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इनवेस्ट करो बहुत फायदा होगा...कहकर फंसाया, ठग लिए 3.26 करोड़, लखनऊ के सन्नी कुमार ने रची थी फ्रॉड की साजिश

नोएडा पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 3.26 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने शेयर मार्केट में मोटा मुनाफा दिलाने का झांसा देकर पीड़ित से करोड़ों रुपये ठग लिए थे. पुलिस ने लखनऊ और उन्नाव से आरोपियों को दबोचा है, उनसे पूछताछ की जा रही है.

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लखनऊ और उन्नाव से पकड़े गए आरोपी. (Photo: ITG)
लखनऊ और उन्नाव से पकड़े गए आरोपी. (Photo: ITG)

नोएडा में इन दिनों साइबर क्राइम पुलिस एक्शन मोड में है. बुधवार को एक बड़ी कार्रवाई में पुलिस ने ऐसे गिरोह को बेनकाब किया, जिसने इनवेस्टमेंट के नाम पर लोगों के करोड़ों रुपये हड़प लिए. यह पूरा मामला करोड़ों के साइबर फ्रॉड का है. इस गिरोह ने 3.26 करोड़ रुपये की ठगी कर ली. पुलिस ने लखनऊ और उन्नाव से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इस पूरे मामले की जांच की जा रही है.

यह पूरा मामला 12 जून 2025 को सामने आया. सेक्टर-27 नोएडा के रहने वाले एक व्यक्ति ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई. शिकायतकर्ता ने बताया कि खुद को एक कंपनी का कर्मचारी बताने वाले कुछ लोगों ने उससे संपर्क किया. उन्होंने उसे शेयर मार्केट में इनवेस्टमेंट का लालच दिया कि बस पैसे लगाओ और देखो कैसे मुनाफा दोगुना-तिगुना हो जाता है. पीड़ित आरोपियों की बातों में आ गया और लालच में धीरे-धीरे उसने अलग-अलग बैंक खातों में 3.26 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए, इसके बाद उसे न तो मुनाफा मिला और न ही उसके पैसे वापस हुए.

शिकायत मिलते ही साइबर क्राइम थाना पुलिस हरकत में आ गई. बैंक खातों को फ्रीज कराया गया और जांच-पड़ताल शुरू हुई. पुलिस की नजरें उन खातों पर थीं, जिनमें पैसे पहुंचे थे. तकनीकी जांच और सर्विलांस के बाद आखिरकार पुलिस ने इस हाई-प्रोफाइल साइबर गिरोह के तीन अहम चेहरों को पहचान लिया.

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गिरफ्तार आरोपियों की पहचान लखनऊ के रहने वाले सन्नी कुमार, लखनऊ के दुर्गेश कुमार और उन्नाव के रहने वाले विकास कुमार के रूप में हुई. पुलिस टीम ने लगातार पीछा करते हुए इन्हें लखनऊ और उन्नाव से गिरफ्तार किया.

पुलिस के द्वारा की गई इस मामले की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए. मुख्य आरोपी सन्नी कुमार ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस ठगी की साजिश रची थी. 23 लाख रुपये सीधे सन्नी के खाते में आए. यह रकम उसने कैश निकालकर अपने साथी विकास कुमार को दे दी. विकास ने बदले में 1 लाख रुपये बतौर कमीशन सन्नी को लौटा दिए. बाकी रकम गिरोह के सदस्यों के बीच बांट दी गई. पुलिस की भाषा में कहें तो ठगी का धंधा कमीशन के हिसाब से चल रहा था.

दिलचस्प बात यह है कि इस मामले में यह पहली गिरफ्तारी नहीं है. पुलिस अब तक 9 अन्य आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. कुल मिलाकर यह गिरोह संगठित तरीके से काम कर रहा था और कई राज्यों में नेटवर्क था. एडीसीपी साइबर क्राइम शव्या गोयल का कहना है कि साइबर अपराधियों ने लोगों के करोड़ों रुपये ठग लिए. पुलिस टीम ने गिरोह के तीन और आरोपियों को पकड़ा है. इस मामले की जांच जारी है. जल्द ही बाकी आरोपी भी सलाखों के पीछे होंगे.

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