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पहलवानों और अखाड़ों की अदावत नई नहीं, सुशील से पहले ये मामले रहे चर्चा में

सागर हत्याकांड में रेसलर सुशील कुमार को गिरफ्तार किया गया है. अब उनका नाम अखाड़े की बजाय जुर्म की दुनिया से जोड़ा जा रहा है. पहलवानों और अपराध का गठजोड़ कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं.

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रेसलर सुशील कुमार को पुलिस ने सागर हत्याकांड केस में गिरफ्तार किया है (फोटो- Getty)
रेसलर सुशील कुमार को पुलिस ने सागर हत्याकांड केस में गिरफ्तार किया है (फोटो- Getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पहलवान सागर हत्याकांड में रेसलर सुशील गिरफ्तार
  • पहले भी आपराधिक मामलों में आया है पहलवानों का नाम
  • हत्या जैसे संगीन मामलों में जेल गए हैं कई पहलवान

सागर हत्याकांड में रेसलर सुशील कुमार को गिरफ्तार किया गया है. अब उनका नाम अखाड़े की बजाय जुर्म की दुनिया से जोड़ा जा रहा है. पहलवानों और अपराध का गठजोड़ कोई नई बात नहीं है.

पहलवानी के करियर में नाकाम बहुत से पहलवान या तो बाउंसर बन गए या फिर बड़े गैंगस्टर माफियाओं के साथ जुड़ गए. ऐसे ही मामलों की ताजा मिसाल है सागर धनखड़ हत्याकांड. 

अखाड़े में नाकाम ऐसे पहलवानों का इस्तेमाल कई राजनीतिक पार्टियों, बैंक में वसूली एजेंट और पब-क्लब बाउंसर के तौर पर किया जाने लगा है. ऐसे में इन लोगों से जुड़ी खबरें भी चर्चाओं में आ जाती हैं. दरअसल, रेसलर सुशील कुमार का नाम हत्या जैसे मामले में आना ऐसा कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी पहलवानों और अखाड़ों की अदावतें सामने आती रही हैं.  

इसी साल 14 फरवरी को हरियाणा के रोहतक में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया था. जहां अखाड़े के विवाद को लेकर छोटूराम स्टेडियम में एक रेसलर ने 5 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. रेसलिंग कोच सुखविंदर ने स्टेडियम के अखाड़े में घुसकर फायरिंग की थी. ठीक इसी तरह कुश्ती की दुनिया में कभी जिले का उभरता हुआ नाम आज जेल की जिंदगी काटने को मजबूर है. 

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कभी मशहूर पहलवान बनने का सपना संजोए कुशीनगर का सुखदेव कब बाहुबली डीपी यादव की सरपरस्ती में अपराधी बन गया, उसे खुद पता नहीं चला. उसका नाम हत्या जैसे संगीन मामले आया और उसे सजा मिली.

सुप्रीम कोर्ट ने सुखदेव को गाजियाबाद के चर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड में बीस साल की सजा सुनाई है. एक बाहुबली की सरपरस्ती में कैसे अच्छे खासे शरीफ और जिम्मेदार लोग भी अपराधी बन जाते हैं, सुखदेव पहलवान इसकी बानगीभर है.

कुछ साल पहले की बात है कि हरियाणा में एक सरपंच की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में भी पहलवान नवीन दलाल का नाम सामने आया था. वही नवीन दलाल जिसने दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के बाहर उमर खालिद पर 2 फायर किए थे. पहलवान नवीन दलाल हरियाणा के मांडोठी गांव का रहने वाला है. 

इसी तरह हरियाणा के पहलवान राकेश मलिक पर कत्ल का इल्जाम है. आरोप ये भी है कि पहलवान राकेश मलिक ने कत्ल के मामले में जेल से बाहर निकलने के बाद एक और हत्या का प्रयास किया था. हैरानी की बात ये भी है कि रेसलिंग फेडरेशन के मुखिया ब्रजभूषण शरण सिंह पर खुद कई संगीन इल्जाम लगे हैं. 

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गैंगस्टर और पहलवानों का नेक्सस 25 साल पहले शुरू हुआ था. जब 1989 में नजफगढ़ के ढिचाऊं और मितराऊं गांव में गैंगवार की शुरुआत कृष्ण पहलवान ने की थी. कृष्ण पहलवान ने 1992 में अपने ही रिश्तेदार रोहतास की हत्या कर दी थी.

इस गैंगवार में अब तक 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. इसके पीछे वजह थी वर्चस्व की लड़ाई. कृष्ण पहलवान ढिचाऊं कला का जबकि अनूप बलराज मितराऊं गांव का रहने वाला था. एक प्लाट को लेकर ये गैंगवार शुरू हुई थी, जो आज भी सुलग रही है.

दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, पिछले एक साल में 2 दर्जन से ज्यादा पहलवानों पर हत्या, हत्या के प्रयास, धमकी देना और मारपीट के मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. जिनमें ज्यादातर या तो किसी अखाड़े के विवाद से जुड़े हैं या फिर किसी पब-बार में बाउंसर का ठेका लेने को लेकर शुरू हुए.
 

 

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