दिल्ली ब्लास्ट केस में UP ATS का एक्शन, कानपुर से मेडिकल स्टूडेंट को उठाया, डॉ. शाहीन के संपर्क में था

लखनऊ की रहने वाली डॉ. शाहीन सईद को 9 नवंबर को फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल केस में गिरफ्तार किया गया था. वह इसी केस में गिरफ्तार पुलवामा के डॉ. मुजम्मिल गनई की गर्लफ्रेंड और जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग जमात-उल-मोमिनात की इंडिया हेड है.

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यूपी एटीएस ने दिल्ली ब्लास्ट केस में कानपुर से जम्मू के मेडिकल छात्र को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. (सांकेतिक तस्वीर) यूपी एटीएस ने दिल्ली ब्लास्ट केस में कानपुर से जम्मू के मेडिकल छात्र को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. (सांकेतिक तस्वीर)

सिमर चावला

  • कानपुर,
  • 13 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:20 PM IST

उत्तर प्रदेश एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने दिल्ली रेड फोर्ट कार ब्लास्ट केस की जांच के तहत कानपुर के कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट से जम्मू-कश्मीर के एक मेडिकल छात्र को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है. संदिग्ध का नाम डॉ. मोहम्मद अरिफ है, जो कार्डियोलॉजी का छात्र है. सूत्रों के अनुसार, आरिफ का नाम मामले में गिरफ्तार महिला डॉ. शाहीन सईद के फोन रिकॉर्ड्स की जांच के दौरान सामने आया. दोनों के लंबे समय से संपर्क होने का संदेह है. 

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डॉ. आरिफ जम्मू-कश्मीर का निवासी है और कानपुर के अशोक नगर इलाके में किराए के फ्लैट में रह रहा था. यूपी ATS ने बुधवार रात उसके आवास पर छापा मारा और उसे हिरासत में लिया. वह NEET-SS 2024 बैच का छात्र है और गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (GSVM) के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट से जुड़ा है. बता दें कि शाहीन की गाड़ी से AK-47 बरामद हुई थी. डॉ. शाहीन लखनऊ के कैसरबाग इलाके के कंधारी बाजार की रहने वाली है. उसके पिता शाहिद अहमद अंसारी उत्तर प्रदेश हेल्थ डिपार्टमेंट के कर्मचारी थे.

प्रतिभाशाली डॉक्टर से आतंकी बनी शाहीन 

शाहीन के घरवालों ने बताया कि वह बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहती थी. उसने लखनऊ के लालबाग स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई की. यहां 10वीं और 12वीं दोनों में वह टॉपर रही. उसने CPMT (तब मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए होने वाली परीक्षा) परीक्षा पास की और प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और एमडी किया. उसके बाद 2006 में UPPSC के जरिए कानपुर के GSVM मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बनीं. साल 2009 में शाहीन का ट्रांसफर कन्नौज मेडिकल कॉलेज में हो गया. वहां 6 महीने रहने के बाद 2010 में उसकी फिर से कानपुर मेडिकल कॉलेज में वापसी हो गई.

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साल 2013 से शाहीन अचानक काफी दिनों के​ लिए गायब रहने लगी. कानपुर मेडिकल कॉलेज ने कई बार उसे नोटिस भेजा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. अनुशासनहीनता और ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में उसे साल 2021 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. इसके बाद वह फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बनीं और यहीं उसका संपर्क डॉ. मुजम्मिल गनई से हुआ. शाहीन तलाकशुदा है. शाहीन के स्कूल और कानपुर मेडिकल कॉलेज के उसके साथी बताते हैं कि वह अपने एकेडमिक और प्रोफेशनल करियर के दौरान काफी प्रोग्रेसिव विचारों वाली महिला थी. बुर्के के खिलाफ थी.

शाहीन के कार से मिली थी AK-47 राइफल

उसका निकाह प्रयागराज के नेत्र चिकित्सक डॉ. जफर सईद से 2004 में हुआ, लेकिन 2015 में दोनों का तलाक हो गया. तलाक के बाद वह लखनऊ के लालबाग में अपने परिवार के साथ रह रही थी. लेकिन डेढ़ साल से परिवार से उसका संपर्क टूट गया था. पूर्व पति डॉ. जफर ने खुलासा किया कि शाहीन धीरे-धीरे धार्मिक हो गई और मुस्लिम लड़कियों को हिजाब-बुर्का पहनने की सलाह देने लगी थी. गिरफ्तारी के बाद डॉ. मुजम्मिल गनाई (पुलवामा निवासी, फरीदाबाद मॉड्यूल का मुख्य आरोपी) से उनके रिश्ते सामने आए. मुजम्मिल की निशानदेही पर शाहीन को पकड़ा गया. गिरफ्तारी के दौरान शाहीन की कार से AK-47 राइफल, पिस्टल, जिंदा कारतूस और संदिग्ध सामग्री बरामद हुई.

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