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अमेरिका के 8 Swing states पर नजर, जानिए वहां कैसे चल रही है वोटिंग

अमेरिका में तीन नवंबर को वोट डाले जाने हैं, हालांकि अभी तक करोड़ों लोग अपना मत मेल-इन के जरिए डाल चुके हैं. अमेरिका में कई राज्य ऐसे हैं जिनके वोट के जरिए अंतिम नतीजे पूरी तरह से बदल सकते हैं.

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डेमोक्रेट्स की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन
डेमोक्रेट्स की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अमेरिका में तीन नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव
  • अबतक नौ करोड़ वोटर डाल चुके हैं वोट
  • स्विंग स्टेट पर टिकी हैं सभी की निगाहें

अमेरिका में तीन नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होना है. वोटिंग डे से पहले ही अबतक मेल-इन वोटों के जरिए करोड़ों लोग अपना मत डाल चुके हैं. ऐसे में अब हर किसी को ये प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार है. अभी तक के कई पोल में जो बिडेन काफी बढ़त बनाते दिख रहे हैं, लेकिन अभी भी कुछ राज्य ऐसे हैं जहां मतदान जारी है और अंत में वो पूरी तरह से खेल को पलट सकते हैं.

अमेरिका की राजनीतिक भाषा में इन्हें ‘स्विंग स्टेट’ कहा जाता है, जो पहले से किसी एक पार्टी के पक्ष में जाते नहीं दिखते हैं लेकिन अंत में नतीजों के दौरान अहम भूमिका निभाते हैं. ऐसे ही कुछ 8 राज्यों में पोलिंग की तस्वीर साफ होने लगी है और इनमें से अधिकतर राज्यों में जो बिडेन बढ़त बनाए हुए हैं और डोनाल्ड ट्रंप पीछे चल रहे हैं.

स्विंग स्टेट में किसका पलड़ा भारी?
1.    फ्लोरिडा – कुल इलेक्टोरेल वोट 29
जो बिडेन: 48.7%
डोनाल्ड ट्रंप: 46.8%
2.    पेनसेल्वेनिया – कुल इलेक्टोरेल वोट 20
जो बिडेन: 50.9%
डोनाल्ड ट्रंप: 45.1%
3.    ओहियो - कुल इलेक्टोरेल वोट 18
जो बिडेन: 46.1%
डोनाल्ड ट्रंप: 48.2%
4.    मिचिगेन: कुल इलेक्टोरेल वोट 16
जो बिडेन: 51.4%
डोनाल्ड ट्रंप: 43.%
5.    नॉर्थ कैरोलिना – 15 वोट
जो बिडेन: 49.2%
डोनाल्ड ट्रंप: 47.1%
6.    ऐरिजोना – 11 वोट
जो बिडेन: 48.8%
डोनाल्ड ट्रंप: 45.4%
7.    विसकन्सिन – 10 वोट
जो बिडेन: 51.5 %
डोनाल्ड ट्रंप: 43.7%
8.    आयोवा – 6 वोट
जो बिडेन: 47.8%
डोनाल्ड ट्रंप: 46.8%

देखें: आजतक LIVE TV 

आपको बता दें कि ये सभी अभी सिर्फ ट्रेंड ही हैं, ऐसे में अंतिम नतीजे इनसे काफी अलग भी हो सकते हैं. लेकिन वोटिंग ट्रेंड काफी राज्यों में जो बिडेन के पक्ष में ही जा रहे हैं.

गौरतलब है कि अमेरिकी वोटर अपने मतदान से अपने क्षेत्र से इलेक्टर्स का चुनाव करते हैं. जो अंत में मिलकर राष्ट्रपति के लिए वोट डालते हैं. इलेक्टर्स अपनी मर्जी से किसी भी उम्मीदवार को वोट डाल सकता है, फिर चाहे वो उसकी पार्टी का हो या नहीं. ऐसे में सिर्फ अमेरिकी लोगों के वोट के आधार पर ही राष्ट्रपति का चुनाव नहीं होगा, बल्कि उनके द्वारा चुने गए इलेक्टर्स पर भी हर किसी की नज़रें होंगी. 

 

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