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डिफेंस में 100 फीसदी एफडीआई के प्रस्ताव पर मोदी सरकार लगाएगी मुहर!

लगता है मोदी सरकार ने ठान लिया है कि वो अच्छे दिन लाकर ही मानेगी! कार्यभार संभालने के 2 दिन अंदर ही सरकार काम में जुट गई है. भारत को डिफेंस प्रोडक्शन का केंद्र बनाने और विदेशी निवेशकों को मजबूत संकेत देने के लिए सरकार इस सेक्टर में एफडीआई की लिमिट 100 फीसदी तक बढ़ाने के बारे में सोच रही है.

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अरुण जेटली
अरुण जेटली

लगता है मोदी सरकार ने ठान लिया है कि वो अच्छे दिन लाकर ही मानेगी! कार्यभार संभालने के 2 दिन के अंदर ही सरकार काम में जुट गई है. भारत को डिफेंस प्रोडक्शन का केंद्र बनाने और विदेशी निवेशकों को मजबूत संकेत देने के लिए सरकार इस सेक्टर में एफडीआई की लिमिट 100 फीसदी तक बढ़ाने के बारे में सोच रही है.

सरकार ने इसके लिए काम शुरू भी कर दिया है. एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, 'कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्ट्री ने एक कैबिनेट नोट भेजा है, जिसमें इस बारे में दूसरी सरकारी एजेंसियों से राय मांगी गई है.' कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्ट्री, रेलवे जैसे दूसरे सेक्टर्स में भी एफडीआई बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव तैयार कर रही है. रेलवे में ऐसे क्षेत्रों की संख्या बढ़ाई जा सकती है. अभी सरकार की योजना हाईस्पीड ट्रेन सिस्टम, सब-अर्बन कॉरिडोर्स, हाई स्पीड ट्रैक और पोर्ट माइंस को जोड़ने वाली लाइन पर एफडीआई की इजाजत देने की है. कंस्ट्रक्शन और ई-कॉमर्स जैसे सेक्टर्स में भी एफडीआई नियमों में ढील देने की तैयारी है.

मंगलवार को नए वित्त और रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने भी कहा था कि सरकार डिफेंस प्रॉडक्शन में एफडीआई को मौजूदा 26 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी तक कर सकती है. अब तक रक्षा मंत्रालय ऐसे किसी कदम का पुरजोर विरोध करता रहा है. अब जेटली ही दोनों मंत्रालयों का प्रभार संभाल रहे हैं, ऐसे में इस बार विरोध से बचा जा सकता है.

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चुनाव प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने भी डिफेंस सेक्टर प्राइवेट हिस्सेदारी बढ़ाने की बात की थी. कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्ट्री ने एक ग्रेड आधारित एफडीआई लिमिट का प्रस्ताव किया है.

यूपीए सरकार के दौरान भी कहा जाता रहा कि डिफेंस में एफडीआई लिमिट बढ़ाई जाएगी. हालांकि इसके लिए जमीन पर कोई काम नहीं हुआ.

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