया में कार्यकर्ताओं से मिलेंगे. पीएम मोदी मई के अंत में आएंगे. राहुल गांधी 15 मई को आ सकते हैं. बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि पीएम मोदी बिक्रमगंज में रैली को संबोधित करेंगे. देखें भोजपुरी बुलेटिन.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की धरती से ही पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने की बात कही थी. अब ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारतीय सेना ने पहलगाम का बदला ले लिया है. ऐसे में अब यह चर्चा भी छिड़ गई है कि क्या ऑपरेशन सिंदूर का बिहार चुनाव पर भी असर देखने को मिलेगा?
बिहार चुनाव के हिसाब से देखें तो पहली बार ऐसा लग रहा है, जैसे नीतीश कुमार की अहमियत बढ़ गई हो. जाति जनगणना कराने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद बीजेपी के लिए चाहकर भी नीतीश कुमार को नजरअंदाज करना मुश्किल होगा.
जातिगत जनगणना की राह में राजनीतिक चुनौतियां भी कई तरह की हैं. हिंदी हार्टलैंड से साउथ तक, केंद्र सरकार का यह दांव सियासी समीकरण बदलने वाला भी साबित हो सकता है.
जन सुराज के राष्ट्रीय प्रवक्ता और बक्सर से लोकसभा प्रत्याशी पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा ने जन सुराज को लेकर एक बड़ा ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि पार्टी राज्य के सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और करीब 130-135 सीटों पर जीत भी दर्ज करेगी.
नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन ने किस तरह बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का तिलिस्म तोड़ा? बिहार सीरीज में आज बात इसी की करेंगे.
बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. इससे पहले राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति पर काम करना तेज कर दिया है. पटना में तीसरी बार रविवार 04 मई को महागठबंधन में शामिल दलों के प्रमुख नेताओं की तीसरी अहम बैठक हुई. लेकिन बैठक के बाद CM फेस को लेकर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई.
बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. इससे पहले राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति पर काम करना तेज़ कर दिया है. पटना में 4 मई को तीसरी बार महागठबंधन दलों की बैठक हुई...
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होंगे, जिसके लिए महागठबंधन के दलों ने तैयारी तेज कर दी है. पटना में महागठबंधन की तीसरी बैठक के बाद आरजेडी नेता मनोज झा ने घोषणा की कि गठबंधन सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा. महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस, और कई क्षेत्रीय दल शामिल हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि 20 मई को मजदूर की हड़ताल का पूरी तरह समर्थन करते हैं.
इंडिया गठबंधन दलों की बैठक में संगठनात्मक स्तर पर बूथ लेवल तक मजबूती पर विमर्श हुआ। एक वक्ता ने कहा, "हम सब गठबंधन दल मिलकर सभी सीटों पर दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ चुनाव लड़ेंगे". बैठक में जाति आधारित गणना को वास्तविकता के धरातल पर लागू करने, बिहार में सर्वे के आधार पर आरक्षण बढ़ाने और ₹6000 से कम मासिक आय वाले परिवारों को ₹2 लाख देने के वादे को पूरा करने की मांग उठी.