सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) एक राजनीतिज्ञ थे जो भारत के पहले गृह मंत्री और भारत के पहले उप प्रधानमंत्री बने. वह एक बैरिस्टर थे और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सक्रिय सदस्य भी.
वह अहिंसा पर महात्मा गांधी के विचारों से अत्यधिक प्रभावित थे. वह गांधीजी के सिद्धांतों के प्रबल अनुयायी थे. उन्होंने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए जनता की एकता पर दृढ़ता से जोर दिया था. जब गांधी जी जेल में थे, तब कांग्रेस के सदस्यों के कहने पर पटेल ने 1923 में नागपुर में सत्याग्रह का नेतृत्व किया था. उन्होंने भारत के एकीकरण में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई क्योंकि उन्होंने ही भारत की आजादी के बाद लगभग सभी रियासतों को भारत का हिस्सा बनने के लिए राजी किया था.
उनकी वास्तविक जन्मतिथि कभी भी औपचारिक रूप से दर्ज नहीं की गई. लेकिन, उनके मैट्रिक परीक्षा पत्रों के अनुसार, उनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था. उनके पिता का नाम झावेरभाई पटेल और माता का नाम लाडबा था. वल्लभभाई पटेल पांच भाई-बहन थे.
वह सरदार पटेल, भारत के लौह पुरुष, भारत के बिस्मार्क, जैसे कई नामों से लोकप्रिय हुए.
2014 से, उनकी जयंती 31 अक्टूबर को भारत में प्रतिवर्ष 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाया जाता है. 31 अक्टूबर 2018 को, उनकी जयंती पर, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का उद्घाटन किया गया और उन्हें समर्पित किया गया. गुजरात राज्य में स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई लगभग 182 मीटर है.
उन्हें 1991 में मरणोपरांत भारत गणराज्य के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार- भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
साल 1950 में सरदार पटेल का स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ गया. उन्हें जबरदस्त दिल का दौरा पड़ा और 15 दिसंबर 1950 को बंबई (अब मुंबई) के बिड़ला हाउस में उनकी मृत्यु हो गई.
वडोदरा के साधली में राजनाथ सिंह ने एकता मार्च के दौरान नेहरू पर बाबरी मस्जिद के लिए पब्लिक फंड उपयोग की इच्छा का आरोप लगाया और कहा कि पटेल ने इसे होने से रोका था. उन्होंने सोमनाथ-राम मंदिर फंडिंग, भारत रत्न विवाद और पटेल की विरासत को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरदार पटेल ने नेहरू के बाबरी मस्जिद निर्माण के प्रस्ताव को रोका और उनकी सच्ची उदारता और धर्मनिरपेक्षता की मिसाल पेश की. उन्होंने पटेल के प्रधानमंत्री न बनने, स्मारक निधि विवाद और कश्मीर तथा हैदराबाद विलय पर दृष्टिकोण की जानकारी दी. 'एकता पदयात्रा' 150वीं जयंती के मौके पर करमसद से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक आयोजित की जा रही है.
संघ और सरदार पटेल के बीच रिश्तों को लेकर काफी कुछ लिखा पढ़ा गया है. तमाम निष्कर्षों के बाद कुछ लोग यह भी मानते हैं कि सरदार पटेल संघ के उस वक्त के अधिकारियों के लिए घर के बुजुर्ग जैसे थे. जो कभी मदद करते थे तो, कभी डांट भी सुनाया करते थे. एक बार की बात जब गोलवलकर जेल में थे तो पटेल 10 मिनट तक लगातार संघ की कमियों को लेकर बोलते रहे. फिर बारी आई एकनाथ रानडे की. RSS के 100 सालों के सफर की 100 कहानियों की कड़ी में आज पेश है उसी घटना का वर्णन.
भारतीय जनता पार्टी के नेता ने भारत के पहले गृह मंत्री और प्रधानमंत्री सरदार पटेल को 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस खास आयोजन से जाति, वर्ग, धर्म और क्षेत्र से ऊपर उठकर सभी ने भाग लिया, जिससे एकता और राष्ट्रवाद की भावना बढ़ी. सरदार पटेल ने चार सौ से अधिक रियासतों का विलय कर भारत को एकजुट किया था.
बात 1948 की है. नेहरूजी अमृतसर में एक सभा कर रहे थे. मंच पर खड़े नेहरू को दिखा कि स्वयंसेवकों का एक जत्था पथसंचलन करते हुए गुजर रहा है. नेहरूजी संघ के सदस्यों को देखकर उखड़ गए और कहा कि अगर इन लोगों के मार्च ऐसे ही जारी रहे तो मैं भारत की जमीन से RSS को उखाड़ फेंकूंगा. RSS के 100 सालों के सफर की 100 कहानियों की कड़ी में आज पेश है उसी घटना का वर्णन.
लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर 31 अक्तूबर को गुजरात के केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस बड़े उत्साह और भव्यता से मनाया गया. इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और भव्य परेड का आयोजन हुआ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. देखें गुजरात आजतक.
आजतक के खास कार्यक्रम ब्लैक एंड व्हाइट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर कांग्रेस पर हमला किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वंदे मातरम को तोड़ने का फैसला लेकर भारत के विभाजन की नींव डाली थी. कार्यक्रम में सरदार पटेल के भारत और उनके मुस्लिम विरोधी होने के आरोपों का विश्लेषण किया गया. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने अपनी हिंदू पत्नी उषा वेंस के ईसाई धर्म अपनाने की इच्छा व्यक्त की, जिसे उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से प्रेरित माना जा रहा है.
जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने केवडिया कॉलोनी में एक ऐसा स्मारक बनाने का संकल्प लिया जो पूरी दुनिया देख सके. उन्होंने निर्णय लिया कि यहाँ सरदार वल्लभभाई पटेल का एक विशेष स्टैच्यू बनाया जाएगा जिसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी कहा गया. यह स्मारक उनके काम और देश के लिए योगदान के अनुरूप होगा. इस तरह से गुजरात में एक नया ऐतिहासिक स्थल बना जो न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है.
सरदार साहब को उस समय की कांग्रेस सरकारों से उचित सम्मान नहीं मिला था. भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से उन्हें सम्मानित करने में 41 साल लग गए. यह देरी उनके प्रति उस समय की नीतियों और राजनीतिक माहौल की वजह से हुई. आखिरकार, 41 साल बाद उन्हें भारत रत्न का सम्मान दिया गया जो उनकी सेवाओं और देश के प्रति योगदान को मान्यता देता है.
दो हज़ार चौदह से लेकर दो हज़ार पच्चीस तक, हम एकता दौड़ का आयोजन सरदार पटेल जी के सम्मान में करते हैं. इस वर्ष सरदार पटेल की डेढ़ सौवीं जयंती पर देश में विशेष आयोजन होगा. प्रधानमंत्री ने इसे एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम के रूप में पूरे देश में मनाने का निर्णय लिया है. हम सब जानते हैं कि आजादी के आंदोलन में और आजादी के बाद भारत के मानचित्र के निर्माण में सरदार पटेल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर गुजरात के एकता नगर से देश को संबोधित किया. अपने भाषण में उन्होंने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा, 'हम भारत में रह रहे हर घुसपैठिये को बाहर निकालकर के ही रहेंगे.' पीएम मोदी ने कहा कि दशकों से विदेशी घुसपैठिये देश के संसाधनों पर कब्जा कर डेमोग्राफी का संतुलन बिगाड़ रहे हैं, लेकिन पिछली सरकारें वोट बैंक की राजनीति के कारण आंखें मूंदे रहीं.
सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी और आरएसएस पर तीखा हमला बोला है. अखिलेश यादव ने कहा, 'कोई सरदार पटेल बने इस देश में और इस विचारधारा पर फिर बैन लगे.' उन्होंने याद दिलाया कि लौहपुरुष सरदार पटेल ने ही देश को एकजुट किया था, लेकिन उन्होंने ही उस संस्था पर प्रतिबंध लगाया था जिससे बीजेपी निकली है. अखिलेश ने कहा कि देश को आज फिर से एक ऐसे ही सरदार पटेल की जरूरत है जो इस तरह की विचारधारा पर रोक लगा सके.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर गुजरात से देश को संबोधित किया. अपने भाषण में उन्होंने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा, 'हम भारत में रह रहे हर घुसपैठिये को बाहर निकालकर के ही रहेंगे.' पीएम मोदी ने कहा कि दशकों से विदेशी घुसपैठिये देश के संसाधनों पर कब्जा कर डेमोग्राफी का संतुलन बिगाड़ रहे हैं, लेकिन पिछली सरकारें वोट बैंक की राजनीति के कारण आंखें मूंदे रहीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर गुजरात के केवड़िया से देश को संबोधित करते हुए घुसपैठ और कश्मीर पर कांग्रेस को घेरा. पीएम मोदी ने कहा कि 'पुरानी सरकारों ने वोटबैंक की राजनीति के लिए राष्ट्र की सुरक्षा को जान-बूझकर खतरे में डाला'. उन्होंने देश से घुसपैठियों को बाहर निकालने का संकल्प लेने की बात कही.
लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर केवड़िया के एकता नगर में एक भव्य 'एकता परेड' का आयोजन किया गया, जिसका नेतृत्व गुजरात कैडर की आईपीएस ऑफिसर सुमनाला ने किया. परेड के बाद आईपीएस सुमनाला ने कहा, 'जब हम इनीशियली आए थे तो एक दूसरे को जानते भी नहीं थे, लेकिन तीन से 4000 लोग जो परेड करने के लिए आए थे, सभी एक दूसरे को आज जानने लगे हैं और लास्ट में टीम की तरह गए हैं'.
देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजित एकता दिवस परेड के बाद सबकी निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन पर टिकी हैं. विशेषज्ञ पी. के. मिश्रा ने कहा, 'नरेंद्र मोदी जी...जरूर उनके बारे में बताएंगे कि वो भारत के लिए क्या थे, क्या किए थे और अगर वो भारत का प्रधानमंत्री रहते तो आज का स्थिति भारत में क्या होता?'.
राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर केवड़िया में आयोजित एकता परेड में नारी शक्ति के अभूतपूर्व प्रदर्शन ने इतिहास रच दिया, जहाँ CRPF, BSF, ITBP और CISF समेत सभी अर्धसैनिक बलों और पुलिस दस्तों का नेतृत्व महिला अधिकारियों ने किया. परेड के दौरान एक यादगार क्षण वह था जब यह घोषणा की गई: ‘इस बार के सभी फुट कंटिजेन्स का नेतृत्व देश की बेटियां कर रही हैं जो नए भारत की आन और नारी शक्ति की पहचान हैं.’ इस भव्य परेड में BSF के 'ऑपरेशन सिंदूर' में वीरता पदक प्राप्त करने वाले रणबांकुरों ने भी हिस्सा लिया.
सरदार वल्लभभाई पटेल के भारत निर्माण में योगदान और जवाहरलाल नेहरू के साथ उनके गहरे मतभेदों पर केंद्रित है. चर्चा में इतिहासकार प्रोफेसर माखनलाल ने कई बड़े दावे किए. प्रोफेसर माखनलाल के अनुसार, 'कश्मीर की सारी समस्या के जड़ में जवाहरलाल नेहरू और शेख अब्दुल्ला की दोस्ती थी.'
आज देश लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती मना रहा है, जिसे राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया में स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और देशवासियों को एकता की शपथ दिलाई. पूरे देश ने संकल्प लिया कि 'मैं यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ले रहा हूँ जिसे सरदार वल्लभ भाई पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्यों द्वारा संभव बनाया जा सका.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर केवड़िया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्पांजलि अर्पित की. इस अवसर पर यह बात फिर से चर्चा में आई कि '15 में से 12 कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्षों ने सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम का ही चयन किया था.' इसके बावजूद वे देश के पहले प्रधानमंत्री नहीं बन सके. राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने भी भारत के लौहपुरुष को सलामी देते हुए पुष्प वर्षा की.
राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह ने स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर उन्होंने देशवासियों को एकता की शपथ दिलाई, जिसमें कहा गया, 'मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता हूँ कि मैं राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा बनाये रखने के लिए स्वयं को समर्पित करूँगा और अपने देशवासियों के बीच यह सन्देश फैलाने का भरसक प्रयास करूँगा.'