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Human Rights Country Report: चीन में उइगर मुसलमानों के साथ जुल्म को अमेरिका ने बताया 'नरसंहार'

मंगलवार को जारी इस वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि मुख्य रूप से चीन के शिनजियांग में उइगर मुस्लिम और अन्य जातीय व धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ मानवता के खिलाफ नरसंहार और अपराध हुआ है. ये अपराध पहले से ही जारी थे, जिसमें नागरिकों को जबरन कैद में डालना, नसबंदी, जबरदस्ती गर्भपात, बंधुआ मज़दूरी जैसी चीजें शामिल हैं. साथ ही धर्म की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर ड्रैकोनियन प्रतिबंध लगाए गए हैं. 

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चीन में उइगर मुस्लिमों का 'नरसंहार'
चीन में उइगर मुस्लिमों का 'नरसंहार'
स्टोरी हाइलाइट्स
  • देशों में मानवाधिकार की स्थिति पर अमेरिका की रिपोर्ट
  • चीन में उइगर मुसलमानों पर जुल्म को बताया नरसंहार

अमेरिका के विदेश विभाग ने देशों में मानवाधिकार की स्थिति पर वार्षिक रिपोर्ट जारी की है. चीन से संबंधित रिपोर्ट में उइगर मुसलमानों का मुद्दा उठाया गया है और इस समुदाय पर चीन में होने वाले जुल्मों का विस्तार से जिक्र किया गया है. इस रिपोर्ट में उइगर मुसलमानों के साथ ही दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों से किए जाने वाले दुर्व्यवाहर को नरसंहार करार दिया गया है. अमेरिका और चीन के रिश्तों में चल रही कड़वाहट के बीच ये रिपोर्ट दोनों मुल्कों के बीच तनाव को और हवा दे सकती है. 

मंगलवार को जारी इस वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि मुख्य रूप से चीन के शिनजियांग में उइगर मुस्लिम और अन्य जातीय व धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ मानवता के खिलाफ नरसंहार और अपराध हुआ है. ये अपराध पहले से ही जारी थे, जिसमें नागरिकों को जबरन कैद में डालना, नसबंदी, जबरदस्ती गर्भपात, बंधुआ मज़दूरी जैसी चीजें शामिल हैं. साथ ही धर्म की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर ड्रैकोनियन प्रतिबंध लगाए गए हैं. 

बता दें कि पिछले साल आई एक अन्य रिपोर्ट में दावा किया गया था कि शिनजियांग में प्राकृतिक जनसंख्या वृद्धि में नाटकीय रूप से गिरावट आई है; 2015 और 2018 के बीच दो सबसे बड़े उइगर प्रीफेक्चर में 84% तक विकास दर गिरी और 2019 में कई अल्पसंख्यक क्षेत्रों में और गिरावट आई.

वहीं, मानवाधिकर पर अमेरिकी विदेश विभाग की ताजा रिपोर्ट में सीधे तौर पर चीन की सरकार को नागरिकों पर जुल्म के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. साथ ही ये भी कहा गया है कि सरकारी अफसर और सुरक्षाबल अक्सर मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हैं, कुछ केस में जांच की बात भी कही जाती है लेकिन पुलिस किसी नतीजे तक नहीं पहुंची. 

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इस मसले पर अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी चीन को घेरा है. ब्लिंकन ने कहा है कि पूरी दुनिया में मानवाधिकारों का घोर हनन हो रहा है, मानवाधिकारों का सम्मान करने वाले देशों के नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन करने की अधिक संभावना है जो अमेरिका तथा उसके सहयोगियों ने बनाई है.

उइगर मुसलमानों का जनसंहार

एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि मानवधिकारों की प्रवृत्ति गलत दिशा में आगे बढ़ रही है और हम दुनिया के प्रत्येक क्षेत्र में इसके सबूत देखते हैं.  ब्लिंकन ने कहा, ''हम शिनजियांग में उइगर और अन्य जातीय तथा धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ हो रहे जनसंहार के रूप में इसे देखते हैं.''

ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका इन घिनौने कृत्यों के दोषियों को जिम्मेदार ठहराने के लिए अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके साथ ही ब्लिंकन ने रूस, युगांडा और वेनेजुएला जैसे देशों में विपक्षी नेताओं, भ्रष्टाचार रोधी कार्यकर्ताओं, स्वतंत्र पत्रकारों पर हो रहे हमलों का भी जिक्र किया. 

गौरतलब है कि चीन में उइगर मुसलमानों के साथ बेरहमी का मामला अंतराष्ट्रीय स्तर पर लंबे समय से उठाया जा रहा है. कई मुल्क चीन पर तानाशाही और क्रूरतापूर्ण रवैया अपनाने का इल्जाम लगा चुके हैं. चीन में अलग-अलग वक्त पर खासकर उइगर मुस्लिमों के खिलाफ ज्यादती की खबरें आती रही हैं.

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ये मुस्लिम समुदाय मूलत: तुर्की से ताल्लुक रखता है. उइगरों की सबसे ज्यादा आबादी चीन झिनझियांग प्रांत में ही बताई जाती है. यही वजह है कि इस प्रांत को उइगरिस्तान या पूर्वी तुर्किस्तान भी कहा जाता है. पिछले साल अक्टूबर में निर्वासित पूर्वी तुर्किस्तान सरकार ने एक रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया था कि 2017 के बाद से 30 लाख से अधिक उइगर, कजाख, किर्गिज़ और अन्य लोगों को कैंपों, जेलों तथा बंधुआ मजदूरी शिविरों में रहने के लिए मजबूर किया गया है. 

उइगरों पर होने वाले जुल्म को लेकर दुनिया के तमाम देश चीन को निशाना बनाते हैं. ऐसे में अमेरिका की ताजा रिपोर्ट इस मसले पर चीन को और बैकफुट पर धकेल सकती है. 


 

 

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