सुशीला कार्की (Sushila Karki) नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री हैं. वह नेपाल की सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश हैं. सितंबर 2025 में नेपाल के Gen Z आंदोलन के बाद वहां के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (Nepal PM) के इस्तीफे के बाद नेपाल के युवाओं ने उन्हें अंतरिम सरकार की अगुवाई करने के लिए चुना था. उनकी ईमानदारी और भ्रष्टाचार विरोधी रुख को देखते हुए यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी.
उनका जन्म 7 जून 1952 को बिराटनगर, नेपाल में हुआ. वह सात भाई-बहनों में पहली संतान हैं. उन्होंने दुर्गा प्रसाद सुवेदी से विवाह किया, जो नेपाली कांग्रेस के सदस्य और युवा विंग के नेता रहे हैं. दोनों की मुलाकात बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी में अध्ययन के दौरान हुई थी.
सुशीला कार्की ने 1972 में महेन्द्र मोरंग कॉलेज, बिराटनगर से आर्ट्स में स्नातक (BA) की पढ़ाई पूरी की. 1975 में उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से राजनीतिक विज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त की. 1978 में उन्होंने त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल से लॉ में स्नातक की डिग्री हासिल की.
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रही हैं. उन्होंने 2016 में यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की और नेपाल की सुप्रीम कोर्ट की प्रमुख बनकर देश के न्यायिक इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया. उनका कार्यकाल साहसिक निर्णयों और राजनीतिक विवादों से भरा रहा है.
न्यायपालिका में आने से पहले कार्की ने एक शिक्षिका के रूप में अपना करियर शुरू किया था. न्यायाधीश बनने के बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण और प्रभावशाली फैसले दिए, विशेष रूप से उन मामलों में जो राजनीतिक विवाद और वरिष्ठ मंत्रियों से जुड़े थे. उनके स्पष्ट और सशक्त निर्णयों ने न्यायिक प्रणाली में एक नई छवि स्थापित की.
सुशीला कार्की संविधान के मसौदा समिति की भी सदस्य रहीं, जो 2006 में नेपाल का संविधान तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही थी. वर्ष 2009 में उन्हें नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय में तदर्थ न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और फिर 2010 में वे स्थायी न्यायाधीश बनीं. अप्रैल 2016 में उन्होंने कुछ समय के लिए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया और फिर जुलाई 2016 में औपचारिक रूप से नेपाल की मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्त हुईं.
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम सरकार के गठन और सदन के विघटन को चुनौती देते हुए एक नोटिस जारी किया है. ये नोटिस बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी सीपीएन-यूएमएल द्वारा दायर याचिका के बाद दिया गया है, जिसमें सरकार के गठन और संसद के विघटन को गलत बताया गया है.
नेपाल के चुनाव आयोग ने मार्च में होने वाले संसदीय चुनाव की आधिकारिक शेड्यूल जारी कर दी है. 275 सीटों वाले प्रतिनिधि सभा के लिए 20 जनवरी को नामांकन होगा, जबकि 5 मार्च को मतदान होगा. पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की बर्खास्तगी और हालिया हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद यह चुनाव बेहद अहम माना जा रहा है.
नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने इस साल 12 सितंबर को शपथ ग्रहण के तुरंत बाद घोषणा की थी कि अगले साल 5 मार्च को आम चुनाव आयोजित होंगे. इस सिलसिले में वह सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ लगातार बैठकें कर रही हैं.
नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने कहा है कि उनकी अंतरिम सरकार 5 मार्च 2026 को होने वाले आम चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराएगी. Gen Z आंदोलन से उपजी इस सरकार ने भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ युवाओं की आवाज को मान्यता दी है. कार्की ने भरोसा दिया कि लोकतंत्र को मज़बूत करने और जनादेश के अनुसार काम करने में कोई समझौता नहीं होगा.
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने आरोप लगाया कि वर्तमान प्रशासन आगामी 5 मार्च 2026 के आम चुनावों पर ध्यान नहीं दे रहा और राजनीतिक विरोधियों को निशाना बना रहा है. ओली ने Gen Z विरोध प्रदर्शन, बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप और मीडिया की भूमिका पर भी चिंता जताई और स्पष्ट किया कि वे राजनीति छोड़ने या पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का इरादा नहीं रखते.
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट की प्रधान न्यायाधीश रह चुकीं सुशीला कार्की 12 सितंबर को अंतरिम प्रधानमंत्री बनी थीं. राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने उनकी सिफारिश पर प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया था.
नेपाल में आम चुनाव 5 मार्च 2026 को होगा. निर्वाचन आयोग ने अपने बयान में कहा कि मंजूर टाइमटेबल में पंजीकरण, मतदान और मतगणना सहित सभी प्रमुख प्रक्रियाओं का विवरण शामिल है. राजनीतिक दल 15 फरवरी से 2 मार्च तक कुल 15 दिनों के लिए चुनाव प्रचार कर सकेंगे.
नेपाल की अंतरिम पीएम सुशीला कार्की ने देश को संबोधित करते हुए चुनाव के लिए मतदान नियमों में बदलाव की घोषणा की. Gen-Z आंदोलन के बाद मतदान की न्यूनतम आयु 18 से घटाकर 16 वर्ष कर दी गई है. साथ ही मतदाता नामावली संकलन की समय सीमा एक महीने बढ़ाई गई.
नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने 25 सितंबर को ऐलान किया है कि नेपाल में वोटिंग की उम्र अब 18 वर्ष से घटाकर 16 वर्ष कर दी गई है, ताकि Gen-z आंदोलन के बाद ज्यादा से ज्यादा युवा मतदान प्रक्रिया में शामिल हो सकें.
नेपाल की अंतरिम पीएम सुशीला कार्की की अगुवाई में कैबिनेट बैठक हुई. इसमें पूर्व पीएम केपी ओली, पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक और अन्य नेताओं के पासपोर्ट सस्पेंड करने का प्रस्ताव रखा गया. शेर बहादुर देउवा और उनकी पत्नी आरजू देउवा सहित कई पूर्व मंत्रियों की अवैध संपत्ति की जांच के आदेश भी दिए गए हैं. जांच डिपार्टमेंट ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग इन्वेस्टिगेशन को सौंपी गई है.
नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की अध्यक्षता में सरकार की अहम कैबिनेट बैठक हुई है सूत्रों के अनुसार, बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली, पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक समेत कई नेताओं के पासपोर्ट सस्पेंड करने का प्रस्ताव रखा गया है.
सुशीला कार्की (73 वर्षीय) ने 12 सितंबर को प्रधानमंत्री पद संभाला था, जब भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ युवा-नेतृत्व वाले जेन जेड प्रदर्शनों के बाद पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली की सरकार गिर गई थी.
बता दें कि नेपाल में सितंबर 2025 में एक बड़ा राजनीतिक संकट पैदा हुआ, Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचार, सेंसरशिप और आर्थिक असमानता के खिलाफ ओली सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. दबाव के बीच ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
नेपाल की राजधानी काठमांडू जब Gen Z प्रदर्शन के हिंसक होने की वजह से आग की लपटों में जल रही थी. तब तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपने लिए सेना प्रमुख से एक हेलीकॉप्टर मांगा था. लेकिन आर्मी चीफ अशोक राज सिगडेल ने ओली के सामने अपनी शर्त रखी. इसी शर्त की वजह से ओली को पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा और उनकी सरकार का पतन हो गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की से फोन पर बात की है. इस दौरान पीएम मोदी ने नेपाल के राष्ट्रीय दिवस पर शुभकामनाएं दीं और दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने की उम्मीद जताई.
सुशीला कार्की रविवार को नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं. उनके शपथ लेने से पहले प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली की सरकार युवाओं द्वारा नेतृत्व किए गए 'Gen-Z' विरोध प्रदर्शन और सोशल मीडिया पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रही थी.
सुशीला कार्की की नई कैबिनेट ने पहला महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 17 सितंबर को राष्ट्रीय शोक घोषित किया है. कैबिनेट ने प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले Gen-Z को शहीद का दर्जा देने का ऐलान किया है. इसके अतिरिक्त पूर्व ओली सरकार के सभी निर्णयों और प्रस्तावों को रद्द कर दिया गया है.
नेपाल में अंतरिम पीएम सुशीला कार्की के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद देश धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है.नेपाल की नई कैबिनेट ने अपना पहला फैसला करते हुए 17 सितंबर को राष्ट्रीय शोक घोषित करने का निर्णय लिया है. सुशीला कार्की की कैबिनेट सरकार ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले युवाओं को शहीद का दर्जा देने का ऐलान किया है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में Gen-Z की क्रांति के बाद नई प्रधानमंत्री चुनी गईं सुशीला कार्की को बधाई देते हुए उनके नाम के आगे RIGHT शब्द का इस्तेमाल किया. आइए समझते हैं कूटनीतिक संवादों में इस टाइटल का क्या मतलब होता है?
नेपाल की Gen-Z क्रांति में अहम रोल निभाने वाले सुदन गुरुंग नई सरकार से नाराज नजर आ रहे हैं. पीएम सुशीला कार्की से न मिल पाने से गुस्से में आए गुरुंग ने कहा कि जिसको प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठा कर आया हूं उसको बाहर निकलने में मुझे अधिक समय नहीं लगेगा. मंत्रियों के चयन में अपनी भूमिका नहीं होने से भी गुरुंग ने अपनी भड़ास निकाली है.
नेपाल की नई सरकार पर सुदन गुरुंग भड़के. शहीदों के परिजनों से मुलाकात न होने और मंत्रियों के चयन में अनदेखी पर जताई नाराजगी.