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इस इस्लामिक देश में योग कर रहे लोगों को भीड़ ने भगाया, राष्ट्रपति ने दिए जांच के आदेश

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर मालदीव के माले के नेशनल फुटबॉल स्टेडियम में योग कार्यक्रम चल रहा था. तभी गुस्साई भीड़ स्टेडियम में घुस आई और लोगों को वहां से खदेड़ दिया. इस दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया. पुलिस को स्थिति संभालने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

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माले में लोगों से स्टेडियम खाली करा रहे प्रदर्शनकारी (photo: screengrab)
माले में लोगों से स्टेडियम खाली करा रहे प्रदर्शनकारी (photo: screengrab)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मालदीव के नेशनल फुटबॉल स्टेडियम में हुई घटना
  • गुस्साई भीड़ ने योग कर रहे लोगों से स्टेडियम खाली करने को कहा
  • राष्ट्रपति सोलिह ने जांच के आदेश दिए

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर मंगलवार सुबह जहां एक तरफ दुनियाभर में लोग योग करते नजर आए. वहीं, मालदीव में एक अलग ही घटनाक्रम देखने को मिला. राजधानी माले के नेशनल फुटबॉल स्टेडियम में योग और मेडिटेशन कर रहे लोगों पर गुस्साई भीड़ ने धावा बोल दिया. भीड़ स्टेडियम में घुस आई और तोड़फोड़ करने लगी.

ये प्रदर्शनकारी योग कार्यक्रम से नाराज थे और इसका विरोध कर रहे थे. प्रदर्शनकारियों ने योग कर रहे लोगों से स्टेडियम तुरंत खाली करने को कहा. इस बीच ऐसी भी शिकायतें आईं कि भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने उन्हें धमकाया है. इस स्थिति को संभालने के लिए पुलिस तुरंत हरकत में आई लेकिन दोनों ओर से झड़प होने पर पुलिस को आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को तितर-बितर करना पड़ा.

दरअसल, इंडियन कल्चरल सेंटर ने मालदीव के युवा और खेल मामलों के मंत्रालय के साथ मिलकर माले के स्टेडियम में योग और मेडिटेश सत्र का आयोजन किया था. स्टेडियम में लोग योग कर ही रहे थे कि सुबह 6.30 बजे के आसपास गुस्साई भीड़ स्टेडियम में घुसी और तोड़फोड़ करने लगी.

मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह ने योग दिवस कार्यक्रम पर हमले की जांच का ऐलान किया है.

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मालदीव के राष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा कि पुलिस ने गलालू स्टेडियम में हुई घटना की जांच शुरू कर दी है. इसे गंभीर मामला माना जा रहा है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कठघरे में खड़ा किया जाएगा.

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर योग कार्यक्रमों के आयोजन के ऐलान की कुछ कट्टरंपथियों ने आलोचना की. कुछ संगठनों की ओर से योग दिवस का आयोजन नहीं करने की धमकी भी दी गई. 

मालदीव के युवा और खेल मामलों के मंत्रालय ने योग और मेडिटेशन का आयोजन रासफन्नू आर्टिफिशियल बीच पर कराने का आग्रह किया था लेकिन माले की सिटी काउंसिल ने इससे इनकार कर दिया था. सिटी काउंसिल का कहना है कि उसने लोगों की बढ़ती शिकायतों की वजह से मंत्रालय का अनुरोध ठुकरा दिया था.

संयुक्त राष्ट्र ने 2014 में योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी थी और हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया था. मालदीव उन 177 देशों में शामिल था, जिसने योग को हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाए जाने के भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया था.

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