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बूढ़े F-16 को कितना उड़ाएंगे मुनीर-ट्रंप, नई डील में पाक को ठग तो नहीं रहा अमेरिका

ट्रंप फिर चमका रहे हैं 40 साल पुराने पाकिस्तानी F-16 फाइटर जेट फ्लीट को. लेकिन भारत को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. भारतीय वायुसेना के पास राफेल, सुखोई-30 MKI और मिराज-2000 है. इनके आगे नए पॉलिश से चमकदार हुआ F-16 भी फेल हो जाएगा. बालाकोट से ऑपरेशन सिंदूर तक IAF का दबदबा बरकरार है.

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भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 फाइटर जेट ने बालाकोट और ऑपरेशन सिंदूर में अपना दम दिखाया है. इनसेट में मौजूद पाकिस्तानी F-16 दोनों बार चोट खा चुका है. (Photo: ITG)
भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 फाइटर जेट ने बालाकोट और ऑपरेशन सिंदूर में अपना दम दिखाया है. इनसेट में मौजूद पाकिस्तानी F-16 दोनों बार चोट खा चुका है. (Photo: ITG)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी पुरानी नीति उलट दी है. फरवरी 2025 में उन्होंने पाकिस्तान को F-16 फाइटर जेट्स के रखरखाव के लिए करीब 3300 करोड़ रुपये की मदद दी. और अब दिसंबर में करीब 5800 करोड़ रुपये का नया पैकेज मंजूर किया है, जिसमें जेट्स के अपग्रेड, रडार सिस्टम और मिसाइल लॉन्चर शामिल हैं.

ट्रंप कहते हैं, ये पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ मजबूत करने के लिए है. लेकिन सवाल उठ रहे हैं – क्या ट्रंप पाकिस्तान को बुद्धू बना रहे हैं? क्योंकि ये 40 साल पुराने F-16 चाहे जितने भी चमक जाएं वो भारत के राफेल, सुखोई-30 MKI और मिराज-2000 के आगे ये पानी भरेंगे. 

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ट्रंप का U-टर्न: पाकिस्तान को F-16 की मदद क्यों?

ट्रंप ने जनवरी 2025 में दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में विदेशी मदद पर 90 दिनों का फ्रीज कर दिया था. लेकिन फरवरी तक ही उन्होंने पाकिस्तान के लिए छूट दे दी. वजह बताई गई – F-16 को सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ इस्तेमाल कर सकते हैं. अमेरिकी कॉन्ट्रैक्टर्स पाकिस्तान में बैठकर चेक करेंगे कि ये जेट्स भारत के खिलाफ न जाएं.

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Trump Fooling Pakistan

दिसंबर का नया डील और भी बड़ा है – इसमें एडवांस्ड टैक्टिकल डेटा लिंक, सिक्योर कम्युनिकेशन और आईएफएफ (फ्रेंड-फो सिस्टम) अपग्रेड शामिल हैं. अमेरिकी डिफेंस एजेंसी कहती है कि ये पाकिस्तान को अमेरिकी और सहयोगी फोर्सेस के साथ जोड़े रखेगा.

लेकिन ट्रंप की ये नीति पहले भी उलट चुके हैं. 2018 में उन्होंने पाकिस्तान को 'झूठा' कहकर 2 बिलियन डॉलर की मदद रोकी थी. अब 2025 में फिर शुरू कर दी. विशेषज्ञ कहते हैं, ये अमेरिका का 'डिवाइड एंड रूल' है – भारत को F-35 जैसे स्टील्थ जेट्स की पेशकश देकर खुश रखें. पाकिस्तान में F-16 चमकाकर कंट्रोल में रखें. लेकिन पाकिस्तान के लिए ये 'बुद्धू बनाने' वाली डील है, क्योंकि अपग्रेड के बावजूद F-16 पुराने ही रहेंगे.

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अभिनंदन ने जो किया वो देश भूल नहीं सकता 

27 फरवरी 2019 की सुबह को पूरा देश भूल नहीं सकता. विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने अपने पुराने MiG-21 बाइसन से पाकिस्तान के सबसे आधुनिक F-16 फाइटर जेट को मार गिराया था. पाकिस्तान आज तक उस हार को मानने से इनकार करता रहा, लेकिन अब वही 39-40 साल पुराना F-16 बेड़ा फिर से खड़ा करने के लिए अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है.

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अमेरिका ने लगभग 5800 करोड़ रुपये का पैकेज मंजूर किया है, जिसमें स्पेयर पार्ट्स, रखरखाव और कुछ अपग्रेड शामिल हैं. पाकिस्तान के पास अभी कुल 75 F-16 हैं – जिनमें से ज्यादातर 1983-1990 के बीच आए थे. बिना इस मदद के ये जेट अगले कुछ सालों में ग्राउंडेड हो जाते.

पाकिस्तान की मजबूरी समझी जा सकती है. उसके पास पैसा नहीं है कि नए F-16 खरीदे. न ही अमेरिका उसे नया जेट बेचने को तैयार है. इसलिए पुराने जेटों को किसी तरह उड़ाते रहने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था. अमेरिका ने भी अपने पुराने हथियारों का मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट देकर अपना कारोबार चलाया और साथ ही पाकिस्तान को थोड़ा खुश रखा.

पहला कारण – संख्याबल और गुणवत्ता में भारी अंतर

भारतीय वायुसेना के पास कुल 1926 लड़ाकू विमान हैं, जबकि पाकिस्तानी वायुसेना के पास सिर्फ 970 के करीब. किसी भी वक्त उड़ान भरने के लिए तैयार विमानों की संख्या भारत में 1300 से ज्यादा है, पाकिस्तान में 450-500 ही. यानी भारत एक साथ ढाई गुना ज्यादा विमान उड़ा सकता है.

दूसरा कारण – तकनीक में 20-25 साल का फासला

पाकिस्तान का सबसे अच्छा जेट अभी भी F-16 ब्लॉक-15 या ब्लॉक-52 है, जो 1980-90 का डिजाइन है. इसके मुकाबले भारत के पास दुनिया के सबसे आधुनिक फाइटर जेट हैं...

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राफेल (36 पहले से सेवा में, 26 और आ रहे)... मीटियोर मिसाइल के साथ 150+ किमी दूर से मार कर सकता है. F-16 की AMRAAM मिसाइल की रेंज उससे आधी है. राफेल का रडार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम F-16 से कहीं आगे है.

सुखोई-30 MKI (272 की तादाद)... 3000 किमी कॉम्बैट रेंज, ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल ले जा सकता है. एक साथ 12 टारगेट पर हमला करने की क्षमता. पाकिस्तान के पास इसका कोई जवाब नहीं.

तेजस मार्क-1A (83 का ऑर्डर, 2026 से डिलीवरी)... पूरी तरह नया, हल्का और फुर्तीला. रखरखाव बहुत सस्ता. F-16 से बेहतर मेन्यूवरिंग और आधुनिक एवियोनिक्स.

मिराज-2000 (Mirage-2000)... फ्रांस का मल्टीरोल जेट, 50+ सेवा में. कारगिल और बालाकोट में पाकिस्तान की बैंड बजाई थी. रेंज 1550 किमी, हैमर प्रेसिजन बॉम्ब्स से टेरर कैंप्स उड़ाए. F-16 से बेहतर मैन्यूवरिंग, खासकर हाई अल्टिट्यूड पर.

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आने वाला सबसे बड़ा गेम-चेंजर: Su-57E

रूस ने भारत को 2026-27 से 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर Su-57E देने की पेशकश की है. ये जेट रडार पर लगभग नहीं दिखता. सुपरक्रूज कर सकता है, यानी बिना आफ्टरबर्नर जलाए सुपरसॉनिक स्पीड. एक Su-57 अकेला 4-5 F-16 को आसानी से हरा सकता है. अगर ये सौदा पक्का हुआ तो पाकिस्तान का F-16 बेड़ा पूरी तरह बेकार हो जाएगा.

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तीसरा कारण – हेलिकॉप्टर और सपोर्ट एयरक्राफ्ट में भी भारी बढ़त

भारत के पास 22 अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर, 68 प्रचंड लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर, 15 चिनूक हैवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर हैं. पाकिस्तान के पास एक भी डेडिकेटेड अटैक हेलिकॉप्टर नहीं है.

चौथा कारण – पायलट ट्रेनिंग और रणनीति

भारतीय पायलटों को दुनिया की सबसे कठिन ट्रेनिंग मिलती है. हिमालय की ऊंचाई पर उड़ान, रेगिस्तान, समुद्र – हर तरह के इलाके में अनुभव है. 2019 में अभिनंदन ने साबित कर दिया था कि पुराना MiG-21 भी सही हाथों में हो तो F-16 को हरा सकता है.

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ट्रंप का खेल: पाकिस्तान को 'बैलेंस' करने की कोशिश?

ट्रंप भारत को F-35 की पेशकश दे रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान को F-16 अपग्रेड देकर बैलेंस कर रहे हैं. लेकिन ये पाकिस्तान के लिए 'बुद्धू बनाने' वाली डील है. F-16 पर सख्त शर्तें – सिर्फ काउंटर-टेरर के लिए. 2019 बालाकोट में इस्तेमाल किया तो अमेरिका नाराज हो गया था. अपग्रेड से भी ये जेट्स 5वीं जेनरेशन के राफेल या आने वाले तेजस Mk-2 के आगे टिक नहीं पाएंगे. भारत के पास AWACS, S-400 एयर डिफेंस और ISR सैटेलाइट्स हैं – PAF के पास ये सब सीमित है. 

अमेरिका चाहे पाकिस्तान के F-16 को कितना भी पॉलिश कर दे, वो 40 साल पुराना डिजाइन ही रहेगा. अगले 5-7 साल में भारत के पास तेजस मार्क-2, AMCA (स्वदेशी स्टील्थ जेट) और संभावित Su-57 जैसे जेट होंगे. उस वक्त पाकिस्तान का F-16 सिर्फ म्यूजियम पीस लगेगा. जैसा अभिनंदन ने 2019 में दिखाया था – जंग जीतने के लिए सबसे जरूरी चीज हौसला और दिमाग है, न कि पुराना या नया जेट. भारत के पास दोनों हैं – बेहतरीन जेट भी और बेमिसाल हौसला भी.

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