दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट केस में NIA की जांच जारी है. मंगलवार को दिल्ली की एक स्पेशल कोर्ट ने आरोपी आमिर राशिद अली की कस्टडी सात दिन के लिए बढ़ाने का आदेश दिया है. जम्मू-कश्मीर का रहने वाला अली वही शख्स है जिसके नाम पर वह हुंडई i20 कार रजिस्टर्ड थी, जिसमें IED फिट कर 10 नवंबर को धमाका किया गया था.
26 नवंबर को आमिर राशिद अली को पहली बार सात दिन की NIA रिमांड में भेजा गया था, जबकि इससे पहले उसकी 10 दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने वाली थी. मंगलवार को प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज अंजू बजाज चांदना के सामने पेश किए जाने के बाद NIA ने कस्टडी बढ़ाने की अपनी मांग रखी, जिसे कोर्ट ने मंज़ूर कर लिया.
इस धमाके में 15 लोगों की मौत हुई थी और दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे. IED से भरी i20 कार को सुसाइड बॉम्बर उमर उन नबी चला रहा था. नबी पुलवामा जिले का रहने वाला था और फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में जनरल मेडिसिन डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर काम करता था. फरीदाबाद से दिल्ली पहुंचा था.
NIA के अनुसार, आमिर राशिद अली ने इस कार को खरीदने में मदद की थी. जांच एजेंसी का कहना है कि अली दिल्ली आया था और उसी ने वाहन खरीदने की पूरी प्रक्रिया में सहयोग किया, जिसे बाद में धमाके के लिए इस्तेमाल किया गया. उमर नबी की एक दूसरी गाड़ी भी एजेंसी ने जब्त की है, जिससे जुड़े सबूतों की जांच की जा रही है.
लाल किला धमाके की कड़ी एक ऐसे व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल से जुड़ती है, जिसका खुलासा जम्मू-कश्मीर पुलिस ने किया था. इस टेरर मॉड्यूल से जुड़े सात लोग पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं. अब तक कुल 73 गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है. इनमें वो लोग भी शामिल हैं, जो बम धमाके में घायल हुए थे.
जांच एजेंसी का फोकस यह समझने पर है कि कार की खरीद, IED फिटिंग, रूट चयन और मॉड्यूल में शामिल लोगों के बीच क्या समन्वय था. आमिर अली की भूमिका सिर्फ वाहन उपलब्ध कराने भर तक सीमित नहीं थी, बल्कि वह कई स्तरों पर इस नेटवर्क से जुड़ा हुआ दिख रहा है. कस्टडी बढ़ने के बाद अब एजेंसी उससे आगे की पूछताछ करेगी.