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एलोपैथी पर रामदेव के बयान का विरोध, आज ‘काला दिवस’ मना रहे डॉक्टर

एलौपेथ को लेकर योगगुरु रामदेव द्वारा बीते दिनों दिए गए बयानों से खफा देशभर के डॉक्टर लगातार उनपर एक्शन की मांग कर रहे हैं. इसी कड़ी में आज रेसिडेंट डॉक्टर्स के फेडरेशन आज ब्लैक डे मना रहे हैं.

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रामदेव के खिलाफ डॉक्टरों का प्रदर्शन
रामदेव के खिलाफ डॉक्टरों का प्रदर्शन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रेसिडेंट डॉक्टर्स आज मना रहे हैं काला दिवस
  • रामदेव के बयान का विरोध जारी, AIIMS का भी समर्थन

कोरोना वायरस का मुकाबला कर रहे देश में आज हजारों डॉक्टर्स ‘काला दिवस’ मना रहे हैं. एलौपेथ को लेकर योगगुरु रामदेव द्वारा बीते दिनों दिए गए बयानों से खफा देशभर के डॉक्टर लगातार उनपर एक्शन की मांग कर रहे हैं. इसी कड़ी में आज रेसिडेंट डॉक्टर्स के फेडरेशन आज ब्लैक डे मना रहे हैं हालांकि, इस दौरान देशभर में मरीज़ों के इलाज पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. 

देश के अलग-अलग हिस्सों में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. इस दौरान सिर्फ डॉक्टर अपनी बाह पर काली पट्टी बांधे हुए हैं और विरोध जता रहे हैं. हालांकि, कुछ अस्पतालों में डॉक्टरों ने रामदेव के खिलाफ प्लेकार्ड भी थामे हुए हैं और उनके बयान का विरोध किया है. दिल्ली के एम्स के रेसिडेंट डॉक्टरों ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया. 

दिल्ली हो या जम्मू-कश्मीर का उधमपुर, बड़ी संख्या में डॉक्टर्स ने रामदेव के विरोध में प्रदर्शन किया. इस दौरान कई डॉक्टर्स अस्पताल में पीपीई किट पर ही ब्लैक पट्टी बांधे हुए नज़र आए. 


फेडरेशन ऑफ रेसिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन इंडिया (फोर्डा) ने ऐलान किया है कि उनके सभी सदस्य डॉक्टर देश के अलग-अलग हिस्सों में ब्लैक डे मनाएंगे. इस दौरान सभी हेल्थवर्कर्स पीपीई किट पर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे, लेकिन मरीजों को कोई परेशानी नहीं होने देंगे. 

राजधानी दिल्ली में स्थित एम्स भी इस प्रदर्शन में शामिल होगा. एम्स के रेसिडेंट डॉक्टर्स ने ब्लैक डे का समर्थन किया है. वह भी काली पट्टी बांधकर काम करेंगे, लेकिन मरीजों पर कोई असर नहीं पड़ने दिया जाएगा. 


रामदेव को लेकर आगबबूला हैं देश के डॉक्टर्स
एलौपेथ के मुद्दे पर योगगुरु रामदेव और डॉक्टर्स आमने-सामने हैं. बीते कुछ दिनों में रामदेव के कई ऐसे बयान सामने आए हैं, जिनसे देश के डॉक्टर्स खफा हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएमए) पहले ही रामदेव को कानूनी नोटिस थमा चुके हैं, देश के अलग-अलग हिस्सों में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. 

रामदेव ने अपने एक बयान में एलौपेथी का मजाक उड़ाया था और दावा किया था कि इससे लोगों की जान भी जा रही हैं. हालांकि, बाद में जब विवाद बढ़ा तो उन्होंने अपना बयान वापस लिया और कहा कि उनका एलौपेथ को गलत ठहराने का मकसद नहीं है, सिर्फ कुछ दवा कंपनियां ऐसी हैं जो गलत फायदा उठाती हैं. 

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