वैष्णो देवी
वैष्णो देवी (Vaishno Devi)का मंदिर सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. वैष्णो देवी को माता रानी, त्रिकुटा, अम्बे और वैष्णवी के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि वैष्णवी का निर्माण पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती की संयुक्त ऊर्जा से हुआ था (Combined Energies of Parvati, Lakshmi, and Saraswati). यह मंदिर कटरा से लगभग 13 किलोमीटर दूर 5,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.
ऐसा कहा जाता है कि एक प्रसिद्ध तांत्रिक भैरव नाथ (Tantric Bhairav Nath) ने एक कृषि मेले में युवा वैष्णो देवी को देखा और उनकी ओर पागलों की तरह मोहित हो गया. वैष्णो देवी उसकी कामुक दृष्टि से बचने के लिए त्रिकुटा पहाड़ियों में भाग गईं, बाद में उन्होंने महाकाली का रूप धारण किया और एक गुफा में अपनी तलवार से उसका सिर काट दिया (Legends of Vaishno Devi).
वैष्णो देवी मंदिर तक पहुंचने के लिए तीर्थयात्री जम्मू शहर (Jammu) से कटरा (Katra) तक हेलीकॉप्टर, रेल और सड़क मार्ग से जाते है. कटरा से पैदल ही वैष्णो देवी मंदिर की चढ़ाई शुरू होती है (Vaishno Devi Temple Route). रास्ते में त्रिकुटा पर्वत (Trikuta mountain) के पास बाणगंगा नदी (Banganga River) है. ऐसा कहा जाता है कि वैष्णो देवी ने जमीन पर बाण चलाकर हनुमान की प्यास बुझाने के लिए गंगा नदी को बहा दिया था. हनुमान के गायब होने के बाद, वैष्णो देवी ने पानी में अपने बाल धोए थे. बाणगंगा के बाद चरण पादुका मंदिर (Charan Paduka Temple) है.
यहां चट्टान पर माता वैष्णो देवी के पैरों के निशान की पूजा की जाती है. चरण पादुका के दर्शन करने के बाद, तीर्थयात्री अर्धकुंवारी मंदिर (Ardha Kunwari Temple) में आते हैं. अर्धकुंवारी के दर्शन करने के बाद, तीर्थयात्री भैरव नाथ मंदिर (Bhairav Nath temple) जाते हैं. आखिर में, तीर्थयात्री 3 पिंडिकाओं (चट्टानों) के दर्शन करने के लिए मंदिर के अंदर जाते हैं जिन्हें वैष्णो देवी माना जाता है.
वैष्णो देवी मंदिर मां दुर्गा को समर्पित 108 शक्तिपीठों (One of the 108 Shakti Peethas dedicated to Goddess Durga) में से एक है.
यह भारत के सबसे अधिक दर्शन किए जाने वाले तीर्थस्थलों में से एक है (One of the Most Visited Pilgrimage Centers of India). नवरात्रि जैसे त्योहारों के दौरान, श्रद्धालुओं की संख्या एक करोड़ तक हो जाती है. वैष्णो देवी मंदिर भारत के सबसे धनी मंदिरों में से एक है.
वैष्णो देवी मंदिर का प्रबंधन और प्रशासन श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (Mata Vaishno Devi Shrine Board) संभालता है. इसके बोर्ड में नौ सदस्य होते हैं.
जम्मू-कश्मीर के वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज में पहली MBBS लिस्ट में 42 मुस्लिम छात्रों के चयन के बाद विवाद बढ़ गया है. BJP और कई हिंदू संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई है और कहा कि श्राइन बोर्ड से संचालित संस्थान में हिंदू छात्रों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. BJP ने LG मनोज सिन्हा से नियमों की समीक्षा की मांग की है.
जम्मू-कश्मीर के नगरोटा विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने दिवंगत विधायक देवेंद्र सिंह राणा की पुत्री दिव्यानी राणा को उम्मीदवार बनाया है. दिव्यानी ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि उनके पिता ने अंतिम क्षणों में उनसे वादा लिया था, 'ये मेरा परिवार है और मेरे परिवार के साथ मैंने बहुत सारे वादे किए हैं...'.
मोतिहारी में कल रात से हो रही भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. उधर, नेपाल में कंकाई नदी में बाढ़ आने के बाद कोसी बैराज के सभी 56 गेट खोल दिए गए हैं. कोसी नदी का जलस्तर एक्सट्रीम डेंजर लेवल पर पहुंच गया है.
धर्म नगरी कटरा में श्री माता वैष्णो देवी की यात्रा 22 दिन बाद दोबारा शुरू हो गई है. 26 अगस्त को अध्कुवारी के पास यात्रा मार्ग पर हुए भूस्खलन के कारण यात्रा स्थगित कर दी गई थी. इस आपदा में 30 से अधिक श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे.
कटरा में जयकारों के बीच मां वैष्णो देवी यात्रा फिर से शुरू हो गई है. अगर आपको लगता है कि यहां आने में बहुत खर्चा होगा, तो जान लीजिए कि सिर्फ़ 5000 रुपये में भी माता के दर्शन किए जा सकते हैं.
धर्म नगरी कटरा में श्री माता वैष्णो देवी की यात्रा 22 दिन बाद दोबारा शुरू हो गई है. 26 अगस्त को अध्कुवारी के पास यात्रा मार्ग पर हुए भूस्खलन के कारण यह यात्रा स्थगित कर दी गई थी. इस आपदा में 30 से अधिक श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई थी. भूस्खलन के बाद यात्रा मार्ग पर मलबा जमा हो गया था, जिसे इन 22 दिनों में साफ किया गया.
अगर मौसम ठीक रहा तो श्री माता वैष्णो देवी यात्रा आज, 17 सितंबर से फिर शुरू होगी. 26 अगस्त को भूस्खलन के बाद यात्रा स्थगित कर दी गई थी. श्रद्धालुओं ने कटरा बेस कैंप पर विरोध जताया था. इस बीच बोर्ड ने बाणगंगा में प्रसाद बांटकर श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान किया.
इससे पहले 26 अगस्त को रियासी जिले के त्रिकुटा पहाड़ियों में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन ने तीर्थ मार्ग को तबाह कर दिया. इस हादसे में 34 श्रद्धालुओं की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश के तीर्थयात्री थे. हादसे के बाद प्रशासन ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किए, लेकिन मार्ग पर मलबा और बारिश के कारण यात्रा को रोकना पड़ा.
वैष्णो देवी यात्रा पिछले आठ दिनों से बंद है. कटरा के होटल एसोसिएशन ने करीब 700 श्रद्धालुओं के लिए 200-250 कमरे और भोजन मुफ्त में उपलब्ध करवाए हैं. श्रद्धालु पिछले चार दिन से अच्छे होटल में रह रहे हैं और उन्होंने स्थानीय लोगों की तारीफ की है.
लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के चलते देश के कई बड़ी धार्मिक यात्राओं को रोक दिया गया है. लाखों लोग अब इस इंतज़ार में हैं कि मौसम कब सुधरे और वे दोबारा अपने आराध्य के दर्शन कर सकें.
भारी बारिश और लैंडस्लाइड के कारण देश की कई बड़ी धार्मिक यात्राएं जैसे वैष्णो देवी, चारधाम, अमरनाथ और आदि कैलाश फिलहाल स्थगित हैं. प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए रूट बंद कर दिए हैं.
माँ वैष्णो देवी की यात्रा आज आठवें दिन भी बंद है. लगातार आठ दिनों से हो रही बारिश के कारण यात्रा को दोबारा शुरू करने की संभावना कम है. खराब मौसम ने ऐसा कहर ढाया कि 26 अगस्त को मां वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन हुआ था. इस घटना में 35 लोगों की मौत हो गई थी.
जम्मू-कश्मीर के माता वैष्णो देवी रास्ते पर हुए लैंडस्लाइड हादसे में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के 6 लोगों की मौत हो गई है. इस हादसे में कई लोग घायल हैं तो कई लापता बताए जा रहे हैं. आइए जानते हैं पूरी डिटेल...
26 अगस्त को त्रिकुटा की पहाड़ियों के कटरा बेल्ट में अधकुंवारी के पास बादल फटने से भीषण भूस्खलन हुआ. इसमें 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 18 लोग घायल हुए. बोर्ड ने साफ कहा कि 26 अगस्त को दोपहर 12 बजे ही यात्रा रोक दी गई थी, जबकि बादल फटने की घटना दोपहर 2:40 बजे हुई.
हिंदुओं के पवित्र धर्मस्थल वैष्णो देवी में 26 अगस्त को दोपहर करीब 3:00 बजे अर्धकुवारी के पास हुए भूस्खलन ने पूरे देश को झकझोर दिया है. इस हादसे में अब तक 35 लोगों के मारे जाने और 20 लोगों के घायल होने की खबर है. यह हादसा भारी बारिश के बावजूद हुआ, जबकि मौसम विभाग ने जम्मू में जबरदस्त बारिश की चेतावनी दी थी.
वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर हुए भूस्खलन में 35 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई और भारी बारिश की चेतावनी के बावजूद यात्रा जारी रखने पर सवाल उठाए गए हैं. वहीं, इस हादसे पर कईं बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या वैष्णो देवी मार्ग पर हुआ ये हादसा टल सकता था. देखें ब्लैक एंड व्हाइट.
जम्मू-कश्मीर में बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड ने तबाही मचा रखी है, जिसका असर सड़क से रेलमार्ग तक पर पड़ा है. हालात ये हैं कि वैष्णो देवी यात्रा रोक दी गई है और जम्मू-कटरा रूट की कई ट्रेनें कैंसिल की गई हैं, जिससे तमाम स्टेशनों पर हजारों यात्री फंसे हुए हैं.
जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और लैंडस्लाइड से हालात बिगड़े. जम्मू-कटरा रेल रूट पर 58 ट्रेनें कैंसिल कर दी गईं और कई को बीच रास्ते से लौटाया गया। हजारों यात्री स्टेशनों पर फंसे, रेलवे ने दिल्ली-जम्मू स्पेशल ट्रेन और हेल्पडेस्क शुरू किए.
देश के कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ ने कहर बरपाया है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त है. दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. वहीं, जम्मू-कश्मीर में वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर हुए हादसे के बाद श्राइन बोर्ड पर लापरवाही के आरोप लगाकर प्रदर्शन किया गया. देखें ब्रेकिंग न्यूज.
जम्मू कश्मीर के वैष्णो देवी यात्रा मार्ग में हुए हादसे में मृतकों की संख्या 34 के पार पहुंच गई है. इस हादसे के बाद सरकार और प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बढ़ गया है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार की लापरवाही के कारण इतनी बड़ी संख्या में लोग मारे गए, क्योंकि एहतियातन यात्रा नहीं रोकी गई. कटरा बाजार में लोग फूलों के साथ श्रद्धांजलि दे रहे हैं और श्राइन बोर्ड पर सवाल उठा रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर के कटरा में अर्धकुमारी के पास वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भारी बारिश के बीच हुए भूस्खलन में 35 लोगों की मौत और कई घायल हो गए. राहत व बचाव अभियान जारी है क्योंकि आशंका है कि कई लोग अब भी मलबे में फंसे हो सकते हैं. लगातार बारिश से जम्मू-कश्मीर और उत्तर पंजाब में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है.