पुडुचेरी के 30 सीट के लिए अप्रैल-मई 2026 को विधानसभा चुनाव होना है (Puducherry Assembly Election 2026). अगले साल होने वाले इस की तैयारी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी है. केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी एक बार फिर से सियासी दलों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनने जा रहा है. पिछला चुनाव 2021 में हुआ था, जिसमें एनडीए गठबंधन को बहुमत मिला था और एन. रंगासामी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
पुडुचेरी की राजनीति पर लंबे समय से दो प्रमुख गठबंधनों का दबदबा रहा है- एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) और यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन). हालांकि, यहां की राजनीति अक्सर व्यक्तित्व आधारित रही है, जिसमें स्थानीय नेताओं की भूमिका काफी अहम होती है.
2021 के चुनाव में ऑल इंडिया एन.आर. कांग्रेस (AINRC) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के गठबंधन ने सरकार बनाई थी, लेकिन कुछ सीटों पर कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. इस बार कांग्रेस, DMK और अन्य विपक्षी दल सरकार बनाने के लिए रणनीति बना रहे हैं.
पुडुचेरी में अब आम आदमी पार्टी (AAP) भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रही है. इसके अलावा कुछ क्षेत्रीय दल भी छोटे-छोटे गठबंधनों के साथ मैदान में उतर सकते हैं, जो त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति पैदा कर सकते हैं.
पुडुचेरी में 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. 30 सीटों में 16 के बहुमत वाली इस जंग में एनडीए और एसपीए के बीच कड़ी टक्कर तय है. पिछले चुनावी प्रदर्शन, स्थानीय दावेदारों और एनडीए में बढ़ती अंदरूनी नाराज़गी मुकाबले को और जटिल बना रही है.
पुदुचेरी में इलेक्शन मशीनरी 24 घंटे काम कर रही है. 10.21 लाख वोटर्स में से ज्यादातर मतदाताओं को फॉर्म बांटे जा चुके हैं. 4 दिसंबर से पहले EFs जमा न करने पर नाम ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल में शामिल नहीं होगा.