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बम-टैंक-फाइटर जेट सब बनाएंगे... 2029 तक डिफेंस प्रोडक्शन का टारगेट 3 लाख करोड़

भारत 2029 तक ₹3 लाख करोड़ रक्षा उत्पादन और ₹50,000 करोड़ निर्यात का लक्ष्य है. 2024-25 में रिकॉर्ड ₹1.54 लाख करोड़ का उत्पादन हुआ. निर्यात 34 गुना बढ़ा (₹23,622 करोड़) हुआ. 16,000 MSME योगदान दे रहे है. आयात निर्भरता घटी, स्वदेशी उत्पादन 174% बढ़ा है.

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कॉम्बैट लॉन्च टेस्ट के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल. (File Photo: DRDO)
कॉम्बैट लॉन्च टेस्ट के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल. (File Photo: DRDO)

केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की बड़ी उपलब्धियां गिनाईं. उन्होंने कहा कि भारत अब रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बन चुका है – यह सिर्फ नीति नहीं, बल्कि मजबूत रणनीतिक हकीकत है. सरकार का लक्ष्य 2029 तक ₹3 लाख करोड़ का रक्षा उत्पादन और ₹50,000 करोड़ का निर्यात हासिल करना है.

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रक्षा उत्पादन में रिकॉर्ड तोड़ उपलब्धियां

  • 2024-25 में रिकॉर्ड उत्पादन: ₹1.54 लाख करोड़ का सबसे ऊंचा रक्षा उत्पादन.
  • आयात पर निर्भरता घटी: अब 65% उपकरण देश में बन रहे, पहले 65-70% आयात होते थे.
  • स्वदेशी उत्पादन में बढ़ोतरी: 2014-15 के ₹46,429 करोड़ से 2023-24 में ₹1,27,434 करोड़ (174%).
  • MSME की बड़ी भूमिका: 16,000 छोटे-मध्यम उद्योग रक्षा इकोसिस्टम में अहम योगदान दे रहे.
  • निर्यात में बंपर बढ़ोतरी: 2013-14 के ₹686 करोड़ से 2024-25 में ₹23,622 करोड़ (34 गुना). प्राइवेट सेक्टर का हिस्सा ₹15,233 करोड़. अब 100+ देशों को निर्यात – बुलेटप्रूफ जैकेट, डोर्नियर एयरक्राफ्ट, आकाश मिसाइल, ब्रह्मोस जैसी चीजें.

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स्वदेशी रक्षा उत्पाद: ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश सिस्टम और अन्य

एक दशक पहले की चुनौतियां और अब सुधार... दस साल पहले रक्षा क्षेत्र में धीमी खरीद प्रक्रिया, ज्यादा आयात, प्राइवेट सेक्टर की कम भागीदारी और निर्यात न के बराबर था. अब बड़े सुधार हुए...

India defence production target

  • खरीद में सुधार: नया डिफेंस प्रोक्योरमेंट मैनुअल (DPM) 2025 और DAP 2020 की समीक्षा से तेजी, पारदर्शिता और इनोवेशन.
  • जुलाई 2025 में DAC अप्रूवल: ₹1.05 लाख करोड़ के प्रस्ताव – आर्मर्ड व्हीकल, सरफेस-टू-एयर मिसाइल, एडवांस्ड वॉरफेयर सिस्टम. 'Buy Indian-IDDM' पर फोकस – पहले डिजाइन, डेवलप और मैन्युफैक्चर भारत में.
  • बजट दोगुना: 2013-14 से दोगुना से ज्यादा.
  • डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर: UP और तमिलनाडु में ₹9,145 करोड़ निवेश.
  • लाइसेंस और कॉन्ट्रैक्ट: 462 कंपनियों को 788 लाइसेंस. 2024-25 में 92% कॉन्ट्रैक्ट भारतीय इंडस्ट्री को.
  • निर्यात आसान: ऑनलाइन सिस्टम से पेपरवर्क और समय कम.

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भविष्य का विजन

मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य साफ है – 2029 तक ₹3 लाख करोड़ उत्पादन और ₹50,000 करोड़ निर्यात. प्राइवेट सेक्टर, MSME और स्टार्टअप के साथ मिलकर भारत रक्षा क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बनेगा. भारत रक्षा में आत्मनिर्भरता की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है. रिकॉर्ड उत्पादन, कम आयात और बढ़ता निर्यात इसकी मजबूत गवाही हैं.

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