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बिहार के बारूद से दहलेगा पाकिस्तान, बनेंगे तोप के गोले... जान लीजिए डिफेंस कॉरिडोर का पूरा प्लान

बिहार में जल्द ही डिफेंस कॉरिडोर बनेगा. इसमें बारूद, तोप के गोले, AK-203 राइफल, ड्रोन, बुलेटप्रूफ जैकेट बनेंगे. गया, नालंदा, रोहतास, औरंगाबाद जैसे जिलों में बड़े प्लांट आएंगे. 5-7 लाख सीधी नौकरियां मिलेंगी. बिहार अब हथियार भी बनाएगा.

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बिहार के कई जिलों में डिफेंस कॉरिडोर बनाया जाएगा. (Photo: ITG)
बिहार के कई जिलों में डिफेंस कॉरिडोर बनाया जाएगा. (Photo: ITG)

बिहार में डिफेंस कॉरिडोर की हाल ही में (नवंबर 2025 में) विधानसभा चुनाव के बाद NDA सरकार द्वारा घोषणा की गई है. यह पूर्वी भारत को टेक्नोलॉजी हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार के दौरान इसका वादा किया था. यह कॉरिडोर मुख्य रूप से रक्षा उत्पादन, विनिर्माण और टेक्नोलॉजी से जुड़ी परियोजनाओं पर केंद्रित होगा.

मुख्य परियोजनाएं और सुविधाएं जो बनेंगी

विस्फोटक (Explosives) उत्पादन इकाइयां: कॉरिडोर में विस्फोटक बनाने वाली फैक्ट्रियां स्थापित होंगी, जो पाकिस्तान, चीन समेत देश के सभी सीमाओं पर सैन्य अभियानों में इस्तेमाल होंगी. यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने का हिस्सा है. 

जिला-स्तरीय फैक्ट्रियां और औद्योगिक पार्क: हर जिले में रक्षा-संबंधी फैक्ट्रियां, MSME (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) पार्क और औद्योगिक पार्क बनाए जाएंगे. इससे स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. 

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सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क: डिफेंस कॉरिडोर के हिस्से के रूप में चिप और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए पार्क विकसित होगा, जो रक्षा उपकरणों के लिए महत्वपूर्ण है. 

ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (Global Capability Centres): अंतरराष्ट्रीय स्तर के रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर्स, जो डिफेंस टेक्नोलॉजी पर फोकस करेंगे. 

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Bihar Defense Corridor

मेगा टेक सिटी और फिनटेक सिटी: डिफेंस कॉरिडोर को टेक्नोलॉजी हब से जोड़ते हुए मेगा टेक सिटी (बड़े पैमाने पर आईटी और इनोवेशन हब) और फिनटेक सिटी (फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी केंद्र) बनेंगी. इससे डिफेंस के साथ-साथ आईटी और फाइनेंस सेक्टर को बूस्ट मिलेगा. 

यह कॉरिडोर बिहार को पूर्वी भारत का नया टेक्नोलॉजी हब बनाने का लक्ष्य रखता है, जिसमें अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ नौकरियां पैदा करने की योजना है. केवल डिफेंस कॉरिडोर से ही 5-7 लाख सीधी नौकरियां और 20-25 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां आएंगी. इंजीनियर, टेक्नीशियन, मजदूर, सिक्योरिटी गार्ड, ड्राइवर सबको काम मिलेगा.

कहां-कहां बनेगा कॉरिडोर?

पहले चरण में 5-8 जिलों में बड़े प्लांट बनेंगे, बाद में पूरे 38 जिलों में फैक्ट्रियां आएंगी. 

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मुख्य जगहें जो अभी तय हो चुकी हैं या जिनका नाम सबसे ज्यादा आ रहा है...

  • राजगीर (नालंदा) – पहले से स्वीकृत बहुत बड़ी ऑर्डनेंस फैक्ट्री (155mm के बड़े-बड़े गोले बनेंगे).
  • गया – विस्फोटक (बारूद) बनाने का बहुत बड़ा प्लांट.
  • औरंगाबाद – हथियार और गोला-बारूद की फैक्ट्री.
  • रोहतास (सासाराम-डेहरी ऑन सोन) – हथियारों का बहुत बड़ा हब.
  • बक्सर – नया ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड का प्लांट.
  • भोजपुर (आरा) – छोटे हथियार और पार्ट्स.
  • वैशाली, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर – ड्रोन और इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स.
  • पटना के पास बिहटा – नया एयरपोर्ट और डिफेंस टाउनशिप.

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क्या-क्या बनेगा?  

बड़े-बड़े हथियार और गोला-बारूद

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  • 155mm तोप के गोले (नालंदा-राजगीर में)
  • 105mm, 130mm तोप के गोले
  • AK-203 राइफल (कलाश्निकोव की नई वाली)
  • इंसास राइफल और कार्बाइन
  • बुलेट प्रूफ जैकेट, हेलमेट
  • हैंड ग्रेनेड, रॉकेट लॉन्चर के पार्ट्स

बारूद और विस्फोटक

  • TNT, RDX जैसे बड़े विस्फोटक (गया और औरंगाबाद में).
  • रॉकेट और मिसाइल में भरने वाला प्रोपेलेंट (ईंधन).

ड्रोन और इलेक्ट्रॉनिक सामान

  • छोटे सर्विलांस ड्रोन (जासूसी ड्रोन).
  • ड्रोन में लगने वाली कैमरा और बैटरी.
  • रडार के पार्ट्स.
  • नाइट विजन डिवाइस.

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बुलेट प्रूफ गाड़ी और दूसरी चीजें

  • बुलेट प्रूफ गाड़ियां (लाइट आर्मर्ड व्हीकल).
  • सैनिकों के लिए नई यूनिफॉर्म और जूते.
  • मेडिकल किट, बैंडेज जो गोली लगने पर तुरंत काम करे.

दूसरी बड़ी-बड़ी चीजें जो साथ-साथ बनेंगी

  • सेमीकंडक्टर फैक्ट्री – मोबाइल, ड्रोन, मिसाइल में लगने वाली चिप्स यहीं बनेंगी.
  • मेगा टेक सिटी – पटना या बिहटा के पास (जैसे बंगलुरु है वैसे).
  • फिनटेक सिटी – बैंकिंग सॉफ्टवेयर बनाने की कंपनियां.
  • 11 नई छोटी-छोटी स्मार्ट सिटी (टाउनशिप) – फैक्ट्री वालों के लिए घर, स्कूल, अस्पताल.
  • हर जिले में 1 MSME पार्क – छोटे कारखाने जहां नट-बोल्ट, वर्दी सिलाई, पैकिंग का काम होगा.

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कब तक तैयार होगा?

  • 2025 के अंत तक प्लान और जमीन पूरी तरह तय.
  • 2026 से बड़े प्लांट का निर्माण शुरू.
  • 2028-2030 तक ज्यादातर फैक्ट्रियां चलने लगेंगी.

अब बिहार में न सिर्फ खेती और नौकरी के लिए दिल्ली-मुंबई भागना पड़ेगा. अब बिहार में ही AK-47, तोप के गोले, ड्रोन, चिप्स, बारूद सब बनेगा. गांव के लड़के-लड़कियां इंजीनियर, टेक्नीशियन बनकर अपने घर के पास ही अच्छी सैलरी वाली नौकरी करेंगे. अब बिहार सिर्फ़ पढ़ाएगा नहीं, हथियार भी बनाएगा.

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