साल 2025 पुडुचेरी के लिए राजनीतिक हलचलों, प्राकृतिक आपदाओं और अधूरे सपनों का साल रहा. केंद्र शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग एक बार फिर जोर-शोर से उठी, लेकिन वर्ष के अंत तक यह सपना भी सपना ही बना रहा. वहीं, इस दौरान मंत्रिमंडल में बिना विभाग के मंत्री की स्थिति और नए राजनीतिक दलों की एंट्री ने सियासी माहौल को और दिलचस्प बना दिया.
साल की बड़ी राजनीतिक घटनाओं में जून 2025 में भाजपा मंत्री साई जे. सरवणा कुमार का एन. रंगासामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से इस्तीफा अहम रहा. ऊसुडु आरक्षित विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले सरवणा कुमार ने दावा किया कि उन्होंने भाजपा हाईकमान के निर्देश पर पद छोड़ा. यह इस्तीफा अचानक और चौंकाने वाला माना गया.
पूरे साल बिना पोर्टफोलियो के मंत्री बने रहे ए. जॉन कुमार
इसके बाद जुलाई में भाजपा के ए. जॉन कुमार को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया, जिससे कैबिनेट की संख्या फिर से छह हो गई. हालांकि, हैरानी की बात यह रही कि जॉन कुमार को अब तक कोई विभाग आवंटित नहीं किया गया और वह पूरे वर्ष बिना पोर्टफोलियो के मंत्री बने रहे. यह मामला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना रहा.
इसी साल भाजपा के ई. थीपैंजन, वी. सेल्वम और जीएनएस राजशेखरन को विधानसभा के नामित सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया. जुलाई में तीन पूर्व नामित सदस्यों के इस्तीफे के बाद यह नियुक्तियां की गईं. वर्तमान में नामित सदस्यों सहित विधानसभा की कुल संख्या 33 है.
पुडुचेरी को राज्य का दर्जा देने की मांग तेज
मुख्यमंत्री एन. रंगासामी, जिनके पास वित्त विभाग भी है, ने मार्च में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 13,600 करोड़ रुपये का कर-मुक्त बजट विधानसभा में पेश किया. सत्तारूढ़ एआईएनआरसी-भाजपा गठबंधन और विपक्षी दलों ने एक बार फिर केंद्र सरकार से पुडुचेरी को राज्य का दर्जा देने की मांग तेज की. दलों का कहना रहा कि केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण चुनी हुई सरकार के अधिकार सीमित हैं.
साल के अंतिम महीनों में भारी बारिश ने पुडुचेरी को प्रभावित किया और 2024 जैसी बाढ़ की आशंकाएं फिर से उभरीं, हालांकि चक्रवात ‘दित्वाह’ अपेक्षा के अनुरूप नुकसान नहीं पहुंचा.
राज्यपाल को सीबीआई जांच की मांग वाले ज्ञापन मिले
राज्यपाल के. कैलाशनाथन को कथित नकली दवाओं के निर्माण और देशभर में उनकी आपूर्ति को लेकर सीबीआई जांच की मांग वाले कई ज्ञापन भी मिले. इस बीच अभिनेता से नेता बने विजय ने 2026 विधानसभा चुनाव से पहले 9 दिसंबर को पुडुचेरी में अपनी पहली राजनीतिक रैली की और यहां की रंगासामी सरकार की खुलकर तारीफ कर राजनीतिक हलकों में नई चर्चाओं को जन्म दिया. वहीं दिसंबर में जोस चार्ल्स मार्टिन ने लक्ष्या जननायक कच्ची नामक नई पार्टी बनाकर चुनावी समीकरणों को और रोचक बना दिया.