scorecardresearch
 

मधेसी पार्टियों ने नेपाल संसद की बैठक में व्यवधान डाला

आंदोलनकारी मधेसी पार्टियों द्वारा नेपाल संसद की एक अहम बैठक में व्यवधान डाले जाने के बाद इसकी बैठक कल तक के लिए टाल दी गई. प्रदर्शन कर रही पार्टियां सरकार से नये संविधान में अपने उन मुद्दों को सुलझाने की मांग कर रहे हैं जिसने एक राजनीतिक संकट खड़ा कर दिया है.

Advertisement
X
मधेसी प्रदर्शनकारी (फाइल फोटो)
मधेसी प्रदर्शनकारी (फाइल फोटो)

आंदोलनकारी मधेसी पार्टियों द्वारा नेपाल संसद की एक अहम बैठक में व्यवधान डाले जाने के बाद इसकी बैठक कल तक के लिए टाल दी गई. प्रदर्शन कर रही पार्टियां सरकार से नये संविधान में अपने उन मुद्दों को सुलझाने की मांग कर रहे हैं जिसने एक राजनीतिक संकट खड़ा कर दिया है.

संसद की आज बैठक शुरू होने पर मधेसी मोर्चा के सांसदों ने अपनी सीट पर खड़े होकर इसमें व्यवधान डालने की कोशिश की. मोर्चा सदन का बहिष्कार कर रहा है.

हालांकि, स्पीकर ओंसारी घारती ने उन्हें संसद के समक्ष बोलने के लिए वक्त देने का आश्वासन दिया जिसके बाद मधेसी नेताओं ने बैठक को आगे बढ़ने दिया. लेकिन बाद में वे नारेबाजी करने लगे जिसके चलते बैठक दोपहर तीन बजे तक सदन की बैठक स्थगित करनी पड़ी.

मधेसी मोर्चा के नेता अशोक राय ने अपने संबोधन में कहा कि एकीकृत डेमोक्रेटिक मधेस फ्रंट वार्ता जारी रखने को तैयार है. उन्होंने कहा कि सरकार को मधेसी मुद्दे का हल करने के प्रति गंभीर होने की जरूरत है. संयुक्त मधेसी मोर्चा के संसद में 35 सांसद हैं. यह संसद का बहिष्कार कर रहा है. इसने संविधान निर्माण की प्रक्रिया से खुद को दूर रखा था ताकि देश को सात प्रांतों में बांटने वाले नये चार्टर के प्रति अपने ऐतराज को दिखा सके.

Advertisement

इस बीच, सीपीएन (यूएमएल) के उप महासचिव घनश्याम भुसाल ने कहा कि तराई में चल रहा प्रदर्शन न तो राष्ट्र के हित में है और ना ही खुद लोगों के हित में है.

-इनपुट भाषा

Advertisement
Advertisement