शाहबाज शरीफ, राजनेता
मियां मुहम्मद शाहबाज शरीफ (Mian Muhammad Shahbaz Sharif) एक पाकिस्तानी राजनेता हैं और पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री हैं. वह पाकिस्तान मुस्लिम लीग (N) (PML-N) के वर्तमान अध्यक्ष हैं. इससे पहले, उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में तीन बार पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया, जिससे वह पंजाब के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहे (Shehbaz Sharif Former CM of Punjab, Pakistan).
पाकिस्तानी राजनीतिक संकटों के बीच, उन्हें इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के बाद 11 अप्रैल 2022 को उन्हें पाकिस्तान का प्रधानमंत्री चुना गया (Shehbaz Sharif Prime Minister of Pakistan).
शहबाज का जन्म 23 सितंबर 1951 को लाहौर, पंजाब, पाकिस्तान में हुआ था (Shehbaz Sharif Age). वे एक पंजाबी भाषी कश्मीरी राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता का नाम मुहम्मद शरीफ था. उनकी मां का परिवार पुलवामा से ताल्लुक रखता था. 1947 में भारत के विभाजन और पाकिस्तान की स्वतंत्रता के बाद, उनके माता-पिता अमृतसर से लाहौर चले गए (Shehbaz Sharif Family). उन्होंने सेंट एंथोनी हाई स्कूल, लाहौर में पढ़ाई की और लाहौर के ही गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी से कला से स्नातक की उपाधि प्राप्त की (Shehbaz Sharif Education).
शहबाज के दो भाई हैं, अब्बास शरीफ और नवाज शरीफ (Nawaz Sharif). नवाज शरीफ पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री चुने गए थे (Shehbaz Sharif Brothers).
शहबाज ने 1973 में नुसरत शहबाज से शादी की (Shehbaz Sharif First Wife). उनके चार बच्चे थे- सलमान, हमजा और जुड़वां बहनें, जावेरिया और राबिया (Shehbaz Sharif Chidren). 2003 में शहबाज ने दूसरी शादी तहमीना दुर्रानी से की (Shehbaz Sharif Second Wife).
शहबाज 1988 में पंजाब की प्रांतीय विधानसभा और 1990 में पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के लिए चुने गए थे. 1993 में उन्हें फिर से पंजाब विधानसभा के लिए चुना गया और उन्हें विपक्ष का नेता नामित किया गया. उन्हें 20 फरवरी 1997 को पहली बार पाकिस्तान के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत, पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया था. 1999 के पाकिस्तानी तख्तापलट के बाद, शहबाज ने अपने परिवार के साथ सऊदी अरब में रहने लगे. फिर 2007 में वे पाकिस्तान लौट आए. 2008 के पाकिस्तानी आम चुनाव में पंजाब प्रांत में पीएमएल-एन की जीत के बाद शहबाज को दूसरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था. वह 2013 के आम चुनाव में तीसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए और 2018 के आम चुनाव में अपनी पार्टी की हार तक उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया (Shehbaz Sharif Political Career).
पनामा पेपर्स मामले के मद्देनजर शहबाज को उनके भाई नवाज शरीफ को पद से अयोग्य घोषित कर दिए जाने के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया था. 2018 के चुनाव के बाद उन्हें विपक्ष के नेता के रूप में नामित किया गया था. 28 सितंबर 2020 को, एनएबी ने शहबाज को लाहौर उच्च न्यायालय में गिरफ्तार किया और उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में आरोपित कर कैद कर लिया गया. 14 अप्रैल 2021 को लाहौर उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया (Shehbaz Sharif Panama Papers case).
चार दिन गुजर चुके हैं लेकिन अभी तक शहबाज शरीफ ने मुनीर को चीफ ऑफ डिफेंस फोर्स बनाए जाने का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है. पाकिस्तानी मीडिया का दावा है कि नवाज शरीफ के कहने पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बड़ा खेल कर दिया. लंदन से शहबाज शरीफ पाकिस्तान लौट चुके हैं, लेकिन आज भी नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ. खबरें यही है कि मुनीर की फाइल को शरीफ परिवार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है, दावे तो ये भी किए जा रहे हैं कि नवाज शरीफ और असिम मुनीर के बीच जबरदस्त झगड़ा हुआ है.
आज बात असिम मुनीर की इंटरनेशनल बेइज्जती की... मुनीर ने पाकिस्तान के चीफ ऑफ डिफेंस फोर्स की कुर्सी 27 नवंबर को संभाल ली, लेकिन शहबाज सरकार ने अभी तक मुनीर के चीफ ऑफ डिफेंस फोर्स बनने का आधिकारिक ऐलान नहीं किया है. पाकिस्तानी मीडिया का दावा है कि मुनीर के साथ प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बड़ा खेल कर दिया है. जिस वक्त सरकार को नोटिफिकेशन जारी करना था, ठीक उसी वक्त शहबाज विदेश यात्रा पर चले गए. अब असिम मुनीर की जगहंसाई हो रही है. सवाल यही है कि क्या मुनीर के सुप्रीम कमांडर बनने के प्लान पर शहबाज ने पानी फेर दिया.
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ और सेना के बीच टकराव गहराता जा रहा है क्योंकि जनरल आसिम मुनीर को 29 नवंबर को Chief of Defence Forces नियुक्त किया जाना था लेकिन नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया. प्रधानमंत्री बहरीन से लंदन चले जाने के बाद यह माना जा रहा है कि वह जानबूझकर पाकिस्तान लौटने में देरी कर रहे हैं ताकि मुनीर की नियुक्ति को स्थगित किया जा सके.
पाकिस्तान में शहबाज शरीफ की सरकार खैबर पख्तूनख्वा में गवर्नर राज लागू करने पर विचार कर रही है. प्रांत के मुख्यमंत्री इमरान खान के सपोर्ट में धरने पर बैठे थे जिसके बाद खबर आ रही है कि वहां गवर्नर शासन लागू हो सकता है.
पाकिस्तान में सेना प्रमुख और नए चीफ ऑफ डिफ़ेन्स फोर्सेज (CDF) की नियुक्ति को लेकर बड़ा संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है. नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर बोर्ड के पूर्व सदस्य तिलक देवेशर ने दावा किया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ जानबूझकर देश से बाहर हैं ताकि फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के लिए अनिवार्य नोटिफिकेशन पर हस्ताक्षर न करना पड़े.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के स्वास्थ्य को लेकर उड़ रही अफवाहों पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने चिंता जताई. थरूर ने कहा कि इस मामले पर इतनी चुप्पी चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि अधिकारी सामने आएं और सच्चाई बताएं. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि ये बात उन्होंने एक साधारण भारतीय नागरिक के तौर पर कही, न कि विदेश नीति के मामले के रूप में.
पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने पुष्टि की है कि पाकिस्तान गाजा में अंतरराष्ट्रीय शांति मिशन के तहत सुरक्षाबलों को तैनात करने के लिए तैयार है. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तानी सैनिक हमास को हथियार डालने पर मजबूर करने में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि गाजा में सेना भेजने का फैसला प्रधानमंत्री ने फील्ड मार्शल से सलाह के बाद लिया है.
इमरान खान को लेकर पाकिस्तान में उनकी 3 बहनों ने मोर्चा संभाला हुआ है. तीनों बहनों की वजह से ही सबको पता चला कि इमरान खान मुश्किल में हैं. इमरान से मिलने नहीं दिया जा रहा...अब इमरान खान के छोटे बेटे कासिम की एंट्री हो गई है. लंदन में रहने वाले कासिम ने आज X पर पोस्ट लिखकर दुनियाभर के देशों को आगाह किया. पाकिस्तान की सरकार से पूछा मेरे पापा कहां हैं...उनके जिंदा होने के सबूत दो. अब सवाल ये है कि क्या अपने पिता को छुड़ाने के लिए इमरान खान के दोनों बेटे सुलेमान और कासिम पाकिस्तान आएंगे? जिस तरह का माहौल अभी पाकिस्तान में बना हुआ है. उसे देखते हुए इमरान के बेटों की पाकिस्तान में एंट्री आसिम मुनीर को बहुत बड़ी मुसीबत में डाल देगी.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ का आरोप है कि विदेशी सोशल मीडिया अकाउंट्स से इमरान की मौत की खबरें फैलाई जा रही हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवाधिकारों का उल्लंघन है. पार्टी ने चेतावनी दी है कि इमरान की सुरक्षा, स्वास्थ्य और संवैधानिक अधिकारों की जिम्मेदारी सीधे सरकार की है.
पाकिस्तानी नौसेना ने अपने बनाए जहाज से नई एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल का सफल टेस्ट किया. यह मिसाइल समुद्र व जमीन दोनों निशानों पर सटीक हमला कर सकती है. पूरी तरह देसी तकनीक से बनी है. भारत के लिए खतरा हो सकती है, लेकिन भारत के पास इससे ज्यादा ताकतवर मिसाइलें हैं.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने खुलासा किया है कि 2021 में तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद इस्लामाबाद द्वारा अफगान तालिबान से संबंध सुधारने के प्रयास पूरी तरह असफल रहे. उन्होंने बताया कि तालिबान अब पाकिस्तान की बात नहीं मान रहे और कई मामलों में उसकी खिलाफत कर रहे हैं.
सऊदी अरब के आर्मी चीफ ने पाकिस्तान में शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर से मुलाकात कर रक्षा-सुरक्षा सहयोग और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा की.
पाकिस्तान के 27वें संविधान संशोधन के साथ अब आसिम मुनीर को ताउम्र सर्वेसर्वा बना दिया गया है. अब तक पाक आर्मी चीफ रिटायर होने के बाद विदेश चले जाते थे, लेकिन मुनीर न तो रिटायर होंगे और न ही विदेश जाएंगे. उनकी ये 'बादशाहत' वहां की सिविल लीडरशिप को तो मंजूर हो सकती है, लेकिन क्या वहां के आर्मी कमांडरों को यह मंजूर होगा?
पाकिस्तान की संसद में 27वें संवैधानिक संशोधन विधेयक के पारित होने से देश में सरकारी संस्थाओं के बीच शक्तियों का संतुलन बदलेगा, विशेष रूप से इससे सेना की भूमिका और मजबूत होगी.
पाकिस्तान में हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 36 अन्य घायल हो गए. यह हमला न्यायिक परिसर (District Judicial Complex) के गेट पर एक पुलिस वाहन के पास हुआ.
पाकिस्तान की संसद के उच्च सदन सीनेट में 27वें संवैधानिक संशोधन का बिल पास हो गया है. इसके बाद मंगलवार को यह बिल नेशनल असेंबली में पेश किया जाएगा. बिल के कानून बनते ही पाकिस्तान के आर्मी चीफ मुनीर की ताकत और बढ़ जाएगी.
पाकिस्तान का इतिहास बताता है कि कोई नेता कितना ही सेना का वफादार हो, उसका हश्र बुरा ही होता है. सेना के लिए वो यूज एंड थ्रो की तरह है. अब सवाल ये उठता है कि शाहबाज शरीफ जिस शिद्दत से आसिम मुनीर के ताज में रत्न जड़ रहे हैं, उन्हें इसके बदले में कब तक मोहलत मिलेगी.
पाकिस्तान की संसद में सोमवार को 27वां संविधान संशोधन पेश हो गया. आइये, बारी बारी से समझते हैं कि इस संविधान संशोधन को बिना आर्मी का इस्तेमाल किए सैनिक-तख्तापलट क्यों कहा जा रहा है. वो भी बिना सेना को सड़कों पर उतारे, और बिना मार्शल लॉ का नाम लिए. पूरे संसदीय रीति-रिवाज से.
पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर 27वें संवैधानिक संशोधन के जरिए अपनी शक्ति को बढ़ाने जा रहे हैं. इस संशोधन से पाकिस्तान की राजनीतिक और सैन्य संरचना में बड़ा बदलाव आएगा. यह संशोधन एक तरह से मुनीर का साइलेंट तख्तापलट है जो वो कमजोर शहबाज शरीफ सरकार के सहारे कर रहे हैं.
आज की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 9 नवंबर, 2025 की खबरें और समाचार: देश की राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है. अधिकांश इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 से भी ऊपर चला गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य संकट गहराता जा रहा है. वहीं, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोन विधेयक पारित करने की तैयारी में है, जिनसे आसिम मुनीर की शक्तियों का दायरा बढ़ने वाला है. विपक्ष ने इसकी आलोचना करते हुए चेतावनी दी है कि इससे संविधान की बुनियाद हिल जाएगी.
पाकिस्तान की संसद में प्रस्तावित इस संशोधन से आसिम मुनीर की शक्तियां तो बढे़गी ही. साथ में इससे उच्च न्यायालयों के जजों की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव भी होगा और राष्ट्रपति को आजीवन आपराधिक मामलों से सुरक्षा मिलेगी.