अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन कैरी ने गुरुवार को कहा है कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे में भारत की भूमिका काफी अहम है. उन्होंने 'इंडिया टुडे' को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन पर गठित टास्क फोर्स का अहम सदस्य है. उन्होंने कहा कि भारत के पास इस चुनौती से निपटने के लिए पर्याप्त बौद्धिक संसाधन हैं और और वह इस पर काबू पाने में बड़ा योगदान दे सकता है.
जॉन कैरी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को लेकर हम सबके सामने सबसे बड़ी चुनौती ठोस कदम उठाने की है.
अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जॉन कैरी जलवायु परिवर्तन पर होने वाली समिट से पहले भारत के चार दिवसीय दौरे पर आए हैं. पिछले तीन दिनों में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और केंद्र सरकार के तमाम प्रतिनिधियों से मुलाकात कर चुके हैं.
Busy day today meeting with Indian partners in support of India’s decarbonization through investment in a clean transition. pic.twitter.com/KHpb7SiyuY
— Special Presidential Envoy John Kerry (@ClimateEnvoy) April 7, 2021
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर इसी महीने एक समिट का आयोजन करने वाले हैं. इस समिट में भारत समेत 40 देशों को आमंत्रित किया गया है. आमंत्रित देशों की सूची में चीन और रूस का नाम भी शामिल है.
जॉन कैरी ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को लेकर काफी उत्साहित हैं. वह केवल बातें नहीं करते हैं बल्कि काम करते हैं, हम इस दिशा में साथ मिलकर काम करेंगे."
US envoy @JohnKerry speaks exclusively to India Today's @rajchengappa, says Biden admin will pay all pending dues and give additional funds to the cause of climate change under the Paris agreement.#ClimateChange #JohnKerry pic.twitter.com/FPtI3UgUKS
— IndiaToday (@IndiaToday) April 8, 2021
अमेरिकी दूत ने उम्मीद जाहिर की कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर हो रही चर्चा में चीन भी शामिल होगा. उन्होंने कहा, "हमें चीन को लेकर उम्मीद है लेकिन हम पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं. हमारे कई मुद्दों पर मतभेद जरूर हैं लेकिन हम इन मतभेदों में उलझे नहीं रहना चाहते."
India’s role on climate change crucial: US envoy @JohnKerry#ClimateChange #JohnKerry (@rajchengappa) pic.twitter.com/ub9PygyVyR
— IndiaToday (@IndiaToday) April 8, 2021
जॉन कैरी ने कहा कि अमेरिका की कोशिश है कि सभी देशों में कार्बन उत्सर्जन कम करने में योगदान देने वाली नई तकनीकों का इस्तेमाल बढ़े. अमेरिका इस बारे में बिल्कुल स्पष्ट है कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर सिर्फ बातें ना हों बल्कि ठोस कदम उठाए जाएं.
जॉन कैरी ने कहा, "पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पैरिस जलवायु समझौते से बाहर निकलने के बावजूद तमाम अमेरिकी गवर्नर इसके समर्थन में थे. अब बाइडेन प्रशासन इन चार सालों में हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए तैयार है."
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर बेहद गंभीर हैं. बाइडेन ने पद संभालते ही पैरिस जलवायु समझौते में अमेरिका के लौटने की घोषणा कर दी थी.
जलवायु परिवर्तन को लेकर हो रही वर्चुअल समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बाइडेन की एक बार फिर से मुलाकात होगी. इससे पहले, क्वॉड देशों की वर्चुअल बैठक में भी दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी.
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी के मुताबिक, चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया में सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन करता है. हालांकि, प्रति व्यक्ति के हिसाब से उत्सर्जन, बाकी देशों के मुकाबले कम ही है.