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'कबाड़ का काम करने गया था...', क्या बोले बाबा सिद्दीकी को गोली मारने वाले लड़कों के परिजन

बाबा सिद्दीकी मर्डर केस (Baba Siddqui Murder Case) में गिरफ्तार किए गए बहराइच के दो युवकों के परिजनों की प्रतिक्रिया सामने आई है. धर्मराज कश्यप और शिवा गौतम पुणे में कबाड़ का काम करने गए थे. परिजनों का कहना है कि उन्हें इन गतिविधियों की जानकारी नहीं थी, और वे घटना के बाद पुलिस के आने पर ही यह सब जान पाए.

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आरोपी के घर पहुंची पुलिस.
आरोपी के घर पहुंची पुलिस.

मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी ((Baba Siddqui) को गोली मारने वाले जो दो आरोपी पकड़े गए हैं, वे यूपी के रहने वाले हैं. इनमें 19 साल का धर्मराज कश्यप पुत्र राधेश्याम और 20 साल का शिवकुमार उर्फ शिवा गौतम पुत्र बालकिशून शामिल हैं. ये दोनों कैसरगंज कोतवाली के गंडारा गांव के रहने वाले हैं. ये दोनों पुणे में रेहड़ी पटरी पर ठेला लगाने का काम करते थे. घटना को लेकर आरोपी धर्मराज की मां कुसमा और शिवा गौतम की मां सुमन की प्रतिक्रिया सामने आई है. दोनों के घर पर पुलिस पहुंच चुकी है.

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जानकारी के अनुसार, एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के दो आरोपी बहराइच के कैसरगंज कोतवाली इलाके के गंडारा गांव के रहने वाले हैं. इस मामले में पकड़े गए आरोपी धर्मराज कश्यप पुत्र राधेश्याम से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया कि घटना में उसी के गांव का शिवा गौतम पुत्र बालकिशन भी शामिल था. घटना के बाद शिवा फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है.

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घटना में बहराइच के कैसरगंज का नाम आने के बाद पुलिस और एसओजी एक्टिव हो गई है. दोनो के घरों पर उनके परिजनों से पूछताछ की जा रही है. दोनों आरोपियों का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है.

लोगों का कहना है कि दोनों आरोपी पुणे में कबाड़ इकट्ठा करने के काम में लगे थे. 19 वर्ष का धर्मराज अपने गांव के शिवा को पुणे में काम के लिए होली के बाद लेकर गया था. शिवा 20 साल का है. दोनों के घरों में दोनों की मां मौजूद हैं. शिवा के पिता बालकिशन को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है.

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आरोपी धर्मराज की मां ने कहा कि उसका बेटा दो महीने पहले पुणे में कबाड़ का काम करने गया था, लेकिन उसे नहीं पता था कि वह वहां क्या कर रहा है. सुबह जब पुलिस आई, तब हम पूरे मामले के बारे में जान पाए. कभी फोन करते नही हैं तो हम क्या जानें क्या करते हैं. अकेले नहीं गए थे, किसी और के साथ गए थे.

वहीं आरोपी शिवा की मां ने कहा कि शिवा होली के आठ दिन बाद गया था, लेकिन फोन पर बात नहीं हुई थी. वहां जाने के चार दिन बाद बात हुई थी. वहां साथ में जाने वाले लड़के के मोबाइल से बात हुई थी तो उसने कहा था कि क्यों परेशान कर रहो हो, जब बात करनी होगी, तब कर लेंगे. आज सुबह सड़क पर एक लड़का बात कर रहा था, तब हम जान पाए तो घबरा गए. हमारा आदमी मजदूरी करता है. हम भी गेहूं वगैरह काटने के काम में चले जाते थे, उसी से घर का खर्च चलता है.

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