ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) भारतीय वायु सेना के एक अनुभवी टेस्ट पायलट और अंतरिक्ष यात्री हैं, जो 29 मई 2025 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बनने जा रहे हैं. यह मिशन नासा (NASA), इसरो (ISRO) और स्पेसएक्स (SpaceX) के सहयोग से आयोजित Axiom Mission 4 (Ax-4) का हिस्सा है, जिसमें शुभांशु पायलट की भूमिका निभाएंगे.
शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था. उन्होंने सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और 2005 में नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से कंप्यूटर साइंस में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद, उन्होंने भारतीय वायु सेना अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त किया और जून 2006 में फाइटर पायलट के रूप में कमीशन प्राप्त किया. उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बैंगलोर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (M.Tech) की डिग्री भी प्राप्त की है.
शुक्ला एक अनुभवी फाइटर कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलट हैं, जिनके पास Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, Jaguar, Hawk, Dornier और An-32 जैसे विमानों पर 2000 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव है। मार्च 2024 में उन्हें ग्रुप कैप्टन के पद पर पदोन्नत किया गया. 2019 में, उन्हें इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (IAM) और इसरो द्वारा गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री के रूप में चयनित किया गया. उन्होंने रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण प्राप्त किया और 2021 में भारत लौटकर बैंगलोर स्थित अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण जारी रखा.
शुभांशु शुक्ला की पत्नी डॉ. कामना शुभा शुक्ला एक डेंटिस्ट हैं, और उनका एक बेटा है. उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी हैं, और मां आशा शुक्ला गृहिणी हैं. वह तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं.
भारतीय एस्ट्रोनॉट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने इंडिया टुडे कॉनक्लेव में कहा कि स्पेस में तिरंगा फहराना सबसे बड़ा अचीवमेंट था. मिग-21 से ड्रैगन तक की उड़ान का अनुभव साझा किया. हार से सीख मिलती है. प्रयोगों से स्टेम सेल और फूड सिक्योरिटी को फायदा. गगनयान 2027 में, चांद पर 2040 में पहुंचेंगे.
मुंबई में आजतक के आयोजित कार्यक्रम 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025' में गुरुवार को खासतौर पर आमंत्रित थे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला. जो 29 मई 2025 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बने. यह मिशन नासा (NASA), इसरो (ISRO) और स्पेसएक्स (SpaceX) के सहयोग से आयोजित Axiom Mission 4 (Ax-4) का हिस्सा था. देखें NDA भर्ती का फॉर्म भरने से लेकर उनके गगनयात्री बनने तककहानी उनकी ही जुबानी.
जून 2025 में अंतरिक्ष में 20-दिवसीय मिशन पर जाने वाले शुभांशु शुक्ला ने कहा कि वे न केवल भारत का तिरंगा, बल्कि 1.4 अरब नागरिकों की आकांक्षाएं भी लेकर गए थे. वे अपने साथ भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा डिज़ाइन किए गए वैज्ञानिक प्रयोग भी लेकर गए थे, जो पहली बार भारत द्वारा अंतरिक्ष में सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण अनुसंधान का प्रतीक है.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐतिहासिक #AxiomMission4 की अभूतपूर्व सफलता के उपरांत अंतरिक्ष यात्री एवं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जी का आज पहली बार लखनऊ आगमन हुआ है. उनका आगमन पूरे प्रदेश के लिए गर्व और उत्साह का क्षण है.
Lucknow News: अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अपने गृहनगर लखनऊ पहुंच गए हैं. यहां उनका भव्य स्वागत हुआ. काफी टाइम बाद परिजनों से मिलकर वह भावुक हो गए. इस दौरान उन्होंने मीडिया से कहा-यहां के लोगों का उत्साह देखकर बहुत अच्छा लग रहा है.
अंतरिक्ष से लौटने के बाद पहली बार लखनऊ पहुंचे. शुभांशु शुक्ला का भव्य स्वागत हुआ इस दौरान शुभांशु अपनी मां से मिलकर भावुक हो गए. तीस सेकंड तक दोनों मां-बेटे एक दूसरे को गले लगाए रहे. दोनों की ही आंखों में आंसू थे. शुभांशु ने अपने भाई आशीष से मिलकर कहा कि आखिरकार वह घर आ गए हैं यह मुलाकात एयरपोर्ट पर हुई.
Shubhanshu Shukla News: राज्य अतिथि होने के बावजूद शुभांशु शुक्ला पर घर जाने की कोई कानूनी रोक नहीं है. लेकिन लखनऊ प्रशासन ने साफ किया है कि फिलहाल उनके घर जाने के कार्यक्रम को टाल दिया गया है.
अंतरिक्ष से लौटने के बाद शुभांशु शुक्ला पहली बार अपने गृह शहर लखनऊ पहुंचे हैं. एअरपोर्ट से उनका काफिला गोमती नगर स्थित सिटी मोंटेसरी स्कूल जा रहा है. आज तक ने उनसे विशेष बातचीत की. उन्होंने कहा कि वो काफी रोमांचित हैं क्योंकि बहुत से छात्र छात्राएं और बच्चे ऐसे हैं जिनसे वो मिलने वाले हैं. यह वही स्कूल है जहां से उन्होंने एक सपना देखा था और उस सपने को साकार भी किया. उनके स्वागत के लिए यहां भारी भीड़ इकट्ठा हुई है.
शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष यात्रा से लौटने के बाद पहली बार अपने गृह शहर लखनऊ पहुंचे हैं. लखनऊ एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत हुआ. मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लखनऊ एअरपोर्ट पर पहुंचकर शुभांशु शुक्ला का स्वागत किया. यहां से शुभांशु काफिले के साथ गोमती नगर स्थित अपने सिटी मोंटेसरी स्कूल जा रहे हैं. सीएमएस के करीब 63,000 छात्र वहां उनका स्वागत करेंगे.
स्पेस स्टेशन से लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला लखनऊ पहुंच गए हैं, जहां हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों ने हाथों में तिरंगा और भारत माता की जय के नारों के साथ उनका जोरदार स्वागत किया. हालांकि, शुभांशु अपने घर नहीं जा पाएंगे. सूत्रों का कहना है कि ये फैसला उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है.
नेशनल स्पेस डे पर PM मोदी ने कहा कि भारत स्पेस टेक्नोलॉजी में तेजी से आगे बढ़ रहा है और गगनयान और स्पेस स्टेशन जैसे बड़े मिशन पूरे करेगा. ISRO चेयरमैन वी नारायणन ने भी Chandrayaan-4, Venus Orbiter Mission और 2040 तक चंद्रमा से वापसी जैसे लक्ष्यों की घोषणा की.
अंतरिक्ष मिशन से वापिस लौट शुभांशु शुक्ला ने अपना अनुभव साझा कर बताया कि उनकी अंतरिक्ष यात्रा अविश्वसनीय और रोमांचक रही. अंतरिक्ष में शरीर में कई बदलाव होते हैं, शुरुआती तीन-चार दिन शरीर को अच्छा महसूस नहीं होता, लेकिन फिर आदत हो जाती है. यह मिशन तकनीकी उद्देश्यों को प्राप्त करने में अत्यंत सफल रहा है.
शुभांशु शुक्ला ने इस मिशन के तहत 20 दिन अंतरिक्ष में गुजारे. इनमें से 18 दिन उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर बिताए. वह 26 जून को आईएसएस पर पहुंचे थे और 15 जुलाई को पृथ्वी पर वापस लौटे.
संसद में भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों पर विस्तृत चर्चा हुई जहां मंत्री जितेंद्र सिंह ने देश की अंतरिक्ष प्रगति पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं. उन्होनें शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा के सफलता पर उन्हें बधाई दी और विपक्ष की ओर से अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई न देने पर निराशा व्यक्त की.
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर कदम रखने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. पीएम आवास पर हुई इस मुलाकात में प्रधानमंत्री ने शुभांशु से अंतरिक्ष में उनके अनुभव के बारे में बात की. जुलाई में शुभांशु स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर वापस लौटे थे. उन्होंने स्पेस स्टेशन पर बिताए अपने दिनों और अनुभवों के बारे में पीएम मोदी को बताया.
भारतीय अंतरिक्ष यात्री सुभांशु शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब भारत अंतरिक्ष में अपनी महत्वाकांक्षाओं को नई दिशा दे रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में घोषणा की थी कि भारत अंतरिक्ष में अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाने का प्रयास करेगा. इस महत्वपूर्ण मिशन के लिए शुभांशु शुक्ला का अनुभव अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शुभांशु शुक्ला की मुलाकात प्रधानमंत्री आवास पर हुई. शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में अपने अनुभवों को साझा किया. उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता और शरीर में कई बदलाव आते हैं, वापस पृथ्वी पर आने के बाद चलने में भी कठिनाई होती है क्योंकि मस्तिष्क को नए वातावरण के अनुकूल होने में समय लगता है. शुभांशु ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के भविष्य और गगनयान मिशन पर भी चर्चा की.
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अंरिक्ष मिशन की सफलता पर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत हुई, लेकिन हंगामे के कारण यह आगे नहीं बढ़ सकी. केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने चर्चा की शुरुआत की और विपक्ष को जमकर घेरा.
पीएम मोदी संग मुलाकात में शुभांशु शुक्ला ने अपने मिशन की चुनौतियों और रोमांच को साझा किया, जिसमें उन्होंने इंटरनेशनल क्रू के साथ ISS पर लंबे समय तक अलग-अलग ऑपरेशन में हिस्सा लिया और कई एक्सपेरिमेंट्स किए.
Shubhanshu Shukla ने PM Modi से की मुलाकात, अंतरिक्ष में अपने साथ ले गए तिरंगे को किया भेंट
शुभांशु शुक्ला, एक्सिओम-4 मिशन के अंतरिक्ष यात्री, ने धरती पर लौटने के बाद प्रधानमंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की. यह उनकी पहली औपचारिक मुलाकात थी. इससे पहले प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर उनसे बात की थी. संसद में भी उनके सफल मिशन पर विशेष चर्चा हुई. इस बीच, पहाड़ों में भारी बारिश के कारण दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.