राष्ट्रीय जनता दल (राजद)-RJD एक राजनीतिक दल है, जो बिहार और झारखंड राज्यों में स्थित है. पार्टी की स्थापना 1997 में लालू प्रसाद यादव- Lalu Prasad Yadav ने की थी. वर्तमान में लालू प्रसाद यादव राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.
लालू प्रसाद यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री (1990-1997), पूर्व रेल मंत्री (2004-2009) और लोकसभा के पूर्व सांसद हैं.
पार्टी का समर्थन आधार परंपरागत रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग, दलित और मुस्लिम रहा है और इसे निचली जातियों का राजनीतिक चैंपियन माना जाता है. 2008 में, उत्तर-पूर्वी राज्यों में अपने प्रदर्शन के बाद राजद को मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय स्तर की पार्टी का दर्जा हासिल हुआ. 30 जुलाई 2010 को राजद की राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता रद्द कर दी गई. 165 से अधिक विधायकों के साथ महागठबंधन सरकार का नेतृत्व करते हुए, यह वर्तमान में बिहार में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है. सात ही, बिहार में सत्तारूढ़ पार्टी है, पार्टी के युवा नेता तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री हैं. राजद अपने सहयोगी दलों के साथ झारखंड और केरल में सत्तारूढ़ सरकार का भी हिस्सा है- RJD Bihar Jharkhand.
झारखंड की राजनीति में बड़ा उलटफेर होने की खबरें लगातार आ रही हैं. खबरें भाजपा और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की नजदीकियों को लेकर. कांग्रेस की ओर से इस तरह की खबरों पर विराम लगाने के लिए बयान भी आया. पर जेएमएम की ओर से केवल एक क्रिप्टिक पोस्ट ही आई. मतलब यहां अब भी बहुत कुछ उलझा हुआ है.
बिहार विधानसभा का अध्यक्ष बीजेपी के वरिष्ठ विधायक प्रेम कुमार को चुन लिया गया है. नेता प्रतिपक्ष के तौर पर तेजस्वी यादव ने प्रेम कुमार को बधाई देते हुए नए अंदाज में नजर आए. उन्होंने आक्रामक तेवर अपनाए के बजाय शालीन और गंभीर छवि पेश करने का दांव चला.
लालू परिवार के नए बंगले को लेकर पटना के महुआ बाग इलाके में सियासी विवाद तेज हो गया है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि इस बंगले के निर्माण में भ्रष्टाचार के पैसे लगे हैं. पहले राबड़ी देवी के पुराने बंगले को खाली कराने का आदेश हुआ था, जिस पर भी विवाद हुआ था. लालू यादव का यह निजी बंगला अभी निर्माणाधीन है.
कांग्रेस की बिहार में हार की समीक्षा में बहुत सारे कारण सामने आए हैं, और एक बड़ा कारण आरजेडी के साथ चुनावी गठबंधन भी माना जा रहा है. आरजेडी के भी हारे हुए उम्मीदवारों ने कांग्रेस पर ही सवाल उठाए हैं - तो क्या महागठबंधन खुद अपनी हार के लिए जिम्मेदार है?
बिहार चुनाव में करारी हार के बाद अब विपक्षी महागठबंधन और इसकी अगुवाई कर रही आरजेडी में रार सामने आई है. आरजेडी के हारे उम्मीदवारों ने तेजस्वी यादव की कोर टीम की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं.
बिहार चुनाव में आरजेडी की हार की समीक्षा शुरू हो चुकी है. तेजस्वी यादव खुद भी समीक्षा कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं. हारे हुए उम्मीदवारों के फीडबैक के आधार पर हार के लिए जिम्मेदार नेताओं की भूमिका समझने के प्रयास चल रहे हैं - और पार्टी विरोधी काम का पता चलने पर सख्त एक्शन भी हो सकता है.
बिहार में नीतीश कुमार की नई सरकार पर परिवारवाद को लेकर विवाद छिड़ गया है. खासतौर पर उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को बिना चुनाव लड़े मंत्री पद मिलना मुद्दा बना हुआ है. आरजेडी ने इस मामले को लेकर सरकार पर सख्त निशाना साधा है. परिवारवाद बिहार की राजनीति में एक पुरानी समस्या रही है.
बिहार में मिली जीत के बाद बीजेपी उत्साहित है और पार्टी सोच रही है कि वो बंगाल में भी सफलता हासिल करेगी. लेकिन बिहार की तरह बंगाल जीतना आसान नहीं है. मुस्लिम वोट बैंक, टीएमसी की मजबूत संगठनात्मक पकड़ और ममता बनर्जी की करिश्माई छवि बीजेपी के लिए बड़ी चुनौतियां हैं.
नीतीश कुमार के 10वें कार्यकाल तक पहुंचने की राजनीतिक यात्रा, 7 दिन की पहली CM पारी से लेकर बदलते गठबंधनों और बड़ी चुनावी जीत तक का संक्षिप्त विवरण.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये निर्दलीय प्रत्याशी नहीं, लालगंज से आरजेडी उम्मीदवार रहीं शिवानी शुक्ला हैं जिन्हें 90 हजार से ज्यादा वोट मिले थे.
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य के आरोपों के बाद तेज प्रताप यादव ने खुलकर उनका समर्थन किया और तेजस्वी यादव व संजय यादव पर गंभीर सवाल उठाए. रोहिणी ने कथित गालियों और किडनी दान के बदले सौदेबाजी जैसे आरोप लगाए थे.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद लालू प्रसाद यादव के परिवार में तगड़ी हलचल मची है. उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने अचानक राजनीति से सन्यास लेने और परिवार से नाता तोड़ने की घोषणा की है. इस फैसले ने राजनीतिक गलियारों में तहलका मचा दिया है. रोहिणी आचार्य का यह कदम राजनैतिक विवादों और लालू परिवार के अंदर चल रहे संकट को दर्शाता है.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव के परिवार में हलचल है. उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने अचानक राजनीति से संन्यास लेने का फैसला किया है और उन्होंने लालू परिवार से अपना नाता तोड़ने का ऐलान किया है. इस कदम ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा बढ़ा दी है.
लालू यादव के हस्तक्षेप के बाद तेजस्वी यादव को फिर से आरजेडी विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. और, ये आरजेडी में लालू यादव की राजनीतिक विरासत को फिर से मंजूरी दिए जाने जैसा ही है - और हां, घर का झगड़ा खत्म कराने के लिए अब लालू यादव ने खुद मोर्चा संभाल लिया है. लेकिन, इससे किस पर कितना फर्क पड़ेगा?
राजद की हालिया बैठक में तेजस्वी यादव को विधायक दल का नेता चुनकर पार्टी ने उन पर पुनः भरोसा जताया है. परिवार में जारी तनाव और चुनाव परिणामों के बाद व्यापक चर्चा के बीच लालू यादव ने भी तेजस्वी के नेतृत्व को मजबूत करते हुए उनका हौसला बढ़ाया. बैठक में चुनाव के फीडबैक पर विस्तार से विचार किया गया और खासकर कम अंतर से हारी सीटों के मुद्दे पर रणनीति बनाई गई.
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बिहार चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन और पारिवारिक अंतर्कलह को दरकिनार करते हुए एक बार फिर अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव पर अपना भरोसा जताया है. उन्होंने राजद विधायक दल की बैठक में तेजस्वी को भविष्य का नेता बताया और कहा कि वह आगे भी पार्टी का नेतृत्व करते रहेंगे.
आज का दंगल बिहार में चुनाव नतीजों के बाद के राजनीतिक हालात पर है. और हालात ऐसे हैं कि हार के बाद विपक्षी गठबंधन में घर से बाहर तक हाहाकार मचा है. सबसे पहले तेजस्वी यादव ने आज हार पर समीक्षा बैठक बुला ली. उसमें हार की समीक्षा क्या हुई पता नहीं लेकिन तेजस्वी यादव ने खुद को विधायक दल का नेता चुनवा लिया. उधर एनडीए में सरकार गठन की तैयारियां हैं.
आज दोपहर दो बजे राजद विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई है. यह बैठक तेजस्वी यादव के आवास पर होगी, जिसमें विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार की समीक्षा की जाएगी. इस समीक्षा की बैठक में ब्यापक चर्चा होगी कि क्यों पार्टी को इतनी बड़ी हार का सामना करना पड़ा. बैठक में तेजस्वी यादव नई रणनीतियों पर विचार करेंगे और हार के कारणों की जांच करेंगे.
बिहार चुनाव में हार के बाद लालू परिवार में अंदरूनी कलह सामने आई है. लालू यादव और राबड़ी देवी की बेटी रोहिणी आचार्य ने हार के लिए भाई तेजस्वी यादव, उनके सलाहकार संजय यादव व रमीज नेमत को जिम्मेदार ठहराया है और इन पर अपने साथ बदसलूकी का आरोप लगाया है. रमीज नेमत पर यूपी में हत्या समेत कई गंभीर आरोपों में 11 मुकदमे दर्ज हैं.
लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने राजनीति छोड़ने और परिवार से नाता तोड़ने का ऐलान किया है. रोहिणी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया है कि ऐसा उन्होंने संजय यादव और रमीज के कहने पर किया है.
रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी यादव और उनके दो सहयोगियों संजय यादव और रमीज नेमत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बिहार चुनाव के दौरान लालू परिवार में तनाव और विवाद बढ़े हैं. संजय यादव महेंद्रगढ़ के रहने वाले हैं और कंप्यूटर साइंस में एमएससी व एमबीए कर दिल्ली में प्राइवेट नौकरी कर चुके हैं. तेजस्वी यादव से क्रिकेट खेलते हुए उनकी नजदीकी बढ़ी और 2012 से राजद में सक्रिय हो गए.रमीज नेमत तेजस्वी के क्रिकेट क्लब के साथी हैं, जो चुनावी वार रूम की जिम्मेदारी संभालते हैं.