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Pakistan Crisis: भारत का गजब दांव... बिना जंग लड़े पाकिस्तान के हर रोज फुंक रहे 4 अरब रुपये! कंगाली में आटा गीला

Pahalgam Terror Attack अटैक के बाद भारत की रणनीति के आगे Pakistan पस्त नजर आ रहा है और पाई-पाई को मोहताज देश को तनाव के बीच सिर्फ अलर्ट रहने पर ही करीब 4 अरब रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं.

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युद्ध से पहले ही खर्च से पाकिस्तान का बुरा हाल
युद्ध से पहले ही खर्च से पाकिस्तान का बुरा हाल

पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऐसी रणनीति बनाई कि युद्ध से पहले ही Pakistan कंगाल होता जा रहा है. हालात ये हैं कि पहले से ही पाई-पाई को मोहताज पाकिस्तान हर रोज सिर्फ अलर्ट रहने और सैन्य ताकत का दिखावा करने के लिए ही अरबों रुपये फूंकने को मजबूर है. Indo-Pak Tension के बीच जहां उसे एक के बाद एक आर्थिक चोट लग रही है, तो इस संकट में उसके करीबी चीन जैसे देश भी उससे दूरी बनाते दिख रहे हैं. ऐसे हाल में युद्ध की मार वो कैसे झेल पाएगा, ये बड़ा सवाल बन गया है.  

युद्ध से पहले ही खाली होने लगा खजाना
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव (India-Pakistan Tension) चरम पर है. इसका बड़ा असर Pakistan Economy पर देखने को मिलने लगा है, परमाणु हमले की धमकी देने वाले पाकिस्तान का खजाना युद्ध से पहले ही लगातार खाली होता जा रहा है. जी हां, पहलगाम हमले के बाद भारत ने सख्त एक्शन दिखाते हुए पाकिस्तान को युद्ध से पहले ही थकाने और कंगाल बना देने की रणनीति अपनाई है. सिंधु जल समौझेता रद्द करने (Indus Water Treaty) से लेकर ट्रेड क्लोज होने से उस पर पहले ही वॉटर स्ट्राइक और फाइनेंशियल स्ट्राइक कर दी है. तो वहीं पाकिस्तान की युद्ध को लेकर दी जा रही गीदड़भभकियों पर भारत के पलटवार और सीमा पर सख्त तैयारी ने Pak के लिए कंगाली में आटा गीला करने का काम किया है. 

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अलर्ट रहने के लिए रोज 4 अरब रुपये खर्च
दरअसल, इस रणनीति का ये असर हुआ है कि लंबे समय से आर्थिक संकट (Pakistan Economic Crisis) से जूझ रहे पाकिस्तान को सिर्फ अलर्ट रहने के लिए ही हर रोज करीब 4 अरब पाकिस्तानी रुपये फूंकने पड़ रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीमा पर फौज की तैनाती, विमानों का तेल, सरहद पर साजो-सामान भेजने पर हर दिन पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार (Pak Shahbaz Sharif Govt) करीब 13 मिलियन डॉलर (लगभग 4 अरब PKR) खर्च करने को मजबूर है. 

Pakistan Crisis

पाकिस्तान के सालाना सैन्य बजट की अगर बात करें, तो ये 7.5 अरब डॉलर (2.10 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये के आसपास) है, जबकि भारत से तनाव के बीच सिर्फ हाई अलर्ट पर होने वाले खर्च का कैलकुलेशन करें, तो इसकी अनुमानित मासिक लागत ही 400 मिलियन डॉलर (करीब 11,253 करोड़ पाकिस्तानी रुपये) तक पहुंच सकती है. 

भारत की रणनीति पर क्या कह रहे एक्सपर्ट? 
Pahalgam Attack के बाद से ही भारत की ओर से पाकिस्तान को लेकर अपनाई गई इस रणनीति को एक्सपर्ट्स Pakistan के लिए धीमी सजा करार दे रहे हैं. यानी आर्थिक और कूटनीतिक जाल में विरोधी को धीरे-धीरे कमजोर करना. डिफेंस एक्सपर्ट्स जे के बंसल का कहना है कि कंगाल पाकिस्तान कूटनीतिक मंच पर अलग-थलग पड़ता जा रहा है. रिपोर्ट्स में तो यहां तक बताया जा रहा है कि पैसों की तंगी के चलते ही पाकिस्तान ने भारत को गीदड़भभकी देने के लिए शुरू किए गए कई युद्धाभ्यास भी बंद कर दिए हैं. 

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पाकिस्तान का ये दांव भी उसपर भारी 
भारत की सैन्य तैयारियों को देखकर पाकिस्तान को हर पल हमले का खौफ सता रहा है. इसी वजह से पाकिस्तान पूरी तरह से बौखलाया हुआ और दुनिया के अन्य देशों से मदद की गुहार लगा रहा है. लेकिन चीन जैसा उसका मित्र देश भी उसके काम नहीं आ रहा है. पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में इस मुद्दे पर एक क्लोज डोर मीटिंग बुलाई थी ताकि अपना दुखड़ा रोकर बाकी देशों की सहानुभूति बंटोर सके, लेकिन वहां भी पड़ोसी देश की जमकर फजीहत हो गई है.

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बता दें कि पाकिस्तान UNSC का अस्थाई सदस्य है और इसी हैसियत से उसने क्लोज डोर मीटिंग बुलाने का आग्रह किया था. इसमें स्थाई सदस्य अमेरिका, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन ने पाकिस्तान से तीखे सवाल किए, साथ ही पाकिस्तान के 'दोस्त' चीन ने भी उसका साथ नहीं दिया, जिसके भरोसे पड़ोसी मुल्क उछल रहा था. सूत्रों के मुताबिक बैठक में सदस्य देशों की ओर से न सिर्फ पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई, बल्कि धर्म पूछकर पर्यटकों को निशाना बनाने का मुद्दा भी उठाया गया. कुछ देशों ने पाकिस्तान की ओर से किए गए मिसाइल टेस्ट और परमाणु हथियारों की धमकी पर भी सवाल उठाए और इसे उकसावे की कार्रवाई बताया है. 

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भारत के इन फैसलों से PAK पस्त
दूसरी तरफ, भारत ने एक बिना ज्यादा खर्च किए ही, सिर्फ अपने कूटनीतिक और रणनीतिक फैसलों से पाकिस्तान को पस्त करना शुरू कर दिया है. पाकिस्तान से सभी आयात-निर्यात पर पाबंदी, पाकिस्तानी जहाजों की भारत के बंदरगाहों पर एंट्री बैन, पाकिस्तानी नागरिकों के आने पर पाबंदी के अलावा बिलावल भुट्टो और इमरान खान समेत कई पाकिस्तानी हस्तियों के सोशल मीडिया अकाउंट को ब्लॉक करना शामिल है. IMF के साथ ही FATF जैसे संगठनों में पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक स्ट्राइक ने जबरदस्त असर दिखाया है, यही वजह है कि पाकिस्तान खुद गुहार लगाने यूएन सुरक्षा परिषद तक पहुंच गया जबकि भारत ने अभी युद्ध की ओर एक कदम तक नहीं बढ़ाया है.

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